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केदारधाम से नरेन्द्र मोदी का पुराना नाता, प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक 6 बार कर चुके हैं बाबा केदार के दर्शन

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बाबा केदार में गहरी आस्था है। इसलिए प्रधानमंत्री बनने से पहले भी बाबा केदार के दर्शनों को आए करते थे। लेकिन प्रधानमंत्री बनने और काफी व्यस्तता के बावजूद नरेन्द्र मोदी बाबा के दर्शनों के लिए समय-समय पर आते रहे हैं। नरेन्द्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो अपने 8 सालों के कार्यकाल में 6 बार केदारनाथ के दर्शन के लिए आ चुके हैं। हर दौरे में उन्होंने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण का निरीक्षण किया और जरूरी दिशा निर्देश दिया। प्रधानमंत्री मोदी इस धार्मिक स्थल को दिव्य व भव्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार (21 अक्टूबर, 2022) की सुबह छठी बार केदारधाम पहुंचे और बाबा का दर्शन और पूजन किया। साथ ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। इस दौरान केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना करते हुए देश की समृद्धि और खुशहाली के साथ कल्याण की मंगल कामना की। आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल पर पहुंचकर दर्शन किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान नंदी का आशीर्वाद लेकर मंदिर की परिक्रमा की। मंदिर में पूजा अर्चना के बाद बाहर आकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया। 

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी एक खास ड्रेस में दिखे। इसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो ड्रेस पहनी वह हिमाचल की खास ‘चोला डोरा’ ड्रेस है। इसे हाल ही में उनको हिमाचल दौरे पर गिफ्ट की गई थी। ‘चोला डोरा’ हिमाचल के चंबा की खास पोशाक है। इसे शिव की पूजा या अराधना करते वक्त पहना जाता है। इस पर बहुत अच्छी हस्तकला है। हिमाचल के लोगों का कहना कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसे पहनकर चंबा और हम सबका मान बढ़ाया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एटीवी (ऑल टेरिल व्हीकल) के पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए रोप-वे का शिलान्यास किया। 1267 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 9.7 कि.मी. के इस रोप-वे के बनने से श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन के लिए सुगमता होगी। गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंचने में अभी श्रद्धालुओं को 6 से 7 घंटे लगते हैं। इस रोप-वे के बन जाने से यह यात्रा सिर्फ आधा घंटे में पूरी हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2013 की आपदा के बाद धाम में पुर्ननिर्माण कार्य किया जा रहा है। यह पुर्ननिर्माण कार्य प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इसके बाद केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में लगे श्रमजीवियों के साथ बैठकर उनसे मुलाकात भी की। साथ ही उनका हौंसला बढ़ाया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल के अलावा विधायक शैला रानी रावत, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, एसपी आयुष अग्रवाल, तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण, कुबेर नाथ आद‍ि मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह है। अपने प्रिय प्रधानमंत्री को देखने के लिए स्थानीय लोगों में काफी बेसब्री देखाई दी। एक स्थानीय बुजर्ग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक नेता है। वो हमारी धरती पर आ रहे हैं। उन्होंने चौमुखी विकास किया है। भोजन दिया है। गरीबों को मकान दिया है। बात करते हुए बुजुर्ग भावुक भी हो गए। वहीं प्रधानमंत्री मोदी को देखने की ललक महिलाओं में भी दिखाई दी। देखिए वीडियो…

प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेन्द्र मोदी अब तक 6 बार केदारनाथ धाम आ चुके हैं। इससे पहले 3 मई 2017, 30 अक्टूबर 2017, 7 नवंबर 2018, 18 मई 2019 और 5 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री केदारनाथ आए थे। प्रधानमंत्री बनने के पहले भी वह कई बार यहां का दौरा कर चुके हैं। दरअसल, केदारनाथ और भगवान शंकर प्रधानमंत्री मोदी की आध्यात्मिक चेतना से गहरे जुड़े हुए हैं। यह रिश्ता उनके जवानी के दिनों से है, जब उन्होंने राजनीति में भी कदम नहीं रखा था।

21 अक्टूबर 2022 : बाबा केदार के दर्शन और पूजन

5 नवंबर 2021 : बाबा केदार के दर्शन और पूजन

18 मई 2019 : बाबा केदार के दर्शन और पूजन

7 नवंबर 2018 : बाबा केदार के दर्शन और पूजन

30 अक्टूबर 2017 : बाबा केदार के दर्शन और पूजन

3 मई 2017 : बाबा केदार के दर्शन और पूजन

नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने से पहले 80 और 90 के दशक में तो कई दिनों तक केदारपुरी में ही रहकर बाबा की साधना में लीन रहते थे। अस्सी के दशक में उन्होंने डेढ़ माह तक केदारपुरी में मंदाकिनी नदी के बायीं ओर स्थित गरुड़चट्टी में साधना की थी। तब वे हर रोज बाबा के दर्शनों के लिए केदारनाथ मंदिर में पहुंचते थे। तीन दशक बाद साल 2019 के लोकसभा चुनाव की मतगणना से 5 दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी केदारधाम पहुंच गए। यहां उन्होंने 17 घंटों तक रुद्र गुफा में भगवान शिव की अराधना की और भगवा वस्त्र धारण कर ध्यान लगाया। केदारनाथ धाम की ध्यान गुफा में उन्हें देखकर हर कोई हैरान था।

गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी जब अपनी युवावस्था में थे, तब उन्होंने शांति और ईश्वर की तलाश में घर छोड़ दिया था। इस दौरान तकरीबन तीन सालों तक वह हिमालय की पहाड़ियों में रहे। उन्होंने अपना पूरा समय तपस्या और साधना में बिताया। इस दौरान केदारनाथ की बर्फीली वादियों में युवा नरेन्द्र मोदी का काफी समय गुजरा था। कहते हैं कि इस दौरान किसी साधु ने उनकी युवावस्था का हवाला देकर उन्हें समाजसेवा करने की सलाह दी, जिसके बाद नरेन्द्र मोदी वापस गुजरात लौट आए और राजनीति के जरिए जनसेवा की राह चुनी।

हिमालय और केदारनाथ के सान्निध्य का ही असर है कि प्रधानमंत्री के भाषणों और विचारों में यदा-कदा आध्यात्मिक झलक दिखाई देती है। चाहे काशी विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार हो या फिर उज्जैन के महाकाल मंदिर का, प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों ही प्रोजेक्ट्स में व्यक्तिगत रूचि दिखाई तो इसके पीछे महादेव के प्रति उनकी भक्ति भावना ही थी। इसी के चलते प्रधानमंत्री बनने के बाद साल 2013 की त्रासदी में तबाह हो चुके केदारनाथ धाम के जीर्णोद्धार का जिम्मा भी उन्होंने उठाया और समय-समय पर उसके लिए हो रहे कामों का निरीक्षण करने के लिए भी केदारपुरी आते रहे।

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