पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जहां एक तरफ कोरोना महामारी को लेकर राजनीति कर रही हैं, वहीं राज्य सरकार और अस्पताल प्रशासन की मनमानी के कारण नर्सेस नौकरियां छोड़ने को मजबूर हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कोलकाता में कार्यरत 185 नर्सों ने नौकरी छोड़ दी हैं। नर्सों का कहना है कि उनके साथ भेदभाव और जातिवादी टिप्पणियां की जाती हैं। यहां तक कि कई बार लोग हम पर थूक भी देते हैं। ये सभी नर्सें मणिपुर की रहने वाली हैं।
Manipur:185 nurses have quit their job from hospitals in Kolkata&returned to Imphal. Cristella, a nurse says,"We're not happy that we left our duties. But we faced discrimination,racism&people sometimes spit on us.Lack of PPE kits&people used to question us everywhere we went". pic.twitter.com/y4nlwbhaK6
— ANI (@ANI) May 20, 2020
नर्स क्रिस्टेलिया ने एएनआई को बताया कि नौकरी छोड़ कर हम खुश नहीं हैं। हमें वहां होना चाहिए था, लेकिन बार बार मांग के बाद भी हमारी परेशानियों को दूर नहीं किया गया। पीपीई किट नहीं होने के कारण लोग हमसे सवाल कर रहे थे। लोग कोरोना वायरस को लेकर ताना भी दे रहे थे। इससे परेशान होकर हमने नौकरी छोड़ने का फैसला किया। हम इम्फाल वापस आ गए हैं।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। अभी तक पश्चिम बंगाल में कोरोना से 250 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमित लोगों की संख्या 1961 हो गई है। ममता सरकार पर कोरोना के मामले छिपाने के भी आरोप लग रहे हैं।