दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जू-इन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश में दोबारा सत्ता में आने की भविष्यवाणी कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली में संवाददाताओं से संयुक्त बयान में कहा कि वह 2020 में पीएम मोदी की कोरिया यात्रा की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘ …और तब तक मुझे उम्मीद है कि हम विभिन्न बहुपक्षीय सम्मेलनों में अपनी घनिष्ठ बातचीत जारी रखेंगे।’
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जू-इन चार दिवसीय भारत यात्रा पर आए हैं। इस यात्रा के दौरान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून और पीएम मोदी के बीच हैदराबाद हाउस में बातचीत हुई। बातचीत के दौरान भारत-दक्षिण कोरिया के बीच 7 समझौते हुए। उसके बाद संवाददाताओं के समक्ष संयुक्त बयान में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने कहा कि वह 2020 में प्रधानमंत्री की कोरिया यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस तरह मून जे-इन ने माना कि 2019 के चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी दोबारा सत्ता में लौटेंगे और पीएम बने रहेंगे।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति से पहले भी कई प्रमुख लोगों को लगता है कि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। उनके मुकाबले में कोई नहीं। आइए देखते हैं उसकी एक झलक
चीन ने भी माना मोदी बने रहेंगे पीएम
आम चुनाव अभी एक साल दूर है, लेकिन चीन की नजर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 का चुनाव जीतने के सबसे प्रबल दावेदार हैं। चीन ने मान लिया है कि 2019 के बाद भी नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। भारतीय मामलों से जुड़े चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयू ने यह संकेत दिया कि अब चीन आखिर क्यों मोदी के इतना करीब आ रहा है। उन्हें लगता है कि 2019 के बाद भी नरेंद्र मोदी भारत के पीएम रहेंगे। कोंग शुआनयू का कहना है कि शी जिनपिंग और पीएम मोदी दोनों के पास सामरिक दृष्टि और ऐतिहासिक जिम्मेदारी है और दोनों को अपनी जनता का व्यापक समर्थन हासिल है।
चीनी मीडिया भी मान रहा कि जारी रहेगा पीएम मोदी का दौर
चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ झेन बो का मानना है कि बीजेपी ने प्रभुत्व की उपलब्धि हासिल कर ली है। चीन के सरकारी अखबार में एक और विशेषज्ञ ने लिखा है कि पीएम मोदी 2019 के लिए होने वाले चुनावों के केंद्र में रहे हैं, इसलिए चीन को बदलाव की इस हकीकत को स्वीकार करना चाहिए कि भाविष्य में भारतीय राजनीति ऐसी होगी कि उसकी घरेलू और विदेश नीति में एक साफ नीति झलकेगी। चीनी अखबार ने यह भी लिखा है कि मोदी को लोगों ने विकास पुरुष के तौर पर चुना है और मोदी ने यह साबित किया है कि वह जुमले मारने वाले एक नेता से बढ़कर काम करने वाले शख्स हैं।
2019 में नहीं कर पाएगा कोई मुकाबला
जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर एडम ज़ीगफेल्ड का मानना है कि हाल ही में खत्म हुए विधानसभा चुनावों से सिद्ध होता है कि बीजेपी और मोदी की लोकप्रियता और आम लोगों में स्वीकार्यता में 2014 के मुकाबले कोई बदलाव नहीं आया है। अमेरिकन एंटरप्राइज़ इंस्टीट्यूट में रेज़ीडेंट फेलो सदानंद धूमे के मुताबिक इन चुनावों के बाद प्रधानमंत्री मोदी निश्चित रूप से 2019 के लिए सबसे फेवरिट यानी लोकप्रिय विजेता के रूप में स्थापित हुए हैं। उनका कहना है कि 2019 के लिए ‘मोदी फ्रंट रनर’ हैं। साउथ एशिया प्रोग्राम, कार्नेजी एंडाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के विशेषज्ञ मिलन वैष्णव के मुताबिक इन चुनावों ने साबित कर दिया है कि लोग प्रधानमंत्री मोदी को ‘मैन ऑफ एक्शन’ मानते हैं।
2019 में फिर बनेंगे मोदी प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता सभीके सिर चढ़कर बोल रही है। अमेरिका के सबसे बड़े अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने कुछ दिन पहले छापा था कि मोदी 2019 के लोकसभा चुनावों में फिर से जीत हासिल करेंगे। जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ एवं प्रोफेसर एडम जीगफेल्ड के मुताबिक अखबार ने खबर छापी है।
राजनीतिक एक्सपर्ट जीगफेल्ड का कहना है कि वैसे तो राज्यों के चुनावों से लोकसभा चुनावों का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन जो प्रचंड जीत मोदी ने हासिल की है, उससे तय है कि मोदी 2014 की तरह ही 2019 में दोबारा जीत हासिल करके फिर प्रधानमंत्री बनेंगे।
2024 तक हराना मुश्किल-प्रकाश अंबेडकर
दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने हाल ही में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि साफ-सुथरी है और कांग्रेस 2024 तक बीजेपी को सत्ता से हटा नहीं सकती। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस श्री मोदी की छवि का मुकाबला नहीं कर सकती। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि एक नेता के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की साफ-सुथरी छवि अब तक कायम है। प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में कांग्रेस के दागदार अतीत की बातें करते हैं जिसका मुकाबला नहीं किया जा सकता। कांग्रेस 2024 तक बीजेपी को नहीं हरा सकती।
मुझसे बहुत बड़े नेता हैं पीएम मोदी-देवगौड़ा
”मैं 85 वर्ष का हूं और दोबारा प्रधानमंत्री बनने की मेरी महत्वाकांक्षा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझसे बहुत बड़े नेता हैं।” The Economic Times में छपे इस इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने खुले मन से ये स्वीकार किया है कि पीएम मोदी से बड़ा नेता आज देश में नहीं है। दरअसल वर्तमान भारतीय राजनीति में पीएम मोदी वो चेहरा हैं जिनके आस-पास कोई अन्य नेता खड़ा हो पाने की हैसियत नहीं रखता है। सवा सौ करोड़ देशवासियों की आशा और आकांक्षा के प्रतीक बने पीएम मोदी महिलाओं, युवाओं के मन-मस्तिष्क पर तो छा ही चुके हैं, साथ ही देश के बाल मन पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ चुके हैं।
उमर अबदुल्ला ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
डोकलाम विवाद में भारत की सफल कूटनीति को नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सराहा। उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी और उनकी टीम को बधाई देते हुए लिखा कि ये इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने बिना किसी गरज और धमक के चीन पर अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी।
India getting the better of China is all the more remarkable because it was done without any chest thumping & bluster.Kudos PM Modi & team
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 28, 2017
मोदी विरोध में विपक्षी एकता Myth है !
इससे पहले भी उमर अब्दुल्ला पीएम मोदी की प्रशंसा कर चुके हैं। यूपी चुनाव के बाद उमर अब्दुल्ला ने साफ कहा था कि विपक्षी एकता के ख्वाब देखने वाले 2019 का सपना देखना छोड़ दें और 2024 की तैयारी करें।
The myth of opposition unity has been systematically shown for what it is- a chimera.It’s each 1 for themselves in 2019 & 5 more years 2 BJP https://t.co/uKb8rym8Uu
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 7, 2017
नीतीश कुमार को भाता है पीएम मोदी का साथ
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 31 जुलाई, 2017 को एक सवाल के जवाब में नीतीश ने खुलकर कहा कि 2019 में भी पीएम मोदी ही प्रधानमंत्री होंगे, उनकी जगह कोई और उस कुर्सी पर काबिज नहीं होगा। नीतीश के अनुसार पीएम मोदी के व्यक्तित्व का कोई मुकाबला करे ऐसी क्षमता आज किसी के पास नहीं है।
#WATCH: #Bihar CM and JD(U) president #NitishKumar says “No one is capable of challenging Modi ji in 2019 LS elections”. pic.twitter.com/iDn0LPkMUX
— ANI (@ANI) July 31, 2017
पीएम मोदी के दम खम से डरे वामपंथी !
वामपंथियों को बीजेपी और पीएम मोदी का धुर विरोधी माना जाता है। लेकिन बीते 3 अगस्त को वामपंथी नेता प्रकाश करात ने माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के संपादकीय में पीएम मोदी की कार्यशैली और नेतृत्व क्षमता की तारीफ की। उन्होंने लिखा, “मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस वर्षों के अपने कुशासन और भ्रष्टाचार की वजह से बदनाम हो चुकी है, इसलिए वामपंथी और लोकतांत्रिक ताकतें देश की सबसे पुरानी पार्टी से गठबंधन करके भाजपा को रोकने की उपलब्धि नहीं हासिल कर सकती है।” उन्होंने कांग्रेस के साथ अन्य क्षेत्रीय दलों को भी कमजोर बताते हुए लिखा है कि अलग-अलग चरित्र वाली धर्मनिरपेक्ष पार्टियां गठबंधन बनाकर भी भाजपा के रथ को नहीं रोक सकती।
टाइम्स मेगा पोल: 79 प्रतिशत लोगों ने माना 2019 में फिर पीएम बनेंगे नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई भी नेता चुनौती देता नहीं दिख रहा है। पिछले साल 12 से 15 दिसंबर के बीच कराए गए टाइम्स डिजिटल मेगा पोल में भाग लेने वाले 79% लोगों का मानना है कि 2019 में फिर से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। केवल 16% लोग ही मानते हैं कि 2019 में राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
आज चुनाव हुए तो मोदी को प्रचंड बहुमत
टाइम्स ग्रुप की नौ भाषाओं की 10 साइटों पर किए गए सर्वे में भाग लेने वाले पांच लाख लोगों में से करीब 76% लोगों ने बताया कि अगर आज आम चुनाव हुए तो वे फिर नरेंद्र मोदी को वोट देंगे, जबकि केवल 20% लोगों ने ही कहा कि वह राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट डालेंगे। सिर्फ चार प्रतिशत लोगों ने अन्य के समर्थन में अपना वोट दिया।
आज चुनाव हुए तो… किसे वोट देंगे | |
नरेंद्र मोदी | 76% |
राहुल गांधी | 20% |
अन्य | 4 % |
2019 में किसकी सरकार?
नोटबंदी और जीएसटी जैसे कठोर फैसले लेने के बाद भी लोगों का भरोसा उन पर बरकरार है। सर्वे में शामिल 75 प्रतिशत से अधिक लोगों ने यानी हर चार में से तीन लोगों ने कहा कि अगर आज चुनाव होता है तो वह प्रधानमंत्री मोदी को अपना समर्थन देंगे। 79 प्रतिशल लोगों ने साफ कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से मोदी सरकार आएगी। सिर्फ 16 प्रतिशत लोगों ने कहा कि राहुल गांधी की कांग्रेस सरकार बनेगी, जबकि 5 प्रतिशत लोगों का मानना है कि तीसरे मोर्चे की सरकार बनेगी।
2019 में किसकी सरकार? | |
नरेंद्र मोदी | 79% |
राहुल गांधी | 16% |
तीसरा मोर्चा | 5% |
अध्यक्ष बनने के बाद भी राहुल विकल्प नहीं
टाइम्स मेगा पोल में जब लोगों से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस 2019 में एक विकल्प बन गई है, तो सिर्फ 21 प्रतिशत लोगों ने हां कहा, जबकि 73 प्रतिशत ने इससे इनकार किया। साफ राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद भी करीब तीन-चौथाई लोग कांग्रेस को विकल्प मानने के लिए तैयार नहीं है।
अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी बनेंगे विकल्प | |
हां | 21% |
नहीं | 73% |
अन्य | 6% |
इस मेगा पोल में करीब पांच लाख लोगों ने हिस्सा लिया। लोगों ने जिस तरह से अपना समर्थन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में दिखाया है उससे यह साफ हो जाता है कि उनकी लोकप्रियता के करीब पहुंच पाना किसी भी नेता के बस की बात नहीं है।
आज भारत के 75 प्रतिशत भू-भाग पर भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगी दलों की सरकार है। देश-विदेश की तमाम सर्वे एजेंसियां भी यह बता रही है कि 2019 में नरेन्द्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।
क्लीयर विजन, देशहित मिशन
देश रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के रास्ते पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर 1.2 करोड़ लोगों ने अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी। जनता की भागीदारी के साथ जीएसटी और नोटबंदी जैसे बड़े निर्णय लेने में भी सरकार हिचकिचाती नहीं है। सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदम उठाने और चीन जैसे ताकतवर देश से भी सामना करने में सरकार पीछे नहीं हटती है। किसानों, शोषितों और पीड़ितों के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ भारत आज आर्थिक दृष्टि से सबसे गति से प्रगति करने वाला देश है। साढ़े तीन साल के कार्यकाल में में सरकार पर एक भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगना भी एक बड़ी उपलब्धि है।
दमदार नेतृत्व, शानदार व्यक्तिव
प्रधानमंत्री मोदी की ‘पहल’ पर यदि सवा करोड़ लोग गैस सब्सिडी लेना छोड़ दें तो यह लोगों का उनपर भरोसा ही दिखाता है। बीते साढ़े तीन वर्षों में भी यह भरोसा कायम है। प्रधानमंत्री का एक आह्वान आज भी पूरा वातावरण बदल देता है। नोटबंदी जैसे सख्त फैसले के साथ भी पूरा देश एकजुट होकर खड़ा रहा। पूर्वोत्तर में ‘चोलो पल्टाई’ नारे का कितना असर हुआ यह सबके सामने है। त्रिपुरा में 25 वर्षों से सत्ता पर काबिज वाम दलों का किला लोगों ने इसी आह्वान की बदौलत ढाह दिया।
निर्णय लेने वाली सरकार
प्रधानमंत्री मोदी लोगों को इसलिए भी सबसे अधिक पसंद हैं क्योंकि वे चुनाव परिणामों की चिंता किए बिना देशहित में निर्णय लेते हैं। नोटबंदी का निर्णय हो या फिर पूरे देश में जीएसटी लागू करने का फैसला, सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर डोकलाम में चीन के सामने अड़ जाने का साहस… प्रधानमंत्री मोदी को अन्य किसी भी नेता से अलग करता है। देश ने लंबे अर्से के बाद ऐसा प्रधानमंत्री देखा है जो अपना या अपनी पार्टी के हित से ऊपर देशहित को रखता है।
गरीबो-गुरबों की हितैषी सरकार
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में अपने पहले संबोधन में ही कहा था कि उनकी सरकार देश के गरीबों को समर्पित सरकार होगी। बीते 46 महीनों के कार्यकाल में वे अपने इस कथन पर खरे उतरे हैं। उनकी इस सोच का परिणाम है कि 12 रुपये सालाना में जीवन बीमा का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के माध्यम से देश के 30 करोड़ से अधिक गरीबों का बैंक खाता खुलवाना भी बड़ा कार्य था। इसी तरह उज्ज्वला योजना और सौभाग्य बिजली योजना जैसी योजनाएं भी देश के गरीबों को ही ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। हर गरीब को 12 हजार रुपये देकर शौचालय बनाने का अभियान हो या फिर मातृत्व योजना के लिए 6000 रुपये का अनुदान, सभी योजनाएं गरीबों के लिए ही बनाई गई हैं। इसका परिणाम ये है कि पीएम मोदी गरीबों के दिल में बसते हैं।
लोगों का मोदी पर विश्वास
विरोधी चाहे जो कहते रहें, देश की जनता का पूर्ण समर्थन नरेन्द्र मोदी के साथ पग-पग पर रहा। इसके अतिरिक्त नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व, उनकी बातचीत की शैली, उनकी वेशभूषा, बच्चों से लेकर बड़ों तक उनकी सहजता से घुल-मिल जाने की कला, पारदर्शी जीवनशैली आदि उनके व्यक्तित्व की अनेक विशेषताओं में से एक हैं।
दृढ़ निश्चयी, दमदार सरकार
प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने देशहित में कठोर निर्णय लेने से कभी परहेज नहीं किया। नोटबंदी, जीएसटी, आधार आदि ऐसे कठोर निर्णय रहे, जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। उनमें गुस्सा भी बहुत ज्यादा था, परंतु फिर भी नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर कभी किसी ने उंगली नहीं उठाई। सभी इस बात को समझ रहे थे कि दशकों से भ्रष्टाचार, घोटालों और स्वार्थपूर्ण राजनीति का शिकार रहे देश को इन सब समस्याओं से मुक्त कराने के लिए ऐसे ही कड़े प्रयासों की आवश्यकता है। विरोधी चाहे जो कहते रहें, देश की जनता का पूर्ण समर्थन नरेन्द्र मोदी के साथ पग-पग पर रहा।
विपक्ष की नकारात्मक राजनीति
स्वतंत्रता प्राप्ति के सात दशक बाद भी देश में नकारात्मक राजनीति ने अपनी जड़ें गहरे तक जमा ली हैं। कांग्रेस पार्टी समेत अधिकतर विरोधी दल इस राजनीति को लगातार हवा दे रहा है और देश का वातावरण खराब करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहा है। कोर्ट के फैसले के बाद हिंसा फैलाना हो या फिर मूर्ति तोड़ो अभियान जैसा कुत्सित अभियान, विपक्ष अपनी राजनीति में खुद ही एक्सपोज होता चला जा रहा है।
राजनीति की धुरी हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने खुद को देश में राजनीति की धुरी के रूप में स्थापित कर लिया है और उसे किसी दल से कोई बड़ी चुनौती मिलती नहीं दिख रही है। विधानसभाओं के हालिया चुनावों के बाद बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ देश के भौगोलिक क्षेत्र के 75 प्रतिशत हिस्से पर सत्ता स्थापित कर ली है और देश की 68 प्रतिशत से अधिक आबादी पर भाजपा और उनके सहयोगी दलों का शासन है।