कश्मीर पर दिए गए बयान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप घर में ही निशाने पर बने हुए हैं। इस मामले में ट्रंप की हर तरफ आलोचना हो रही है। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा है कि कश्मीर पर मध्यस्थता की बात कर ट्रंप ने बहुत बड़ी कूटनीतिक भूल कर दी है। अखबार ने कहा कि ट्रप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ बनने की पेशकश कर पूर्ववर्ती अमेरिकी राष्ट्रपतियों की भारत के मामले में हासिल की गई उपलब्धियों को बर्बाद कर रहे हैं। अखबार के अनुसार ट्रंप ने ऐसा करके बहुत बड़ी कूटनीतिक गलती की है जो एक महत्वपूर्ण देश को और विमुख कर सकती है। वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा है कि भारत के साथ व्यापार युद्ध के बाद, कश्मीर मामले पर उनकी भूल एक अहम देश को और विमुख कर देगी, जिसकी मित्रता की अमेरिका को चीन के उदय से मुकाबला करने के लिए जरूरत है।
ट्रंप प्रशासन ने जारी किया स्पष्टीकरण
कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने संबंधी राष्ट्रपति के बयान के बाद ट्रंप प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों देशों के बीच आपसी संबंध और मजबूत हो रहे हैं। व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध अच्छे हैं तथा ये संबंध और मजबूत हो रहे हैं। व्हाइट हाउस के सलाहकार केलियाने कॉनवे ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं और ये संबंध और मजबूत हो रहे हैं।’ इसके पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था, ‘कश्मीर दोनों पक्षों के लिए एक द्विपक्षीय मुद्दा है। ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान और भारत के बीच वार्ता का स्वागत करता है और अमेरिका सहायता के लिए तैयार है।’ इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सफल वार्ता तभी संभव है, जब पाकिस्तान अपने आतंकवादियों के खिलाफ निरंतर और सख्त कदम उठाए।
ट्रंप की हो रही है किरकिरी
कश्मीर को लेकर दिए गए बयान पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत से अमेरिका तक हर तरफ किरकिरी हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात में कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ दो हफ्ते पहले मिला था और हमने इस मुद्दे पर बात की थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि क्या आप मध्यस्थता करेंगे? मैंने पूछा कहां? उन्होंने कहा कश्मीर के लिए क्योंकि यह समस्या सालों से लगातार चली आ रही है। मैं चकित हूं कि यह कितना लंबा खिंच गया।’
भारत ने किया दावों का खंडन
भारत की ओर से तुरंत ट्रंप के दावों का खंडन किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि हमने अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रेस को दिए उस बयान का देखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है। पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक जरूरी होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों के द्विपक्षीय रूप से समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा।
We have seen @POTUS‘s remarks to the press that he is ready to mediate, if requested by India & Pakistan, on Kashmir issue. No such request has been made by PM @narendramodi to US President. It has been India’s consistent position…1/2
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) July 22, 2019
…that all outstanding issues with Pakistan are discussed only bilaterally. Any engagement with Pakistan would require an end to cross border terrorism. The Shimla Agreement & the Lahore Declaration provide the basis to resolve all issues between India & Pakistan bilaterally.2/2
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) July 22, 2019
भारत की आपत्ति के बाद झुका अमेरिका
राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर आपत्ति के बाद अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय मुद्दा बताया। प्रधान सहायक उपमंत्री एलिस वेल्स ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। ट्रंप प्रशासन चाहता है कि भारत और पाकिस्तान इस पर बात करें और अमेरिका सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार है।
While Kashmir is a bilateral issue for both parties to discuss, the Trump administration welcomes #Pakistan and #India sitting down and the United States stands ready to assist. – AGW
— State_SCA (@State_SCA) July 22, 2019
शर्मिंदगी से भरा बयान अमेरिकी सांसद
अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने राष्ट्रपति ट्रंप के बयान को शर्मिंदगी से भरा बयान बताया है। ब्रैड शेरमैन ने ट्वीट किया कि कोई भी जो दक्षिण की विदेश नीति के बारे में जानता है उसे पता है कि भारत लगातार कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है। सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कभी भी ऐसा प्रस्ताव नहीं देंगे। ट्रंप का बयान बचकाना, भ्रामक और शर्मनाक है।
Everyone who knows anything about foreign policy in South Asia knows that #India consistently opposes third-party mediation re #Kashmir. Everyone knows PM Modi would never suggest such a thing. Trump’s statement is amateurish and delusional. And embarrassing. 1/2
— Rep. Brad Sherman (@BradSherman) July 22, 2019
एक अन्य ट्वीट में ब्रैड शेरमैन ने लिखा है कि मैं भारतीय राजदूत हर्ष श्रृंगला से ट्रंप की बचकानी और शर्मनाक गलती के लिए माफी मांगता हूं।
I just apologized to Indian Ambassador @HarshShringla for Trump’s amateurish and embarrassing mistake. 2/2https://t.co/EjcPaNVM0M
— Rep. Brad Sherman (@BradSherman) July 22, 2019
व्हाइट हाउस रिलीज में कश्मीर का जिक्र नहीं
बयान पर बढ़े विवाद के बीच व्हाइट हाउस की ओर से ट्रंप और इमरान खान की मुलाकात के बारे में जारी प्रेस रिलीज में कश्मीर मुद्दे की कोई बात नहीं है। रिलीज में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के साथ उन मुद्दों पर सहयोग के लिए काम कर रहे हैं, जो दक्षिण एशिया क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता और खुशहाली के लिए अहम हैं।
झूठ बोलने के लिए बदनाम हैं ट्रंप
कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति के झूठ से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। यह पहला मौका नहीं है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने झूठ बोला हो और विवादित बयान दिया हो। ट्रंप अमेरिका के ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिनके नाम झूठ बोलने का रिकॉर्ड है। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के फैक्ट चेकर्स डेटाबेस के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक 10 हजार 796 बार झूठ बोल चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप ने औसतन रोजाना 12 बार झूठ बोला है।