उत्तर प्रदेश में रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने बस मामले पर राजनीति करने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा को खरी-खोटी सुनाई है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के गढ़ से विधायक अदिति सिंह ने कहा है कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है। अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाईं।
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
इतना ही नहीं अदिति सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की है। अदिति ने लिखा है कि कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक न छोड़ पाईं, तब सीएम योगी ने रातोंरात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए,बार्डर तक ना छोड़ पाई,तब श्री @myogiadityanath जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
सवाल यह है कि अदिति सिंह ने प्रियंका के काम को जो फर्जीवाड़ा बताया है, क्या वह कांग्रेस पार्टी में राहुल और प्रियंका गांधी के बीच वर्चस्व की लड़ाई के कारण है? प्रियंका गांधी जिस तरह से पार्टी में सक्रिय हो रही हैं उससे राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। आइए देखते हैं-
राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी रसातल में जा चुकी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। केंद्र में सरकार बनाने का दंभ भरने वाले राहुल गांधी अमेठी की परंपरागत सीट भी चुनाव हार गए। ऐसे में कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी के हाशिए पर धकेले जाने की आशंका बढ़ गई है।
- अपने बयान-हरकतों से राहुल गांधी हमेशा अपनी छवि को नुकसान पहुंचाते रहे हैं।
- अपने बयान को लेकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में माफीनामा दाखिल करना पड़ा।
- जरूरत के समय वह छुट्टी पर विदेश यात्रा के लिए निकल जाते हैं।
- कांग्रेस में कई बार राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया, लेकिन वह विफल रहे।
- कांग्रेस द्वारा बार-बार राहुल गांधी के लिए माहौल बनाया गया, जो फुस्स रहा।
- राहुल गांधी खुद को लोगों के बीच साबित नहीं कर पाए।
- यूपी की अपनी परंपरागत सीट अमेठी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
- शरद पवार, मुलायम सिंह, मायावती और ममता बनर्जी जैसे दिग्गज नेता राहुल गांधी की भूमिका को पूरी तरह से नकार चुके हैं।
जहां कांग्रेस पार्टी के भीतर राहुल गांधी छवि को लेकर संघर्ष कर रहे हैं वहीं प्रियंका वाड्रा अपनी छवि बेहतर बनाने की कोशिश में लगी हैं-
- लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी को साइड कर प्रियंका वाड्रा धीरे-धीरे कांग्रेस पर कब्जा करती जा रही हैं।
- प्रियंका वाड्रा कांग्रेसियों के दिलों में अपनी छवि स्थापित कर रही हैं।
- कांग्रेसी प्रियंका गांधी वाड्रा में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं।
- प्रियंका जानती हैं कि भले चुनाव में इसका फायदा ना मिले, लेकिन जब पार्टी मे वर्चस्व की लड़ाई छिड़ेगी तो उन्हें अपनी छवि का फायदा मिलेगा।
- आम कांग्रेसियों में प्रियंका वाड्रा का क्रेज सोनिया गांधी और राहुल गांधी से ज्यादा है।
- चुनाव के समय कांग्रेस में राहुल गांधी से अधिक प्रियंका वाड्रा की मांग होती है।
- कांग्रेसी भी मानते हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा अपने भाई राहुल से ज्यादा काबिल है।
साफ है जब कोरोना संकट काल में राजनीति की शतरंज पर प्रियंका गांधी वाड्रा अपनी चाल चल रही हैं तो राहुल गांधी की करीबी नेता अदिति सिंह ने ट्वीट पर फटकार लगाकार पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई को और तेज कर दिया है।