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पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन से जन-जन के कल्याण के लिए निकली Top-100 उपलब्धियां, दुनियाभर में भारत की बुलंदी का डंका बजने से गर्वीले देशवासी तीसरे टर्म के लिए आतुर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करीब एक दशक में उपलब्धियों के इतने रिकॉर्ड बनाए हैं कि दुनियाभर में भारत का परचम लहरा रहा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत न सिर्फ दुनिया की सबसे तेज बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है, बल्कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। पीएम मोदी की विदेश यात्राओं से भारत के डिप्लोमेटिक रिश्ते कई देशों से मजबूत हुए हैं। स्पेस से लेकर डिफेंस तक के सेक्टर में भारत नित-नए रिकॉर्ड बना रहा है और एक्सपोर्ट कर रहा है। यही वजह है कि निर्यात में चार सौ प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज हुई है। जीडीपी, विदेशी मुद्रा भंडार और भारत में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। पीएम मोदी की प्रेरणा से दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म, सबसे ऊंची प्रतिमा, सबसे लंबी हाईवे टनल, सबसे ऊंचा रेल ब्रिज, सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट, दुनिया का सबसे बड़ा रीन्यूएबल एनर्जी प्लांट, देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज, सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग आज भारत के नाम दर्ज हो चुका है। मोदी सरकार की लगातार गर्वीली उपलब्धियों के चलते ही हर देशवासी पीएम मोदी के तीसरे टर्म को लेकर आतुर है। पीएम मोदी ने भी कहा है कि तीसरे टर्म में न सिर्फ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी हमारी होगी, बल्कि इसमें राष्ट्रहित और विकसित भारत के लिए कई बड़े-बड़े फैसले भी होंगे।

सामर्थ्य का अहसास कराया, सर्जिकल स्ट्राइक कर पाक में घुसकर आतंकियों को मारा
पीएम मोदी ने देशवासियों को अपनी सामर्थ्य का अहसास कराया है और उनमें ऐसा आत्मविश्वास जगाया है कि अब देश नित नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। यही वजह है कि दुनिया के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटरों में से एक ‘यशोभूमि’ हो या फिर ‘भारत मंडपम’, ये दुनिया का ध्यान खींच रहे हैं। मोदी राज में नए भारत का निर्माण हो रहा है। इसमें विरासत के साथ-साथ विकास पर पूरा फोकस है। यही वजह है कि जहां एक ओर राम लला के मंदिर सहित प्राचीन धार्मिक स्थलों को भव्य-दिव्य बनाया जा रहा है, वहीं विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नए पंख लगे हैं। भारत ने पहली बार ही सर्जिकल स्ट्राइक की ताकत दिखाकर आतंकियों को पाक सीमा में घुसकर मारा। अभिनंदन के मामले में तो पीएम मोदी के सख्त रुख के चलते पाकिस्तान सरकार ही हिल गई थी और रातोंरात पाक को उसे रिहा करने के फैसला करना पड़ा।गुलामी की कई निशानियां दफन, अंग्रेजों के कानून बदले, जी-20 का सफलतम आयोजन
जी-20 के सफलतम आयोजन ने दुनियाभर में अपने बढ़ते सामर्थ्य का परचम फहराया है। भारत ने पहली बार इस वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी की। जी-20 देशों के अलावा इस सम्मेलन में अतिथि देश के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इनमें नीदरलैंड्स, सिंगापुर, स्पेन, यूएई, ओमान, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरिशस और नाइजीरिया शामिल हैं। पीएम मोदी के कहने पर भारत के योग और मिलेट्स संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से दुनियाभर में पहचान मिली। आजादी के बाद देश पहली बार गुलाम मानसिकता और गुलामी की निशानियों को त्याग रहा है। इस कड़ी में अंग्रेजों के जमाने के कई कानूनों को भी मोदी सरकार ने बदला है। राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया है। मोदी सरकार ने रिकॉर्ड समय में बेहद शानदार नए संसद भवन का निर्माण कराया है, जिसमें सेंगोल भी स्थापित किया है।
पीएम मोदी के करीब दस साल की यूं तो बेशुमार उपलब्धियां हैं, जिन्होंने देश का सीना गर्व से चौड़ा किया है, वहीं जन-जन की जीवन भी आसान और बेहतर बनाया है। यहां उनके कार्यकाल की 100 कामयाबियों पर एक नजर डालते हैं…

इकोनॉमी 5वें स्थान पर, जीडीपी में हुई दोगुना से ज्यादा की बढ़ोतरी
1. सकल घरेलू उत्पाद – $3.8 ट्रिलियन – दोगुना वृद्धि।
2. विश्व आर्थिक रैंक – 10वें से 5वें नंबर पर।
3. प्रति व्यक्ति आय – ₹115000 – करीब दोगुनी हुई।
4. निर्यात – $750 बिलियन – 400% की ऐतिहासिक वृद्धि
5. मेट्रो शहर – 20 – 400% की वृद्धि
6. गावों मे ऊर्जा – 40% से 95% बढ़ोतरी।
7. एक्सप्रेसवे की लंबाई – 4067 किलोमीटर – 600% की वृद्धि।
8. राष्ट्रीय राजमार्ग – 53700 किलोमीटर – दोगुना वृद्धि।
9. रेलवे की लंबाई – 55198 किलोमीटर – दोगुना विस्तार।
10. नवीकरणीय ऊर्जा – 95.7 गीगावॉट – 400% की वृद्धि।विदेशी मुद्रा भंडार दोगुना और डिजिटल लेन-देन में 76 प्रतिशत वृद्धि
11. देश में यूनिकॉर्न – सिर्फ 1 से 114 हो गए।
12. 1GB डेटा की कीमत – ₹200 से अब हुई सिर्फ ₹5
13. इंटरनेट कॉन – 771.3 मिलियन – 1200% की वृद्धि
14. डिजिटल लेनदेन- 4% से 76.1% की बढ़ोतरी।
15. आईआईटी – 16 से 23 हो गए।
16. आईआईएम – 13 से 25 हो गए।
17. खादी की बिक्री – 6.69 लाख करोड़ – तीन गुना वृद्धि।
18. मेट्रो ट्रेन – 860 किलोमीटर – 400% की वृद्धि।
19. विदेशी मुद्रा भंडार – $694 बिलियन – दोगुना वृद्धि।
20. रक्षा निर्यात – 1 हजार करोड़ से 16 हजार करोड़ बढ़ा।हवाई अड्डे और मेडिकल कालेज हुए दोगुने, पीजी सीटें तीन गुना बढ़ीं
21. रेलवे विद्युतीकरण – 37K आरकेएम – 700% की वृद्धि।
22. एमबीबीएस सीटें – 100163 – दोगुना विस्तार।
23. पीजी सीटें – 65335 – तीन गुना विस्तार।
24. एम्स – 7 से 22 हो गए।
25. विश्वविद्यालय – 723 से 1100
26. मेडिकल कॉलेज – 660 – दोगुना बढ़ोतरी।
27. हवाई अड्डे – 148 – दोगुनी बढ़ोतरी।
28. बैंक खाते – 35% से 98% हुए।
29. हाई स्पीड रेल – 0 से 9 हुईं।
30. नई रेल लॉन्च का समय – 2 महीने – 800% सुधार।FDI और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में भारत का अब विश्वभर में डंका
31. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश – $596 बिलियन – दोगुना वृद्धि।
32. स्वच्छता वृद्धि- 39 प्रतिशत से 85 प्रतिशत।
33. ग्रामीण सड़कों का निर्माण – 130 किमी/दिन – दोगुना।
34. मोबाइल विनिर्माण – 5 करोड़ से 31 करोड़।
35. गैस कनेक्शन – 55 प्रतिशत से 90 प्रतिशत।
36. कॉमन सर्विस सेंटर – 300000 – 400% की वृद्धि।
37. ऑप्टिकल फाइबर – 0.2 प्रतिशत से 50 प्रतिशत।
38. आईटी रिटर्न – 7 करोड़ – दोगुना बढ़ोतरी।
39. जीएसटी का सफलतम कार्यान्वयन
40. पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को समाप्त करने के लिए CAA लागू करनाविभिन्न इंडेक्स और रैंकिंग के क्षेत्र में भारत का ऐतिहासिक सुधार
41. ई-गवर्नमेंट इंडेक्स – 118 से 96 अंक का सुधार।
42. पर्यटन सूचकांक – 65 से 40 अंक का सुधार।
43. जलवायु परिवर्तन सूचकांक – 30 में से 14 अंक सुधार।
44. ई-भागीदारी सूचकांक – 40 में से 15 अंक का सुधार।
45. सड़क गुणवत्ता सूचकांक – 88 से 42 अंक सुधार।
46. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंक – 142 से 70 अंक सुधार।
47. इनोवेशन इंडेक्स – 72 से 57 अंक का सुधार।
48. बैंक एनपीए – इसे 11% से घटाकर 1% किया गया।
49. खादी की बिक्री – 6000 करोड़ – 6 गुना वृद्धि
50. ग्रामोद्योग बिक्री – 128000 करोड़ – 4 गुना वृद्धिदेश की सरहदें सुरक्षित, सेनाओं को किया बहुत ज्यादा शक्तिशाली
51. ओआरओपी लागू किया
52. राफेल फाइटर जेट – 36
53. अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर – 22
54. चिनूक अटैक चॉपर – 15
55. इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च – ₹33.3 लाख करोड़ – 33 गुना वृद्धि
56. सृजित संपत्ति – ₹ 187 लाख करोड़ – 14 गुना वृद्धि
57. बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर – 2000% की ऐतिहासिक वृद्धि।
58. एस-400 वायु रक्षा प्रणाली – 5 Sqdns
59. मोबाइल विनिर्माण प्लांट – 200 – 100 गुना वृद्धि
60. उपग्रह प्रक्षेपित – 64 से 466 किए।धारा 370 का खात्मा, तीन तलाक पर रोक और दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम
61. कश्मीर से धारा 370 हटाकर उसका भारत में पूर्ण विलय
62. मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक पर रोक
63. इसरो बजट – 12600 करोड़ – दोगुना
64. बाघों की जनसंख्या – 2236 से 2976
65. गरीबों और जनता के लिए 12 करोड़ शौचालय बनाए
66. बीपीएल के लिए 3.5 करोड़ पक्के मकान बनाए
67. स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता – 74.30 गीगावॉट – 30 गुना वृद्धि
68. स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता – 42633 मेगावाट – दोगुनी
69. आयुष्मान भारत – 30 करोड़ की दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम
70. सेमी हाई स्पीड ट्रेनें वंदे भारत – 0 से 50मोदी सरकार ने निरंतर रखा अन्नदाताओं का ख्याल, किया कल्याण
71. गेहूं का एमएसपी – 1400 से 2275 रु
72. जौ की एमएसपी – 1100 से 1850
73. बाजरे की एमएसपी- 1250 से 2500
74. रागी की एमएसपी – 1550 से 3846 रू
75. सोयाबीन का एमएसपी – 2560 से 4600
76. तिल का एमएसपी – 4600 से 8635 रु
77. नाइजरसीड का एमएसपी – 3600 से 7734 रु
78. मूंग की एमएसपी – 4600 से 8558 रु
79. उड़द की एमएसपी- 4350 से 6950
80. सूरजमुखी एस का एमएसपी – 3750 से 6760करोड़ों किसानों के हित में कई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया
81. चने का एमएसपी – 3100 से 5440
82. मसूर की एमएसपी – 2950 से 5425 रु
83. सरसों का एमएसपी – 3050 से 5650 रु
84. कुसुम की एमएसपी – 3000 से 5800
85. कपास (एमएस) का एमएसपी – 3750 से 6620
86. कपास (एलएस) का एमएसपी – 4020 से 7020
87. ज्वार हाइब्रिड का एमएसपी – 1530 से 3180
88. ज्वार की एमएसपी- 1550 से 3225 रू
89.पीएम किसान सम्मान निधि से बढ़ी करोड़ों किसानों की आय
90. नकदी प्रचलन को समाप्त करने के लिए विमुद्रीकरण

अयोध्या में राम मंदिर, दुनिया में सबसे भव्य-दिव्य का रिकॉर्ड बना रहा देश
91. भव्य-दिव्य राम मंदिर का निर्माण, अयोध्या दुनिया का धार्मिक हब
92. अटल सेतु-भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल
93. सुदर्शन सेतु-भारत का सबसे लंबा केबल ब्रिज
94. चिनाब ब्रिज-दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज
95. अहमदाबाद में विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम
96. मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट
97. गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’
98. कर्नाटक राज्य के हुबली में दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म
99. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश
100. अटल सुरंग-विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग

भारत 2070 तक भारत ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य हासिल कर लेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत नित नए-नए रिकार्ड बनाता जा रहा है। गुजरात के रेगिस्तान वाले इलाके में दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी पार्क बन रहा है। गुजरात के कच्छ के रण में ग्रीन एनर्जी पार्क 726 वर्ग किमी में फैला हुआ है और इसका 50 प्रतिशत काम इस साल दिसंबर में पूरा होने वाला है, जिसके साथ ही 14 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। दिसंबर 2026 में हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी पार्क पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद 30 गीगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस पार्क से करीब 2 करोड़ से ज्यादा घरों को स्वच्छ बिजली मिलेगी। इससे 2030 तक भारत अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेंसिटी में 45 प्रतिशत से अधिक की कमी लाएगा जबकि, 2070 तक भारत ‘नेट जीरो’ का लक्ष्य हासिल कर लेगा।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत किस तरह एक के बाद एक रिकार्ड कायम कर रहा है उस पर एक नजर-

कच्छ के रण में दुनिया का सबसे बड़ा रीन्यूएबल एनर्जी प्लांट
गुजरात के कच्छ जिले के रण में भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे खावड़ा गांव में दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी पार्क बनाया जा रहा है, जिससे 30 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। खास बात यह है कि 726 वर्ग किमी क्षेत्र में बना ये एनर्जी पार्क अंतरिक्ष से भी नजर आएगा। इस पार्क से लगभग 20 मिलियन यानी 2 करोड़ घरों को स्वच्छ बिजली मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में इस पार्क की नींव रखी थी। रण में बन रहा यह हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) पार्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इससे जहां कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी तो वहीं भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी हो जाएगा। इस साल दिसंबर तक 50 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा, जिसके साथ ही 14 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। जबकि दिसंबर 2026 में हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी पार्क पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद 30 गीगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।

देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज मुंबई में तैयार
देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाले ब्रिज की कुल लंबाई 21.8 किमी है। यह ब्रिज मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक यानि अटल सेतु राष्ट्रीय राजमार्ग 4B पर सेवरी से शुरू होगा और शिवाजी नगर, जस्सी और चिरले में इंटरचेंज होगा। यह ब्रिज आने वाले दिनों में मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। इस ब्रिज का 16.5 किमी का हिस्सा समुद्र में से होकर गुजरता है और 5.5 किमी का हिस्सा जमीन पर से गुजरता है। यह ब्रिज 6 लेन का है, जिसमें से 3 लेन आने और 3 लेन जाने के लिए होगी। इस ब्रिज पर 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन दौड़ सकेंगे। साथ ही रोजाना 70 हजार से ज्यादा वाहन इसपर से गुजर सकेंगे। इस ब्रिज की कुल लागत 17,843 करोड़ रुपये है और इस पर निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इटेंलीजेंस से लैस कैमरा लगाए गए हैं, जो वाहनों की जानकारी और उन्हें कंट्रोल करने में मदद करेंगे। इससे दो घंटे का सफर इस पुल के जरिए सिर्फ 35 मिनट में पूरा हो सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2018 में मुंबई के शिवड़ी से न्हावासेवा के बीच 22 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण की आधारशिला रखी थी।  

दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को नई दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया। यह दुनिया के सबसे बड़े कन्वेशन सेंटर में से एक है। इसकी लागत लगभग 5400 करोड़ रुपये है और यह 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक जमीन पर बना है। यशोभूमि में एक भव्य कन्वेंशन सेंटर, कई प्रदर्शनी हॉल और अन्य सुविधाएं हैं जो विश्वस्तरीय हैं और दुनिया के किसी भी देश के कन्वेंशन सेंटर से टक्कर ले सकते हैं। इसमें 11000 प्रतिनिधियों से अधिक की बैठने की क्षमता है। कन्वेंशन सेंटर के साथ इसमें 15 सम्मेलन कक्ष, ग्रैंड बॉलरूम और 13 बैठक कक्ष भी शामिल हैं। यह सीधा दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन से भी जुड़ा हुआ है और पीएम ने यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का भी उद्घाटन किया। यह दुनिया के सबसे बड़े MICE (मीटिंग्स, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सेंटर्स में से एक है और इसके बनने के साथ ही वैश्विक स्तर पर मीटिंग, प्रदर्शनी और कन्वेंशन में अब सहायता मिलेगी।

भारत मंडपम में नटराज की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा
भारत मंडपम में लगाई गई नटराज की यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई 27 फीट और चौड़ाई 21 फीट है। वहीं इस मूर्ति का वजन लगभग 18 टन है। इस मूर्ति को लॉस्ट वैक्स तकनीक के माध्यम से अष्टधातु से बनाया गया है। इस मूर्ति का निर्माण श्री राधाकृष्णण की अगुआई में शिल्प शास्त्र में लिखे गए सभी नियमों और सिद्धातों का पालन करते हुए किया गया है। इस प्रतिमा को जिस लॉस्ट वैक्स तकनीक के माध्यम से बनाया गया है, उसका पालन चोल काल से किया जा रहा है। शिव नटराज की यह मूर्ति अनंत शक्ति का प्रतीक है। ईश्वर का यह स्वरूप धर्म, दर्शन, कला, शिल्प और विज्ञान का समन्वय है।चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत
चंद्रयान-3 14 जुलाई 2023 को 41 दिन की चंद्रमा की यात्रा पर रवाना हुआ था और 23 अगस्त 2023 को इसने सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। भारत से पहले चांद पर पूर्ववर्ती सोवियत संघ, अमेरिका और चीन ही सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर पाए हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इनमें से कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया है, और अब भारत के नाम इस उपलब्धि को हासिल करने का रिकॉर्ड हो गया है। 4 साल में भारत के दूसरे प्रयास में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ ने 26 किलोग्राम के रोवर ‘प्रज्ञान’ के साथ योजना के मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इस तरह इस टेक्नोलॉजी में भारत ने महारत हासिल कर ली और इसको लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है।

भारत मंडपम दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल
दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत का ITPO कॉम्प्लेक्स भारत मंडपम दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल हो गया है। यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। यह कॉम्प्लेक्स ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक सिडनी ओपेरा हाउस से अधिक बड़ा है। ओपेरा हाउस में जहां तकरीबन 5,500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है वहीं ITPO कॉम्प्लेक्स में 7,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। इस तरह यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। इस कन्वेंशन सेंटर को वैश्विक पैमाने पर बड़े सम्मेलन, अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उपयुक्त स्थान बनाती है। प्रदर्शनी सभागारों में उत्पाद, नवोन्मेष और नये विचारों का प्रदर्शन करने के लिए यह आधुनिक स्थल हैं।

सूरत की डायमंड एक्सचेंज दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग
गुजरात का सूरत शहर वैसे तो अपने डायमंड कारोबार के लिए जाना जाता है लेकिन अब सूरत के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। सूरत में चार साल में तैयार हुए सबसे बड़े डायमंड एक्सचेंज के ऑफिस ने अमेरिका के पेंटागन की बिल्डिंग को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका के पेंटागन को अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग माना जाता था। यानि कि इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा कर्मचारी एक साथ काम करते थे लेकिन अब सूरत के डायमंड एक्सचेंज को ये तमगा मिला है। पेंटागन को पीछे छोड़कर डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग बन गई है।

हुबली स्टेशन पर दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म
दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म भारत के कर्नाटक राज्य के हुबली में है, जिसकी कुल लम्बाई 1,505 मीटर है। इससे पहले उत्तरप्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म था जिसकी लंबाई 1366.33 मीटर है लेकिन अब यह प्लेटफार्म दूसरे नंबर पर आ गया है। हुबली रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 8 दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म है। इसकी लंबाई 1507 मीटर है। यानी यह डेढ़ किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। पीएम मोदी ने 12 मार्च 2023 को इस प्लेटफॉर्म को देश को समर्पित किया है। इस रेलवे स्टेशन का पूरा नाम सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन है। कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन का नाम दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज हो गया है। यह भारतीय रेलवे में दक्षिण-पश्चिम रेलवे जोन का जंक्शन है। पीएम मोदी ने इस पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन को देश को समर्पित किया है।

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’
देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में तैयार 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का 31 अक्टूबर 2018 को अनावरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण किया। खास बात ये है कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के लिए देशभर की 30 छोटी-बड़ी नदियों का जल लाया गया था, जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र आदि शामिल हैं। पीएम मोदी ने इन्हीं 30 नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया। इस दौरान 30 ब्राह्मणों ने मंत्रों का जाप भी किया। मूर्ति के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 18,500 टन मजबूत लोहा, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसे का प्रयोग किया गया है।

विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम
विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम है। इसका उद्घाटन 2020 में किया गया और इसमें 1,32,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जो दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम की तुलना में सबसे अधिक है। यह भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम है। नरेन्द्र मोदी स्टेडियम को 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है जो कि 63 एकड़ पर फैला एक विशाल मैदान है। इस मैदान में 76 कार्पोरेट बॉक्स, 4 ड्रेसिंग रूम के अलावा 3 प्रेक्टिस ग्राउंड भी बनाया गए हैं। एक साथ 4 ड्रेसिंग रूम वाला यह दुनिया का पहला स्टेडियम हैं, बारिश का पानी को बाहर निकलने के लिए यहां आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया हैं, जिसके चलते यहां बारिश बंद होने के आधे घंटे के भीतर मैच मैच शुरू किया जा सकता है।

विश्व की सबसे लंबी सुरंग- अटल सुरंग
अटल सुरंग 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी सुरंग है। यह टनल मनाली को लेह से जोड़ती है। यह सुरंग मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम करती है और यात्रा के समय को भी 4 से 5 घंटे कम कर देती है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो कि मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सुरंग को समुद्र तल से 3,000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है। टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। यह करीब 10.5 मीटर चौड़ी और 5.52 मीटर ऊंची है। पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को किया इसका उद्घाटन किया था। यह देश की पहली ऐसी सुरंग है जिसमें मुख्य सुरंग के भीतर ही बचाव सुरंग बनाई गई है। दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा 10 हजार फीट से ऊपर दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग’ के रूप में प्रमाणित किया गया है।

चिनाब रेल आर्क पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल
चिनाब रेल पुल आर्क पुल की कैटेगरी में यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। चिनाब नदी पर बना रेलवे ब्रिज 3 किलोमीटर लंबा और 1,178 मीटर ऊंचा है। जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों को जोड़ते इस पुल का एक हिस्सा रेयासी (Reasi) और दूसरा हिस्सा बक्कल, उधमपुर में है। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। चेनाब रेल पुल नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है। बादलों के ऊपर और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच शान से खड़ा यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाले हवा का भी मुकाबला कर सकता है। इस पुल को इस तरह बनाया गया है कि अगर रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता से भी भूकंप आए तो इसका बाल भी बांका नहीं होने वाला। निर्माण कंपनी का दावा है कि यह पुल करीब 120 साल तक खड़ा रह सकता है। इस पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। चिनाब रेलवे पुल में कुल 17 पिलर हैं। इसमें 28,660 मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।

दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्‍वर डैम पर
मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बन रहा है। यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्वर डैम पर बनाया जा रहा है। दुनिया में अब तक केवल 10 फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं। ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट है, इसकी सबसे बड़ी खासियतों में से एक ये भी है कि इसको बनाने में कोई विस्थापन नहीं होगा। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना 600 मेगावाट क्षमता की होगी। पहले चरण में 278 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है। परियोजना का निर्माण दो चरणों में हो रहा है। इस पावर प्लांट से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। इस परियोजना में नर्मदा नदी के बैक वाटर पर करीब 2 हजार हेक्टेयर में सोलर पैनल्स लगेंगे। हर साल करीब 1200 मिलियन यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन होगा। इस प्लांट से बिजली के अलावा कई फायदे होंगे। भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होगी उतना पानी बच जाएगा।

 

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