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पंजाब में किसानों की मांग पर भगवंत मान का नया पैंतरा, राज्य सरकार से जुड़ी मांगें पूरी कर चुके, बाकी केंद्र सरकार पूरी करेगी

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी अब झूठ बोलने और अपनी बातों से पलटने में माहिर होते जा रहे हैं। पंजाब के किसान भगवंत मान के संगरूर आवास पर पिछले करीब 20 दिनों से धरना प्रदर्शन दे रहे हैं और अपनी मांगे पूरी करने की अपील कर रहे हैं। लेकिन सरकार बनने के बाद से ही पिछले सात महीने से भगवंत मान किसानों की मांगें पूरी करने का झुनझुना थमा रहे हैं। झूठ बोलने और यूटर्न में रिकार्ड बनाने वाले केजरीवाल ने जिस तरह पंजाब चुनाव से पहले कहा था कि पंजाब में पानी की किल्लत दूर करेंगे और 24 घंटे पानी का इंतजाम करेंगे। लेकिन सरकार बनने के बाद कह दिया कि पानी की समस्या दूर करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। अब उसी राह पर चलते हुए भगवंत मान ने नया पैंतरा चला है कि राज्य सरकार से जुड़ी किसानों की मांगें वह पूरी कर चुके हैं और जो केंद्र सरकार से संबंधित हैं उन्हें केंद्र को भेज दिया गया है। यानी वादे केजरीवाल और मान करेंगे और वादे को पूरा केंद्र की मोदी सरकार करेगी।

किसानों ने मुख्यमंत्री के घर के सामने बच्चों के साथ दिवाली मनाई

पंजाब में आम आदमी पार्टी के सरकार के मुख्यमंत्रई भगवंत मान और किसान संगठन आमने-सामने हो गए हैं। सीएम के संगरूर आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन समय के लिए धरने पर बैठे किसानों ने अपने बच्चों के साथ धरनास्थल पर ही दिवाली मनाई। इस दौरान किसानों ने पटाखे चलाए और मिठाइयां बांटी। किसानों ने इस धरना प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार द्वारा मांगे नहीं मानने के विरोध में पंजाब सरकार मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। किसानों ने स्पष्ट किया कि यदि मांगे नहीं मानी गई तो 29 अक्टूबर को बड़े एक्शन की घोषणा की जाएगी। पंजाब के 16 जिलों में 31 जगहों पर किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा प्रदर्शन कर रही है। किसानों ने 7 कैबिनेट मंत्रियों और 24 विधायकों के घरों का घेराव किया है। सिर्फ आम आदमी पार्टी ही नहीं, सभी पार्टियों के चुने गए विधायकों के घरों के घरों के बाहर प्रदर्शन चल रहे हैं। किसानों का आरोप है कि पंजाब सरकार उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही और उनकी कुछ नीतियां पंजाब विरोधी हैं।

राज्य सरकार से जुड़ी सभी मांगे पूरी की जा चुकीः भगवंत मान

इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार से जुड़ी सभी मांगें पूरी की जा चुकी हैं। जो मांगे केंद्र से संबंधित हैं, उन्हें वहां भेज दिया गया है। राज्य सरकार लगातार उनकी पैरवी भी कर रही है। किसानों से कई बार मीटिंग भी हो चुकी है। वहीं किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने झूठे वादे कर लोगों को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि धरने के दौरान जान गंवाने वाले 2 किसानों के परिवारों को 10-10 लाख रुपए मुआवजे की मांग पर अभी तक सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। किसान नेता ने कहा कि उनकी मांगे भगवंत मान को पूरी करनी हैं। उनके साथ कई बार मीटिंग करनी पड़ती हैं। पहली बार मांग मनवाने और फिर उसे लागू करवाने के लिए भी धरना देना पड़ रहा है।

संगरूर में तीन किलोमीटर रास्ते पर बैठे हैं किसान

संगरूर में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन संगरूर-पटियाला मुख्य मार्ग पर चल रहा है। पटियाला बाइपास से फ्लाईओवर तक करीब 3 किलोमीटर के रास्ते पर किसान बैठे हैं। किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉली और लंगर का सामान सड़क के दोनों किनारों पर रखा है। किसानों की रोजाना की जरूरत का अन्य सामान भी वहीं रखा है।

पंजाब सरकार नहरों के पानी को प्राइवेट हाथों में देने जा रही

किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार नहरों के पानी को प्राइवेट हाथों में देने जा रही है। जिन्हें कंपनियां साफ कर पंजाब के लोगों को बेचेंगी। यह विश्व सेहत संगठन का प्रोजेक्ट है, जिस पर रोक लगनी चाहिए। इसके अलावा पंजाब सरकार ने वादे अनुसार अभी तक किसानों पर किए गए पर्चों को रद्द नहीं किया है। इतना ही नहीं, उद्योगपति जमीन के पानी को गंदा कर रहे हैं और सरकार का उनकी तरफ ध्यान नहीं है। इसके साथ स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार फसलों की अदायगी, सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी, कॉर्पोरेट जगत की तरफ से पानी को दूषित करने, किसान संघर्ष में मारे गए किसानों को मुआवजा व नौकरी की मांग किसानों ने उठाई है, लेकिन सरकार इनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही।

पंजाब में भी 24 घंटे मुफ्त बिजली और पानी देंगेः केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब चुनाव से पहले कहा था कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो दिल्ली की तरह ही पंजाब में भी 24 घंटे मुफ्त बिजली और पानी देंगे। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर भी हमारा स्टैंड एकदम क्लियर है कि हम किसानों की मांग के समर्थन में खड़े हैं।

किसानों की प्रमुख मांगें-

1. किसानों को खराब फसलों का मुआवजा जल्द दिया जाए।

2. भूजल व दरिया के पानी कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने की जल नीति रद्द की जाए।

3. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत किसानों को मार्केट रेट अनुसार मुआवजा व तीस फीसदी उजाड़ा भत्ता दिया जाए।

4. बड़ी कंपनियों का दूषित पानी धरती में जाने से रोकने व पानी डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

5. जमीन को समतल करने का हक छीनने वाला कानून रद्द किया जाए।

6. पराली की संभाल के लिए 200 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दें और पराली को आग लगाने वाले किसानों पर सख्ती बंद की जाए।

7. धान की बिजाई पूरी तरह से बंद करने के लिए अन्य फसलों पर MSP दें।

8. किसान मजदूरों पर दर्ज किए गए केस रद्द किए जाएं।

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