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पीएम मोदी वैसे ही नहीं देते आधार पर जोर, देखिए ये मानवीय पहलू

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क्या आप भी अभी तक यही समझते थे कि आधार कार्ड का उपयोग सिर्फ सरकारी सुविधाओं के लिए हो सकता है। आधार कार्ड का इस्तेमाल हम आमतौर पर पहचान पत्र के रूप में करते हैं। बैंकिग लेनदेन, पेंशन, मनरेगा, इनकम टैक्स, जन वितरण प्रणाली और अन्य सरकारी कामों में इसका उपयोग करते हैं। लेकिन इतना ही आपका एक साधारण सा आधार कार्ड बिछड़ों से मिला भी सकता है। आधार कार्ड के कारण ही महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला एक बच्चा तीन साल बाद अपने परिवार से मिल सका है। 14 साल का यह बच्चा जन्म से ही बोल-सुन नहीं सकता है।

संजय लातूर जिले में अपने परिवार के साथ रहता था। तीन साल पहले भाई से झगड़ा होने के बाद संजय घर छोड़ कर भाग गया था। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट परिवार वालों ने पुलिस में दर्ज भी कराई, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। संजय भटकते हुए हैदराबाद और फिर गुजरात के वडोदरा रेलवे स्टेशन पर आ गया। पुलिस उसे यहां से नर्मदा के राजपीपला मूक बधिर स्कूल ले गई।

संजय चूंकि बोल-सुन नहीं सकता था इसलिए यहां स्कूल में उसका नया नाम दिया गया आकाश और जब आधार कार्ड बनाने की कोशिश की गई तो सिस्टम ने बताया कि यह डुप्लीकेट हो रहा है। सिस्टम से पता चला कि इस बच्चे का आधार कार्ड पहले से बना हुआ है। आंखों के रेटिना और अंगुलियों के निशान से पता चला कि इसका आधार कार्ड महाराष्ट्र के लातूर जिले की देओनी तहसील के हैंचल गांव के पते से बना है।

रिकॉर्ड में बच्चे का नाम संजय नागनाथ येनकुन लिखा पाया गया। इसके बाद नर्मदा से 630 किलोमीटर दूर लातूर में संजय के घरवालों से संपर्क कर इस बारे में जानकारी दी गई। संजय के घरवाले के नर्मदा पहुंचने पर पुलिस वालों ने बच्चे को उन्हें सौंप दिया।

आप समझ सकते हैं कि आधार कार्ड जरूरत पड़ने पर कितना उपयोगी भी साबित हो सकता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसपर इतना जोर क्यों दे रहे हैं। आधार के कारण ना सिर्फ भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगी है बल्कि सरकारी योजनाओं में होनी वाली लीकेज भी बंद हुई है। सरकारी योजनाओं को आधार से लिंक कराने से सरकार को पैसे की लीकेज कम करने में काफी मदद मिल रही है। इससे सरकार को सब्सिडी में भी करोड़ों रुपए की बचत हो रही है।

आधार कार्ड के आधार पर सरकार फर्जी पीडीएस कार्डधारकों को हटाने में कामयाब रही है और इससे 40,000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की सब्सिडी का लीकेज खत्म करने में मदद मिली है। रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी लेने के लिए भी अब आधार कार्ड जरूरी कर दिया गया है। इससे सब्सिडी लीकेज पर काफी हद तक रोक लगी है।

मनरेगा के तहत श्रमिकों को आधार से जोड़ा जा रहा है। अब मजदूरी आधार कार्ड के माध्यम से उनके बचत खाते में जमा करवाया जा रहा है। इससे सरकार को कामकाज का रिकॉर्ड रखने और मजदूरों को डायरेक्ट उनके खाते में पैसा भेजने में मदद मिल रही है। इससे बिचौलिए की भूमिका भी खत्म हो रही है। इसके साथ ही विभिन्न विकास कार्यों को आधार लिंक भुगतान की व्यवस्था की जा रही है।

रेलवे ने ऑनलाइन टिकट के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। अब बिना आधार कार्ड के आप ऑनलाइन टिकट बुक नहीं कर सकेंगे। ऑनलाइन रेलवे टिकट बुक कराते समय आपको आधार कार्ड का सही नंबर देना होगा, वरना टिकट बुक नहीं हो सकेगी। इससे दलालों पर काफी हद तक रोक लगेगी।

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