पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, लेकिन जब यही पत्रकार फोटोशॉप कर फेक न्यूज फैलाने में जुट जाएं तो पूरी पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो जाता है। आज कुछ ऐसे ही बड़े पत्रकार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ फेक न्यूज फैलाते हुए पकड़े गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन दिनों चीन के दौरे पर हैं। डोकलाम विवाद के बाद इस दौरे को दोनों देशों के रिश्तों में विश्वास बहाली का एक अभूतपूर्व कदम माना जा रहा है। गौरतलब है कि पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच व्यक्तिगत रिश्ते भी बेहद मजबूत हैं, इसलिए पूरी दुनिया की नजरें इन दोनों की मीटिंग पर लगी हुई है।
दुनिया के दो दिग्गज देशों के राष्ट्राध्यक्ष बड़े उद्देश्यों के तहत सह अस्तित्व, शांति और सद्भावना का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। जाहिर है मौका ऐतिहासिक है, लेकिन कांग्रेस समर्थित एजेंडा पत्रकार इसमें भी ‘ओछी’ हरकत पर उतर आए हैं। आरोप है कि कांग्रेस की शह पर एजेंडा मीडिया झूठे तथ्यों से मुद्दों को गढ़ता है और दुष्प्रचार करके नफरत और असहिष्णुता का माहौल पैदा करता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के न्यूज को फोटोशॉप कर सर्कुलेट किया
विश्व कूटनीति में ऐसे विरले ही मौके आये हैं जब दो देशों के प्रमुख लगातार दो दिनों तक एक दूसरे के साथ रहे हों और अधिकारियों की अनुपस्थिति में, प्रोटोकाल के तामझाम से दूर रहकर बातचीत की हो। इस ऐतिहासिक मौके पर कई अखबारों ने रिपोर्टिंग की है और देश के प्रतिष्ठित अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने भी इसे प्रथम पृष्ठ पर स्थान दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने- ‘Modi, XI will meet 6 times in 24 hours’ शीर्षक से खबर छापा। लेकिन इस शीर्षक को फोटोशॉप कर बना दिया गया ‘Modi, XI will mate 6 times in 24 hours’ जाहिर है एक शब्द के बदलाव से अर्थ का अनर्थ कर दिया गया। इसके बाद कई तथाकथित नामी पत्रकार प्रधानमंत्री मोदी ही नहीं बल्कि देश का मजाक उड़ाने में जुट गए।
पत्रकारिता को शर्मसार करने वाले चेहरों को पहचानिए
देश को अपनित करने वाली इस खबर को फैलाने में कई बड़े पत्रकार शामिल हैं। इकोनॉमिस्ट के स्टेनली पिग्नल, सैकत दत्ता, कारवां के विनोद के जोस, फाइनेंसियल एक्सप्रेस की स्मिता वर्मा, सीएनएन के रवि अग्रवाल के साथ लेखक विलियम डेलरेम्पल भी इस झूठी खबर को फैलाने में आगे रहे। इसके साथ कई और पत्रकार इस फेक खबर को फैलाते चले गए.. ये खबर इतनी फैली की टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस खबर के दुष्प्रचार पर सफाई भी दी कि गलत खबर फैलाई जा रही है।
आइये हम उन बड़े पत्रकारों के नामों पर नजर डालते हैं जो इस कुत्सित अभियान का हिस्सा हैं-
विलियम डेलरेमपल @DalrympleWill
रवि अग्रवाल@RaviReports
रॉकी और मयूर@rockyandmayur
स्मिता वर्मा@sscribbles
सोनिया सरकार@sonia_26
दीप हलदर@daipayanhalder
वीनू वेणुगोपाल@veenavenugopal
निलिम दत्ता@NilimDutta
विनोद के जोस@vinodjose
फेक न्यूज के पीछे कांग्रेस पार्टी का हाथ!
प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर मजाक उड़ाने वाले इस फोटोशॉप न्यूज के पीछे कांग्रेस का हाथ माना जा रहा है। कई वरिष्ठ पत्रकारों के मुताबिक ऐसी हरकत कांग्रेस की डिजिटल मीडिया हेड दिव्या स्पंदना पहले भी कर चुकी है। इस फेक न्यूज को प्रचारित करने वाले कई ऐसे हैं, जो छद्म नाम से सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट चला रहे हैं। ये कांग्रेस पार्टी की उस अभियान का हिस्सा हैं जो मोदी विरोध के नाम पर देशहित का विरोध करने में भी नहीं हिचकिचाता है।
पहले भी ऐसी हरकत कर चुकी है कांग्रेस
15 जनवरी को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपनी 6 दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर भारत आए। इसी दौरान कांग्रेस पार्टी ने गिरी हुई हरकत की। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री मोदी के बारे में एक बेहूदा वीडियो शेयर किया। इसमें तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ गले मिलते हुए दिखाया गया था, और पीएम मोदी की गले मिलने की कूटनीति का मजाक उड़ाया गया था। इसी तरह जब जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपनी पत्नी के साथ भारत आए थे, तो फोटो सेशन के दौरान पीएम मोदी के एक्शन पर भी मजाक उड़ाया गया था।