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पश्चिम बंगालः जिहादी सोच फिर आया सामने, मुस्लिम छात्रा को डांटने पर भीड़ ने खुलेआम शिक्षिका से मारपीट की, कपड़े फाड़े

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भारतीय संस्कृति में कहा गया है- गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपनो, जिन गोविंद दियो बताय। कबीर दास जी ने इस दोहे में गुरु की महिमा का वर्णन किया है। वे कहते हैं कि जीवन में कभी ऐसी परिस्थिति आ जाए कि जब गुरु और गोविन्द (ईश्वर) एक साथ खड़े मिलें तब पहले किन्हें प्रणाम करना चाहिए। गुरु ने ही गोविन्द से हमारा परिचय कराया है इसलिए गुरु का स्थान गोविन्द से भी ऊंचा है। लेकिन आज समाज के कुछ वर्ग में जिहादी मानसिकता इस कदर घर कर गई है कि वे शिक्षक की पिटाई से भी बाज नहीं आते हैं। पश्चिम बंगाल के एक स्कूल में एक शिक्षिका ने एक मुस्लिम छात्रा को अनुशासन में रहने के लिए फटकार लगाई थी। जब यह बात उसने परिजनों को पता चली तो जिहादी मानसिकता वाले लोगों की भीड़ स्कूल पहुंच गई और शिक्षिका के साथ मारपीट करने के साथ उसके कपड़े तक फाड़ डाले गए। इससे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ऊपर भी सवाल उठे हैं कि मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति से ही जिहादी मानसिकता वाले लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ वर्ना वो इस तरह स्कूल पहुंच कर अराजक स्थिति पैदा करने की हिम्मत नहीं कर पाते।

शिक्षक को भारतीय समाज में हमेशा से सर्वोत्‍तम दर्जा

शिक्षक को समाज में हमेशा से सर्वोत्‍तम दर्जा दिया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल में हिजाबी सोच वाले लोगों ने शिक्षक के साथ ऐसा व्‍यवहार किया जिसने पूरे समाज को शर्मसार कर दिया। इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है जिसे देखकर हर कोई हैरान है। एक शिक्षिका को अभिभावकों ने लोगों के साथ स्‍कूल में घुसकर जमकर मारा, यहां तक कि सरेआम उसके कपड़े तक उतार दिए।

मुस्लिम समुदाय के लोगों का टीचर पर हमला

पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर में बच्ची को डांटने पर एक महिला टीचर को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने निर्वस्त्र कर पीटा। गुस्साए लोग स्कूल में घुस गये और पीटना शुरू कर दिया। काफी देर तक हंगामा किया। टना हिली थाना क्षेत्र के त्रिमोहिनी प्रताप चंद्र हाइस्कूल की है। यहां छात्रा कक्षा 9 में पढ़ती है। स्कूल में टीचर ने बच्ची को किसी बात पर डांट दिया था। अगले दिन छात्रा के घर वाले अपने कुछ साथियों के साथ स्कूल में घुस गये। टीचर से अभद्रता की। विरोध करने पर महिला को निर्वस्त्र कर दिया और जमकर पीटा। शिकायत पर एक्शन लिया गया है। पुलिस ने 35 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है, जबकि 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।

टीचर की पिटाई के विरोध में हुआ प्रदर्शन

महिला टीचर के साथ हुई बदसलूकी की वजह से स्थानीय लोगों में गुस्सा देखने को मिला। लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस मामले में पीड़ित महिला टीचर ने कहा कि छात्रा को अनुशासन में रखने के लिए उसके कान खींचकर डांट दिया था। ऐसी घटना मेरे साथ पहले कभी नहीं हुई। मुझे अब डर लग रहा है।

भाजपा सांसद ने पुलिस पर सवाल खड़े किए

भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार ने संबंधित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने महिला टीचर के साथ अभद्रता और मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। सांसद सुकांत मजूमदार ने पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इतना सब कुछ होने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था। मजूमदार ने कहा, ‘मैं भी एक शिक्षक था। कई छात्रों को डांटा भी है। एक शिक्षक के लिए, एक छात्र केवल उनका होता है। यहां शिक्षिका के कान पकड़ते ही हिजाब उतर जाता है। इतनी मामूली बात से उसके परिवार सहित अन्य दो सौ लोगों ने स्कूल पर अटैक कर दिया। मुझे आश्चर्य है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने तुरंत रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। पुलिस की मामला दर्ज करने की हिम्मत नहीं हुई। जब लोगों ने विरोध किया और सड़क जाम कर दी, तब जाकर पुलिस एक्टिव हुई।

यही है इस्लाम का असली चेहरा?

सोशल मीडिया पर अभिषेक पांडेय ने लिखा- यही है इस्लाम का असली चेहरा। इतने ढेर सारे नामर्द इकट्ठा होकर एक महिला के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं। यह पूरी तरह से अमानवीय धर्म है, धिक्कार है ऐसे ना मर्दो पर और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर जो नारी होकर भी वोट बैंक की राजनीति कर रही है और एक महिला पर अत्याचार करा रही है।

सोशल मीडिया यूजर आशुतोष राठौड़ ने लिखा- बोया पेड़ नीम का तो आम कहाँ से पाओगे ??? बंगाल की जनता ने अपने हाथ से अपना नसीब लिखा है कि इसी लिए बेचारे जो कुछ नहीं कर सकते वो पिस रहे हैं।

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