देश के इतिहास में यह पहली बार ही हुआ है कि जिस वर्ग की भलाई के लिए, उसकी तरक्की के लिए सरकार ने कानून बनाए, वही वर्ग मुठ्ठीभर ‘आंदोलनजीवियों’ के बहकावे में आकर आंदोलनरत हो गया। खैर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही सियासत शुरू हो गई है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कृषि कानूनों को वापस लेने के बावजूद अपनी ऊल-जलूल मांगों के साथ सियासत की रोटियां सेंकने में लगे हैं।आलोचना करने के साथ ही चापलूसी की सारी सीमाएं लांघी
इससे भी एक कदम आगे बढ़कर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री की आलोचना करने के साथ ही चापलूसी की सारी सीमाएं लांघ दीं हैं। बघेल ने कहा कि जब किसानों का आंदोलन हुआ तो किसानों को कहा गया कि ये बेकार बैठे हैं, इसलिए आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को दलाल कहा गया। ये भी कहा गया कि ये आंदोलनजीवी हैं। लेकिन अंत में किसानों की ही जीत हुई।तब राहुल गांधी की बातों को हंसी में उड़ाया गया
पंचायत राज सम्मेलन में उन्होंने मंच से एक बयान दिया कि राहुल गांधी की हर बात सच साबित हुई। राहुल गांधी ने कहा था लॉकडाउन से आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। कोरोना बढ़ेगा। उन्होंने महंगाई को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी हाल में केंद्र की सरकार को कृषि कानून वापस लेने होंगे…उनकी बातों को । मगर वे सभी बातें सच साबित हुईं।सीएम ने की राहुल गांधी की महात्मा गांधी से तुलना
राहुल गांधी की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट शेयर कर सारी सीमाएं ही लांघ दीं। इसमें उन्होंने अपने नेता राहुल गांधी की तुलना महात्मा गांधी के कर डाली। बघेल ने महात्मा गांधी की ही तरह राहुल गांधी को दूरदर्शी बताया । इसमें भूपेश बघेल ने लिखा – एक अंग्रेज पत्रकार ने महात्मा गांधी के बारे में कहा था कि ‘इतिहास में कोई व्यक्ति इतनी बार सही साबित नहीं हुआ। उसी नैतिक विरासत ने राहुल गांधी को वह नजर दी है, जिससे वे दूर तक देख पा रहे हैं। कोरोना, लॉकडाउन, मंदी से लेकर चीन और किसान कानून तक हर बार वे सही साबित हुए।’
मुख्यमंत्री पद बचाने के लिए और कितना नीचे गिरोगे ?
अपने नेता की चाटुकारिता की हदों को पार करने वाले इस ट्वीट के साथ ही ट्वीटर पर यूजर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ट्रोल करना शुरू कर दिया। यूजर ने लिखा कि मुख्यमंत्री पद बचाने के लिए और कितना नीचे गिरोगे ? चाटुकारिता की भी एक हद होती है, आपने तो सारी सीमाएं हीं लांघ दीं।तलवा चाटना जरूरी है, नईं तो सीएम पद न चला जाए
एक अन्य यूजर दोमेश साहू ने लिखा, ‘तलवे चाटने की जरूरत भी है। आपका सोच बहुत अच्छा है। …त पीना और तलवा चाटना जरूरी है। नईं तो सीएम पद न चला जाए, नहीं तो राहुल को तो दुनिय़ा जानती है ग…..उ के नाम से।’ स्वप्निल अग्रवाल ने लिखा, ‘अब तो मुख्यमंत्री पद भी बच गया और कितना चाटुकारिता करोगे ? थोड़ा काम कर लो, जनता का भला हो जाएगा।’वैसे पप्पू का ज्ञान चमचे ही पचा पाएंगे
एक यूजर ने ट्वीट किया, ‘तुम तो ज्ञानी हो भाई ! वैसे पप्पू का ज्ञान चमचे ही पचा पाएंगे…और किसी के बस का नहीं…।’ वहीं ललित नागर वे ट्वीट का जवाब यूं दिया…’दूर तक को देख पा रहे हैं, लेकिन जहां पर उनकी नजर पड़ती है, वहां सिर्फ वीराना ही हो जाता है…’
मैं अकेला ही था…मेरी कोई ब्रांच नहीं थी
एक अन्य यूजर ने महात्मा गांधी की फोटो के साथ बड़ी व्यंग्यपूर्ण शैली में ट्वीट किया…’मेरे देशवासियों, मैं अकेला ही था…मेरी कोई ब्रांच नहीं थी…इसलिए नकली गांधियों से सावधान रहना’ – महात्मा गांधीकिसी का आपस में कोई लेना-देना नहीं है।
एक और यूजर ने सीएम के कथन पर जबरदस्त चुटकी ली। उसने लिखा, ‘राहुल गांधी और महात्मा गांधी का संबंध ऐसा ही है, जैसे सोनू निगम और नगर निगम का है… किसी का आपस में कोई लेना-देना नहीं है।’चाटुकारिता छोड़कर कुछ चुनावी वादे भी याद कर लो…
सीए संजय केडिया ने ट्वीट किया, ‘गंगाजल की कसम याद है कका….शराबबंदी, किसान कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता और नए रोजगार सृजन…. चाटुकारिता छोड़कर कुछ चुनावी वादे भी याद कर लो…’