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देश के 1.79 करोड़ करदाताओं को राहत, चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 1.62 लाख करोड़ का रिफंड जारी

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मोदी सरकार में पूरी टैक्स व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार से पारदर्शिता आई है। टैक्स टेररिज्म से टैक्स ट्रांसपेरेंसी का ये बदलाव इसलिए आया है, क्योंकि मोदी सरकार रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म के अप्रोच के साथ आगे बढ़ रही है। अब करदाताओं को रिफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता, कुछ ही सप्ताह में उसे रिफंड मिल जाता है। आयकर विभाग ने गुरुवार (27 जनवरी, 2022) को ट्वीट कर बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक उसने 1.79 करोड़ करदाताओं को 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए हैं। इसमें आकलन वर्ष 2020-21 के 1.41 करोड़ रिफंड शामिल हैं, जो 27,111.40 करोड़ रुपये के हैं।

सीबीडीटी के ट्वीट में कहा गया कि इंडिविजु्अल के 1.77 करोड़ से ज्यादा मामलों में 57,754 करोड़ का रिफंड जारी किया गया है। कॉर्पोरेट के 2,23,952 मामलों में 1,04,694 करोड़ का रिफंड जारी किया गया है। गौरतलब है कि आयकर दाता के अनुमानित निवेश दस्तावेज के आधार पर एक वित्तीय वर्ष में पहले आयकर काटा जाता है। आयकर दाता वित्तीय वर्ष के अंत तक अंतिम निवेश दस्तावेज जमा करने के बाद आईटीआर दाखिल करता है। अगर गणना से पता चलता है कि उसका टैक्स अधिक काटा गया है, तो आयकर विभाग उसे रिफंड जारी करता है।

टैक्स रिफॉर्म से रिफंड में आई तेजी

मोदी सरकार ने ट्रांसपेरेंसी टैक्सेशन के माध्यम से टैक्स में सुधार की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य अनुपालन को आसान बनाना और रिफंड में तेजी लाना और ईमानदार करदाताओं को लाभ पहुंचाना था। टैक्स सुधारों का फोकस टैक्स दरों में कमी और डायरेक्ट टैक्स कानूनों को आसान करने पर हो रहा है। कंप्लायंस को और भी अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए डाक्यूमेंट आइडेंटिफिकेश नंबर (DIN) और आयकर रिटर्न भरने से पहले आईटी विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए सीबीडीटी द्वारा कई पहल की गई है। इसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर शामिल है।

टैक्स रिटर्न भरना हुआ आसान

मोदी सरकार में टैक्सपेयर को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने पर जोर दिया गया है। यानि टेक्नॉलॉजी से लेकर नियम तक सबकुछ आसान बनाया गया है। इन सारे प्रयासों के बीच बीते सात साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। वहीं इनकम टैक्स रिटर्न की स्क्रूटनी में कमी आई है, उससे यह साबित होता है कि देशवासियों का मोदी सरकार पर विश्वास और दृढ़ हुआ है।

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