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रायसीना डायलॉग में यूरोपियन कमीशन की चीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर की तारीफ, ग्रीन एनर्जी में आत्मनिर्भरता भारत का बड़ा कदम होगा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रायसीना डायलॉग के 7वें संस्करण के उद्घाटन सत्र में पहुंचे। तीन दिन चलने वाले इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि यूरोपियन आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत की जमकर तारीफ की। रायसीना डायलॉग की शुरुआत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने के ऐलान काबिले-तारीफ है। उन्होंने कहा कि आने वाले दशक में भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच संबंध बहुत आवश्यक हैं। आने वाला समय भारत का है।

भारत-ईयू के फंडामेंटल वैल्यूज और कॉमन इंटरेस्ट को देखते हुए साथ चलने की जरूरत
यूरोपियन आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन ने कहा कि भारत और ईयू दोनों के उद्देश्य एक ही हैं। जब हर पांच साल में भारत में चुनाव होते हैं तो पूरी दुनिया की नजरें भारत पर ही होती हैं। पूरी दुनिया जानना चाहती है कि 130 करोड़ लोग आखिर किसको चुनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, भारत और ईयू के फंडामेंटल वैल्यूज और कॉमन इंटरेस्ट को देखते हुए साथ चलने की जरूरत है। हम मौलिक अधिकारों में विश्वास रखते हैं। इसी के जरिए कोई लोकतंत्र मजबूत होता है। इस मामले में भी भारत और हमारी सोच मिलती है।

यूरोप में पहले लोकतंत्र शुरू हुआ, लेकिन अब भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र
ईयू चीफ ने यह भी कहा कि यूरोप में लगभग 2 हजार साल पहले लोकतंत्र शुरू हुआ था, हालांकि अब भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि आपस में सुरक्षित और स्वतंत्र व्यापार प्रगति के रास्ते को खोलेगा। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर ईयू चीफ ने कहा कि कीव के ऊपर इस तरह का हमला रूस की रणनीतिक विफलता है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन से जो तस्वीरें आ रहीं हैं वे दुनिया को चौंका रही हैं। मैंने बूचा का दौरा किया था। मैंने शव सड़कों पर पड़े देखे। बमबारी वाले स्कूल, आवासीय घरों और अस्पतालों को देखा। ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन हैं। उन्होंने कहा कि यूरोप यूक्रेन के साथ खड़ा है और संप्रभुता को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। रूस की यह आक्रामकता यूरोप के लिए भी खतरा हो सकती है। इसीलिए रूस पर प्रतिबंध लगाना जरूरी हो गया।

रायसीना डायलॉग के सातवें संस्करण में छह एजेंडों पर तीन दिन तक होगा मंथन
रायसीना डायलॉग की शुरुआत के समय प्रधानमंत्री मोदी, ईयू चीफ और विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूद रहे। यह रायसीना डायलॉग का सातवां संस्करण है और 27 अप्रैल तक चलेगा। रायसीना डायलॉग के 6 एजेंडे हैं। इसमें कारोबार, प्रौद्योगिकी व विचारधारा, हिंद प्रशांत की स्थिति, जलवायु परिवर्तन औ जल समूह शामिल है। कोरोना महामारी के चलते पिछली बार इस कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के संपन्न किया गया था। लेकिन इस बार सभी मेहमान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग न करके प्रत्यक्ष रूप से मौजूद रहे।

रायसीना डायलॉग में अंतरराष्ट्रीय राजनीति, कूटनीतिक और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए 90 देशों के राजनयिक और एक्स्पर्ट्स इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इस बार अंतरराष्ट्रीय राजनीति, कूटनीतिक और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग भी इसका हिस्सा रहेगा। इसके साथ वैश्विक स्तर की चुनौतियां और कैसे शांति को स्थापित किया जाए ये भी चर्चा में शामिल होगा। इस बार रायसीना डायलॉग 2022 की थीम ‘टेरा नोवा- इंपैसंड, इंपैसियस, इंपेरिल्ड’ रखा गया है।

 

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