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हिमाचल की रणभूमि को जीतने को बीजेपी ने बनाया मेगा प्लान, विधानसभा चुनाव के लिए PM MODI की महारैलियां बनेंगी मुख्य आकर्षण, बागियों से कांग्रेस उम्मीदवार मुश्किल में फंसे 

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हिमाचल प्रदेश में चुनाव लड़ने वाले उम्‍मीदवारों की सूची जारी होने के बाद अब चुनाव प्रचार की गहमा-गहमी तेज हो रही है। राजनीतिक पार्टियां अपने बड़े नेताओं की रैली कराने की प्लानिंग कर रही हैं। इसमें बीजेपी ने बाजी मार ली है, क्योंकि कांग्रेस तो अभी राहुल गांधी की यात्रा में बिजी है और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे अभी अपनी टीम ही बनाने में लगे हैं। इस बीच सत्‍तारूढ़ बीजेपी ने विधानसभा की सभी 68 सीटों के लिए चुनाव प्रचार की योजना बना ली है। इसी साल हुए पांच राज्यों के चुनाव की तरह हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका काफी अहम होगी। वह चुनाव प्रचार अभियान के मुख्य आकर्षण के केंद्र-बिंदु होंगे। क्योंकि पीएम मोदी की चुनावी रैलियों में सबसे ज्यादा लोग उन्हें सुनने के लिए एकत्रित होते हैं।हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के होगा पीएम मोदी की रैलियों का आगाज
यूपी में बीजेपी सरकार की वापसी का इतिहास रचने में पीएम मोदी की रैलियों की ही अहम भूमिका रही थी। इसी से उत्साहित बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पीएम मोदी की रैलियों का प्लान तैयार किया है। प्रदेश की सभी 68 सीटों के लिए खास प्‍लान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश में चार बड़ी चुनावी रैलियां करेंगे। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक ऐसी संभावना है कि पीएम मोदी 5 नवंबर को एक-के-बाद-एक लगातार दो रैलियों को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी पहली रैली शिमला लोकसभा सीटी के तहत आने वाले सोलन जिले में और दूसरी रैली मंडी लोकसभा सीट के तहत आने वाले सुंदर नगर में हो सकती है।

डबल इंजन सरकार के काम और पार्टी के एजेंडे को जनता तक पहुंचाएंगे प्रधानमंत्री
बीजेपी ने जो संभावित प्लान तैयार किया है, उसके तहत चार दिन बाद पीएम मोदी फिर हिमाचल प्रदेश आएंगे। प्रधानमंत्री 9 नवंबर को दोबारा से हिमाचल प्रदेश के दौरे पर जाएंगे। पीएम मोदी उस दिन भी दो रैलियों को संबोधित कर सकते हैं। वह 9 नवंबर को पहली रैली हमीरपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले चांबी में और इसके बाद कांगड़ा लोकसभा सीट के तहत आने वाले शाहपुर में दूसरी रैली को संबोधित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5 और 9 नवंबर को होने वाली रैलियां काफी महत्‍वपूर्ण हैं। दो चरणों में चुनावी रैलियों को संबोधित कर पीएम मोदी विधानसभा की सभी 68 सीटों तक डबल इंजन की सरकार के काम और पार्टी के एजेंडे को पहुंचाएंगे।

देवभूमि के चुनावी समर पर बीजेपी अध्यक्ष नड्डा और अमित शाह भी करेंगे फोकस
विधानसभा चुनाव-22 का बिगुल बजते ही बीजेपी ने पीएम के अलावा अन्य नेताओं को भी देवभूमि के चुनावी समर में उतारने का निर्णय लिया है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए योजना तैयार कर ली है। इसके तहत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह समेत के कई दिग्‍गज और लोकप्रिय नेता भी हिमाचल में चुनाव प्रचार करने पहुंचेंगे। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी प्रदेश में भाजपा के पक्ष में वोट मांगेंगे।

बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्‍यनाथ 9 नवंबर को ठियोग में करेंगे रैली
उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्‍यनाथ भी हिमाचल प्रदेश में भाजपा के लिए वोट मांगेंगे। योगी आदित्यनाथ 9 नवंबर को ठियोग में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में रैली करेंगे। भाजपा ने इसको लेकर ठियोग के पोटैटो ग्राउंड की बुकिंग करवाई है। चुनावों में पीएम मोदी के अलावा योगी आदित्‍यनाथ की काफी डिमांड रहती है, ऐसे में उनके लिए विशेष योजना बनाई जाती है।

कई सीटों पर बगावत से चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों की राह और मुश्किल
दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में सत्ता की वापसी की कोशिश में लगी कांग्रेस के लिए राह और मुश्किलों भरी हो गई है। पार्टी में पहले से कई गुट होने के साथ-साथ टिकट बंटवारे से कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में खासी नाराजगी है। इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है। हिमाचल प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस से नाराज नेता पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं। पार्टी की तरफ से टिकट नहीं मिलने पर इन सीटों पर नेता बागी होकर कांग्रेस प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा रहे हैं। रामपुर में कांग्रेस पार्षद विशेषर लाल बागी हो गए हैं। विशेषर लाल के निर्दलीय लड़ने से कांग्रेस प्रत्याशी और मौजूदा विधायक नंदलाल के वोट बैंक में सेंध लग सकती है। इसी तरह चौपाल से कांग्रेस के 2 बार के विधायक डॉ. सुभाष मंगलेट भी बागी हो गए हैं, जिससे वोटों का बंटवारा होगा। पूर्व विधायक जगजीवन पाल ने पार्टी से बगावत कर ली है। जगजीवन पाल ने भी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी जगदीश सिपहिया के खिलाफ नामांकन कर टेंशन बढ़ा दी है।

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