कांग्रेस का दोगलापन एक बार फिर सामने आया है। पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान कांग्रेस ने लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देते हुए 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने का वादा किया। लेकिन यह सिर्फ चुनावी वादा साबित हो रहा है। 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने का कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का फॉर्मूला चुनाव से पहले ही फेल साबित हो गया है। अब मतदाताओं के सामने सवाल यह है कि वो कांग्रेस पर भरोसा करे तो कैसे? चुनाव से पहले ये हाल है तो बाद में क्या।
यूपी में तीसरे स्थान के लिए संघर्ष
उत्तर प्रदेश चुनाव में खुद को चौथे स्थान पर मानने वाली कांग्रेस बहुजन समाज पार्टी को टक्कर देकर समाजवादी पार्टी के बाद तीसरे स्थान पर आने के लिए संघर्ष कर रही है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ नारे के साथ महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने का वादा किया। लेकिन प्रियंका वाड्रा की इस पॉलिसी को कांग्रेस ने पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में लागू नहीं किया। इन राज्यों में कांग्रेस ने 10 प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को भी टिकट नहीं दिया।
राजनीति से प्रेरित नारा
उत्तर प्रदेश के अलावा कांग्रेस ने जिस तरह से पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में महिलाओं को टिकट दिए हैं। उसे लेकर कांग्रेस सभी पार्टियों के निशाने पर है। चुनाव से पहले आधी आबादी का वोट पाने के लिए भले ही राहुल गांधी की बहन प्रियंका वाड्रा ने महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने की बात कही, लेकिन जिताऊ उम्मीदवार का बहाना बनाकर पार्टी मतदाताओं को धोखा देने का काम कर रही है। कांग्रेस का ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान महिला सशक्तिकरण के बजाय विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित दिखाई देता है।
10 प्रतिशत से भी कम टिकट
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में भले ही 255 उम्मीदवारों में से 103 महिलाओं को टिकट दिए हैं लेकिन पंजाब में 109 में से सिर्फ 10 महिलाओं को, उत्तराखंड में 64 में से सिर्फ 6 महिलाओं को, मणिपुर में 40 में से सिर्फ 3 महिलाओं को और गोवा में 36 में सिर्फ 2 महिलाओं को टिकट दिए हैं। महिलाओं को कांग्रेस ने जो टिकट दिए हैं उससे साफ है कि 40 प्रतिशत की जगह 10 प्रतिशत से कम महिला उम्मीदवारों को टिकट देने का वादा पूरा किया गया है।
विधानसभा चुनाव | उम्मीदवार | महिला उम्मीदवार | प्रतिशत |
उत्तर प्रदेश | 255 | 103 | 40.4 |
पंजाब | 109 | 10 | 9.2 |
उत्तराखंड | 64 | 6 | 9.3 |
मणिपुर | 40 | 3 | 7.5 |
गोवा | 36 | 2 | 5.6 |
चार राज्यों में 10% से कम |
पंजाब में भी पार्टी के दावे की दवा निकली
पंजाब में कांग्रेस की ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान की हवा पहली लिस्ट में ही निकल गई थी। पहली सूची में 86 उम्मीदवारों में सिर्फ 9 महिलाओं को टिकट दिया गया यानी सिर्फ 10 प्रतिशत को। राज्य में पार्टी ने अभी तक कुल 109 उम्मीदवारों में सिर्फ 10 महिलाओं को टिकट दिए हैं। इसमें सिर्फ दो नई उम्मीदवार मोगा से एक्टर सोनू सूद की बहन मालविका सूद और मलोट से आम आदमी छोड़कर आने वाली रूपिंदर रूबी को टिकट दिया गया। साफ है कि प्रियंका वाड्रा का ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा पंजाब में पूरी तरह से फेल है।
उत्तराखंड में महिलाओं से छल
उत्तराखंड में भी प्रियंका वाड्रा का फार्मूला लागू नहीं किया गया है। उत्तराखंड में दस प्रतिशत के करीब ही महिलाओं को प्रत्याशी बनाया गया है। अगर 40 प्रतिशत के फार्मूले से देखें तो 70 सीटों के लिए कम से कम 28 टिकट महिलाओं को मिलने चाहिए। लेकिन राज्य में 64 उम्मीदवारों में से सिर्फ 6 महिलाओं को टिकट दिए गए हैं। इसे लेकर महिला कार्यकर्ताओं ने विरोध भी जताया है। टिकट बंटवारे से नाराज कांग्रेस महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने पार्टी छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया।
‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ की पोस्टर गर्ल प्रियंका अब बीजेपी के साथ
पिछले दिनों ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा के ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ कैंपेन को भी तगड़ा झटका लगा। ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ कैंपेन की पोस्टर गर्ल प्रियंका मौर्या बीजेपी में शामिल हो गईं। प्रियंका मौर्या के बीजेपी में जाने से प्रियंका वाड्रा का अभियान ही लड़खड़ा गया है।
प्रियंका मौर्या कांग्रेस की महिला विंग की प्रदेश उपाअध्यक्ष भी थीं। प्रियंका कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर काफी नाराज थीं। उन्होंने कांग्रेस पर टिकट लेकर पैसे देने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि टिकट उन्हें देने की बजाय पैसे लेकर एक महीने पहले पार्टी में शामिल हुए व्यक्ति को दे दिया गया।
प्रियंका मौर्या ने कहा था कि घूस की रकम किसी और ने नहीं बल्कि प्रियंका वाड्रा के सचिव संदीप सिंह ने मांगी थी। प्रियंका गांधी वाड्रा ने विधानसभा चुनाव से पहले ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ कैंपेन को जारी किया था। इस पोस्टर में सबसे आगे कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता प्रियंका मौर्या दिखाई देती हैं। इस पोस्टर के जारी होने के बाद से प्रियंका मौर्या पोस्टर गर्ल के नाम से मशहूर हो चुकी हैं।
प्रियंका मौर्या सिर्फ ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ कैंपेन में ही अहम चेहरा नहीं, बल्कि कांग्रेस के महिला घोषणापत्र का भी चेहरा रही हैं। ऐसे में प्रियंका मौर्या के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के साथ जाने पर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का महिला सशक्तिकरण अभियान और मजबूत हुआ है।
महिला उम्मीदवारों को टिकट देने के नाम पर धोखे को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स कांग्रेस पर तंज भी कस रहे हैं।
The Congress’ women empowerment theme seems remained confined to Uttar Pradesh. While the party has fielded 40 per cent women candidates in UP, tickets given to women candidates in Punjab, Goa, Uttarakhand and Manipur has been less than 10 per cent. https://t.co/3TcXzGLiUd pic.twitter.com/vI1gtk1c33
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) January 28, 2022
Sister @priyankagandhi is incharge of UP. Bro Pappu @RahulGandhi is overall incharge of the party. Does this mean there’s rift in the Family, @ndtv? Is Pappu not a women empowerment champion in states other than UP?pic.twitter.com/fL3zq7husp
— iMac_too (@iMac_too) January 28, 2022
Congress’ ‘Ladki hun, lad sakti hun’ slogan in UP is nothing but hogwash. While the party has fielded 40% women candidates in UP, less than 10% women have been given tickets in Punjab, Goa, Uttarakhand and Manipur. Expedient commitment to women empowerment?https://t.co/K4e1kcxQm5
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 28, 2022
This data exposes the hypocrisy & real face of Congress.
Sadly an important issue like women empowerment is also just an image makeover idea for Congress. https://t.co/Ho2ZoTsJ8o— Vanathi Srinivasan (@VanathiBJP) January 28, 2022
Congress’ Women Empowerment Reality pic.twitter.com/Mm3LDDnIzk
— Hardik (@Humor_Silly) January 28, 2022
In Punjab, Goa, Uttarakhand & Manipur, the % of women candidates in even less than 10%. And it shows that “Ladki hun lad sakti hun” is just an election jumla to avoid more embarrassment as Congress is all set to give its worst ever performance in UP under Vadra’s “leadership”.
— Madhav Sharma (@HashTagCricket) January 28, 2022
Congress party fields 40% women candidates in Uttar Pradesh where it knows it will draw a blank or zero but in Punjab, Manipur, Goa and Uttarakhand it fields merely 9.2%, 7.5%, 5.6% and 6.3% women candidates
“Ladki hoon” is nothing but an empty slogan & tool for posturing pic.twitter.com/OGhrvy9HCR
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) January 28, 2022