भ्रष्टाचार के मामले में NDTV सीबीआई के लपेटे में है। NDTV प्रमुख प्रणब रॉय और राधिका रॉय के घर सीबीआई ने छापे मारी की है। ये छापा ICICI बैंक को लगभग 4 सौ करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में किया जा रहा है। इस बारे में 2010 में एमजे अकबर ने शिकायत की थी। पर NDTV ने बयान जारी कर इसे लोकतंत्र को दबाने का प्रयास और इससे उबर जाने का विश्वास जताया है।
NDTV statement on CBI raids today https://t.co/LlxFJ8ha7w
— NDTV (@ndtv) June 5, 2017
ट्विटर पर प्रतिक्रियाओँ में भी NDTV के समर्थक इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं और सीबीआई की छापेमारी की तुलना आपातकाल से कर रहे हैं।
वाह! सारा भ्रष्टाचार आप करें लेकिन सीबीआई छापा तक न डाले। अगर कुछ गलत नहीं है तो सीबीआई छापे में भी कुछ हासिल नहीं होगा। भ्रष्टाचार हो रहा हो तो वह देश और समाज विरोधी काम नहीं है लेकिन जब भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कार्रवाई होगी, तब वह लोकतंत्र विरोधी काम हो जाता है। लोकतंत्र का भ्रष्टाचार से ऐसा नाता तो न कभी पढ़ा, कभी सुना गया।
Message is clear: any independent voices in media will be bullied and shut down. Black day. https://t.co/lKE93K29cp
— Sreenivasan Jain (@SreenivasanJain) June 5, 2017
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बहुत सही कहा है कि कानून का डर होना जरूरी है और यह सब पर लागू होता है। आप कौन हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने NDTV पर भी चुटकी ली।
Now NDTV’s bleeding hearts are urging our government not to arrest Mr.& Ms. Roy for custodial interrogation!! Such is our society today
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 5, 2017
ऐसे व्यंग्यात्मक भी खुलकर सामने आ रहे हैं कि शशि थरूर, टाइम्स नाऊ जैसे मामलों में तो कानून को अपना काम करने देना चाहिए लेकिन NDTV के मामले में कानून को अलग तरह से सोचना चाहिए।
Law should take its own course against Arnab (cases by Times, Tharoor, etc.) but law should not touch NDTV (financial impropriety & fraud)
— Rahul Roushan (@rahulroushan) June 5, 2017
सवाल ये भी उठ रहे हैं कि बरखा दत्त, राजदीप और NDTV में रहे दूसरे पत्रकारों को जो पद्म सम्मान मिले हैं, अब इस घटना के बाद क्या वे उन सम्मानों को लौटा देंगे?
Hope Rajdeep, Barkha and others NDTV journalists who got Padma Award for their interdependent journalism return it to protest the CBI raids.
— Rahul Roushan (@rahulroushan) June 5, 2017
NDTV प्रमुख के घर छापों से राजनीतिक गलियारे में भी बेचैनी है। पूर्व पत्रकार और आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष को दुख है कि बाकी टीवी चैनल NDTV को अकेला क्यों छोड़ रहे हैं..
It is a shame that other news TV channels are not standby NDTV/Prannoy Roy. Tomorrow they will be targeted.
— ashutosh (@ashutosh83B) June 5, 2017
NDTV को राष्ट्रीय आंदोलन नहीं कर रहा था कि दूसरे टीवी चैनल उनका साथ दें। भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई छापा पड़ा है। यह समय सरकार का साथ देने का है न कि एजेंडा चलाने वालों का। लेकिन, ये बात उन्हें समझ में नहीं आ सकती जो खुद दिन रात एजेंडा चलाते हैं।