पश्चिम बंगाल में इस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के गुंडों का आतंक चरम पर है। आम आदमी से लेकर सुप्रीम कोर्ट के जज तक सब डरे हुए हैं। खौफ इतना है कि सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने बंगाल से जुड़े मामलों की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जिस तरह आगजनी, पत्थरबाजी, बलात्कार और हत्या की घटनाएं हो रही हैं, उनकी हकीकत जानकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जाधवपुर में 40 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं और दलितों के घर जला दिए गए। जब कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)’ द्वारा गठित एक टीम इन घटनाओं की जांच करने गई तो इस टीम को भी नहीं बख्शा गया।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद पोस्ट पोल वॉइलेन्स की जाँच कर रही टीम क्व सदस्य के नाते आज जब मैं जाधवपुर पहुंचा तो मैंने 40 से ज़्यादा घर टूटे हुए व जले हुए पाए और उसके रहने वालों का कोई अता पता नहीं था कुछ लोकल गुंडों ने हमारा भी घेराव किया हमें काम नहीं करने दिया पथराव की भी कोशिश की pic.twitter.com/kogy4GB3DI
— Atif Rasheed (@AtifBjp) June 29, 2021
टीएमसी के गुंडों ने जांच टीम को चारों तरफ से घेर लिया, धमकाया और पत्थरबाजी का भी प्रयास किया। यहां तक कि सीआईएसएफ के जवानों पर भी हमला किया। इससे पता चलता है कि टीएमसी के गुंडों के हौसले कितने बढ़े हुए है। स्थानीय पुलिस हमला होते ही वहां से गयाब हो गई। पुलिस टीएमसी के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है और बीजेपी कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। शिकायत के बावजूद पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। इसका नतीजा है कि बीजेपी कार्यकर्ता पलायन कर चुके हैं, जिनका दो महीने से कोई अता-पता नहीं है।
वेस्ट बंगाल के जाधवपुर मे दलित समाज के जले हुए टूटे हुए घरों की तस्वीरें इन घरों के लोग यहाँ से दो महीने से पलायन कर चुके हैँ गुनाह सिर्फ इतना अपनी मर्ज़ी से वोट देना हम सच जानने गए तो हम पर भी हमला किया गया यह लोग हमें मारने को चढ़ रहे हैँ तो वह ग़रीब,दलित का क्या हाल किया होगा! pic.twitter.com/6RAR1IRAM6
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जांच टीम के सदस्य और एनएमसी के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद ने आपबीती सुनायी, जो काफी खौफनाक है। उन्होंनने कहा, “मैं NHRC की जांच टीम के सदस्य के नाते जाधवपुर में दंगा प्रभावित इलाक़े का दौरा करने गया था। वहां गुंडों द्वारा मेरे साथ अभद्र बर्ताव किया गया। मैंने वहां पर 40 से ज़्यादा घर टूटे हुए पाए और उनकी रिकॉर्डिंग की, जिसके बाद ये लोग खुल्लम-खुल्ला मुझे भी धमकी दे रहे थे। जब यह घटना मेरे साथ हुई, तब स्थानीय पुलिस चुप-चाप ग़ायब हो गई, ताकि ये लोग खुल कर मेरे साथ बुरा सुलूक कर सकें।”