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कांग्रेस ने अडानी पर हमले का टेंडर AAP को दिया, केजरीवाल बोल रहे राहुल की भाषा, लोग बोले- सबूत यूट्यूब पर डाल दो सब देख लेंगे

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीजेपी के केन्द्रीय कार्यालय के विस्तार के लोकार्पण के अवसर पर ठीक ही कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त नेता एक साथ, एक मंच पर आ रहे हैं और कुछ दलों ने मिलकर ‘भ्रष्टाचारी’ बचाओ अभियान छेड़ा हुआ है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह भ्रष्टाचारियों और देश विरोधी ताकतों के खिलाफ अभियान छेड़ा है, उससे उनके खेमे में खलबली मची हुई है। उन्हें लग रहा है कि अब बचना मुश्किल है। उन्हें सोते-जागते जेल की काल कोठरी नजर रही है। इसलिए वो अपना अस्तित्व बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। आज आम आदमी पार्टी कांग्रेस की ‘बी टीम’ बन गई है। राहुल गांधी को लेकर मुश्किल में फंसी कांग्रेस ने अब अडानी पर हमले का टेंडर आम आदमी पार्टी को दे दिया है। यही वजह है कि दिल्ली के मुख्यमंंत्री अरविंद केजरीवाल अडानी मामले में राहुल गांधी की भाषा बोल रहे हैं।

भ्रष्टाचारियों की गोद में बैठकर केजरीवाल का बेतुका आरोप

दरअसल मोदी सरनेम विवाद में दोषी पाये जाने और संसद की सदस्यता जाने से आघात राहुल गांधी को लगा, लेकिन उसकी चीख केजरीवाल के मुख से निकली। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान देने में केजरीवाल ने राहुल गांधी और कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया। दिल्ली विधानसभा के अंदर और बाहर जिस तरह केजरीवाल ने राहुल के साथ हमदर्दी जताने की कोशिश की, उससे लगा कि दोनों नेता प्रधानमंत्री मोदी के भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान से पूरी तरह डरे हुए है। केजरीवाल को लग रहा है कि अब जेल जाने वालों में अगल नंबर उनका है। इससे हताश केजरीवाल जिस तरह अडानी का नाम ले रहे हैं, उससे केजरीवाल और राहुल गांधी में फर्क करना मुश्किल हो गया है। मंगलवार (28 मार्च, 2023) को दिल्ली विधानसभा में एक बार फिर अडानी का मुद्दा गूंजा। केजरीवाल ने अडानी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर एक के बाद एक बेबुनियाद और अनर्गल आरोप लगाने में मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ दीं। 

केजरीवाल से आरोपों के सबूत यूट्यूब पर डालने की अपील 

गौरतलब है कि 2019 के आम चुनाव से पहले राहुल गांधी ने राफेल डील मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। आखिरकार राहुल गांधी को कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी। इसके बाद राहुल गांधी अनिल अंबानी का नाम भूल गए। इसी तरह 2024 के चुनाव से पहले उन्होंने अंबानी की जगह अडानी को निशाना बनाना शुरू किया। राहुल की तरह केजरीवाल भी अडानी को लेकर बार – बार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद उनको जमानत नहीं मिलने से केजरीवाल काफी परेशान और हताश है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी पर आधारहीन आरोप लगा रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर लोग केजरीवाल को सलाह दे रहे हैं कि अगर उनके पास सबूत है तो उन्हें यूट्यूब पर डाल देना चाहिए, ताकि आम जनता भी उन सबूतों को देख सके। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट भी इन सबूतों के आधार पर स्वत: संज्ञान ले सके और राहुल गांधी की तरह उन्हें भी न्याय मिल सके।  

विधायी कवच में छुपकर पीएम मोदी पर केजरीवाल का हमला 

आम आदमी पार्टी ने राजनीति में आने के बाद कहा था कि हम भ्रष्टाचार से लड़ने आए हैं सत्ता के लिए नहीं। लेकिन अब वहीं पार्टी भ्रष्टाचारियों के गिरोह में शामिल होकर उसकी भाषा में बोल रही है। केजरीवाल ने विधानसभा से मिले विशेषाधिकार और सुरक्षा की आड़ में प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया।उन्होंने जिस तरह आरोपों की बैछार की, उससे लगता है कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। अब बीजेपी ने केजरीवाल के विवादित बयान के बाद मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल को विधानसभा से बाहर वहीं आरोप दोहराने की चुनौती दी है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने ट्वीट कर लिखा कि केजरीवाल में दम हो तो जो बकवास विधानसभा में की है वो एक बार बाहर मंच से या मीडिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल दें। नहीं तो मतलब आम आदमी पार्टी डरपोक है।

जनता की अदालत करेगी पीएम मोदी की मानहानि का फैसला

इससे पहले अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाकर बुरी तरह फंस चुके हैं। देश के चार बड़े नेताओं ने केजरीवाल पर मानहानि का केस किया था। झूठ बोलकर यूटर्न लेने में उस्ताद केजरीवाल को जब लगा कि उसे कोर्ट से राहत नहीं मिलने वाली है, तो उसने अरुण जेटली, कपिल सिब्बल, नितिन गडकरी और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया से लिखित में माफी मांगी लीं। इससे केजरीवाल की जमकर किरकिरी हुई थी। अब केजरीवाल ऐसे व्यक्ति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है, जो देश का प्रधानमंत्री है और ईमानदारी के मामले में देश उस पर भरोसा करता है। ऐसे में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला कर बहुत बड़ा जोखिम लिया है। हालांकि उसने मानहानि केस से बचने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में बयान दिया, लेकिन इतिहास गवाह है कि जब भी प्रधानमंत्री मोदी पर व्यक्तिगत हमला हुआ है, जनता की अदलात ने हमला करने वालों को कठोर सजा सुनाई है। विधानसभा में झूठ बोलकर केजरीवाल बच सकता है, लेकिन जनता की अदालत में कैसे बचेगा?

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