Home समाचार अयोग्यता, तानाशाही और अहंकार की ध्वजवाहिनी तो कांग्रेस है राहुल जी!

अयोग्यता, तानाशाही और अहंकार की ध्वजवाहिनी तो कांग्रेस है राहुल जी!

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कांग्रेस महिला सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा, ”मोदी सरकार में देश एक ऐसे ट्रेन की तरह है, जिसका ड्राइवर तानाशाह, अयोग्य और अहंकारी है।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के प्रधानमंत्री के लिए जिन शब्दों का चयन किया है वह सीधे तौर पर उनकी ‘अयोग्यता’ और ‘अहंकार’ का जीता-जागता सबूत है। वे ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिसमें तानाशाही की प्रवृत्ति कूट-कूट कर भरी हुई है।

आइये हम कुछ उदाहरणों से जानते हैं कि राहुल गांधी ने ‘अहंकार’, ‘अयोग्यता’ और ‘तानाशाही’ जैसे जिन तीन शब्दों का इस्तेमाल किया है, दरअसल ये कांग्रेस अध्यक्ष और उनके परिवार के नाम के साथ अधिक उपयुक्त लगते हैं।

‘अहंकारी’ नेहरू-गांधी फैमिली
17 जुलाई, 2018 को राहुल गांधी ने कहा, ”I am the congress’’ यानि ”मैं ही कांग्रेस हूं।” राहुल गांधी के इस बयान से स्पष्ट है कि वे खुद को ‘सर्वशक्तिमान’ मानते हैं और अपनी पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को ‘तुच्छ’ समझते हैं।

दरअसल राहुल गांधी को यह भाषा उनके पूर्वजों से विरासत के रूप में मिली है। देश की सत्ता पर 48 वर्षों तक काबिज रहने वाले नेहरू-गांधी परिवार ने अपने इस ‘अहंकार’ का कई बार प्रदर्शन किया है।

भूतपूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अपने अहंकार को तुष्ट करने के लिए बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर को किसी भी कमेटी में कभी जगह नहीं दी।

1969 में राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी को इंदिरा गांधी ने अपने ‘अहंकार’ को आगे रखने के लिए राष्ट्रपति चुनाव हरवा दिया।

वर्ष 1997 में कांग्रेस में शामिल हुईं सोनिया गांधी ने एक साल बाद ही तत्कालीन अध्यक्ष सीताराम केसरी से अपने ‘अहंकार’ के कारण जबरन इस्तीफा ले लिया।

वर्ष 2004 में भूतपूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के शव को सोनिया गांधी ने दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में अपने अहंकार की तुष्टि के लिए नहीं रखने दिया।

तानाशाही तो काग्रेस के डीएनए में है राहुल जी!
कांग्रेस के डीएनए में है, चाहे दंगे भड़काओ, विरोधियों को जेल में डालो, देश के लोगों को आपस में लड़ाओ और किसी भी कीमत पर सत्ता पर कब्जा करो। राहुल गांधी ने जिस तानाशाही प्रवृत्ति की बात की ये कांग्रेस के हुक्मरानों में कूट-कूट कर भरी हुई है।  

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब ये बयान दिया तो वो अपने परिवार और अपनी पार्टी के काले कारनामों को भूल गए। राहुल गांधी यह भूल गए कि किस तरह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और यूपीए चेयरपर्सन रही सोनिया गांधी ने अपने स्वार्थों के लिए मनमानी की। 

1975 में इमरजेंसी लगाई थी इंदिरा गांधी 
कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अपनी मनमानी के लिए किस हद तक जा सकते हैं, उसकी सबसे बड़ी मिसाल है 1975 में लगाई गई इमरजेंसी। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपने तानाशाही दिखाते हुए 25 जून, 1975 की रात को इमरजेंसी लगा दी थी। फ्रीडम ऑफ स्पीच पर रोक लगाते हुए उस वक्त जनता की आवाज उठाने वाले साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी, राजनेता, समाजसेवियों को जेल में डाल दिया गया था। उस दौर को भारतीय राजनीति के काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है। शायद राहुल गांधी को अपनी दादी के इस कारनामे की याद नहीं है, अगर उन्हें यह सब याद होता तो कभी भी भारत की मौजूद राजनीति की तुलना पाकिस्तान से नहीं करते।

जब राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद ये कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है, तो इस वक्तव्य में भी तानाशाही ही थी। 

जिस तरह से सोनिया गांधी ने सीताराम केसरी से अध्यक्ष का पद छीना और उनकी धोती तक खुलवा दी, यह भी तानाशाही ही तो थी। 

2004 से 2014 तक जिस अंदाज में सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को आगे कर देश पर शासन किया वह तो तानाशाही का सबसे बड़ा सबूत है। 

‘अयोग्यता’ के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष बन गए राहुल गांधी
12 सितंबर, 2017 को अमेरिका में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ”भारत की प्रकृति वंशवाद की है।” 13 अक्टूबर, 2017 को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ”अब समय आ गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी राहुल गांधी को सौंप दी जाए।” और, 11 दिसंबर, 2017 को राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष घोषित कर दिए गए। गौरतलब है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी अब तक पांच वर्षों में 34 चुनाव हार चुकी है।

आइये हम कुछ ऐसे अन्य उदाहरण देखते हैं जिसमें राहुल गांधी ने अपनी ‘अयोग्यता’ से लोगों को रू-ब-रू कराया है।

11 जून, 2018 को राहुल गांधी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में बोल रहे थे, वहां उन्होंने भाषण में कहा कि जिन लोगों ने कोका कोला कंपनी की शुरुआत की थी, वो अमरीका में शिकंजी बेचा करते थे।

 

 

 

एनसीसी के बारे में नहीं जानते
24 मार्च, 2018 को कर्नाटक के मैसूर में महारानी आर्ट्स-कॉमर्स कॉलेज की छात्राओं से रूबरू होने के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की दूसरी रक्षा पंक्ति एनसीसी के बारे में कहा कि उन्हें राष्ट्रीय कैडेट कोर के बारे में नहीं पता है।

विश्वेश्वरैया का उच्चारण भी नहीं कर पाते
24 मार्च, 2018 को कर्नाटक की एक सभा में राहुल गांधी ने टीपू सुल्तान, महाराजा कृष्णराज वोडेयार और विश्व प्रसिद्ध इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया का जिक्र किया लेकिन वे सही उच्चारण नहीं कर पाए और बार-बार विश्वसरैया कहा।

लोकसभा में सीटों की संख्या का पता नहीं
वर्ष 2017 में अमेरिका में India at 70: Reflections on the Path Forward टॉपिक पर बर्कले यूनिवर्सिटी में बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा की सीटों की संख्या गलत बताई। लोकसभा में कुल 545 सदस्य होते हैं लेकिन राहुल ने 546 कहा। 

स्टीव जॉब्स के बारे में जानकारी नहीं
19 जनवरी, 2016 को राहुल गांधी मुंबई के नरसी मोंजी मैनेजमेंट कॉलेज में छात्रों को सलाह दी और कहा – उन्‍हें एक दिन इस देश का शासन चलाना है। कई संस्‍थाओं को चलाना है, उन्‍हें माइक्रोसॉफ्ट के स्‍टीव जॉब्‍स की तरह बनना होगा। गौरतलब है कि स्टीव जॉब्स एप्पल के संस्थापक थे। 

महाभारत का कालखंड भी नहीं पता
20 मार्च, 2018 को कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने राहुल गांधी के नाम से एक ट्वीट किया जिसमें महाभारत को 1000 साल पहले की घटना बता दिया।  

मार्शल और एयर मार्शल में अंतर नहीं जानते
16 सितंबर, 2017 को एयर फोर्स मार्शल अर्जन सिंह का का निधन हो गया था। राहुल गांधी ने ट्वीट पर उनको एयर मार्शल लिख दिया था। बता दें कि भारतीय एयरफोर्स में मार्शल मतलब फाइव स्टार का ऑफिसर और एयर मार्शल मतलब चार स्टार की रैंक होती है। 

भारत बड़ा या यूएस, ये भी नहीं जानते
राहुल गांधी के भाषण से पता ही नहीं चला कि वे किसे बड़ा बताना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात यूनाइटेड किंगडम से बड़ा है और अगर यूरोप और यूएस को साथ रख दें तो भारत उससे भी बड़ा है।

इस्केप वेलोसिटी का भी राहुल को पता नहीं
दिल्ली के विज्ञान भवन में नौ अक्टूबर, 2013 को दलित अधिकार सम्मेलन में दलितों के उत्थान पर राहुल गाँधी ने कहा कि दलितों को ऊपर उठने के लिए धरती से कई गुना ज्यादा बृहस्पति ग्रह की ‘इस्केप वेलोसिटी’ जैसी ताकत की जरूरत है।

 

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