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पटना के सदाकत आश्रम में फिर भिड़े कांग्रेसी, खूब चलीं कुर्सियां, देखिए वीडियो

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पटना स्थित सदाकत आश्रम कांग्रेसी नेताओं के लिए अखाड़ा है, जिसमें सभी नेता अपनी-अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते रहते हैं। इस दौरान पूरा आश्रम जंग के मैदान में तब्दिल हो जाता है और एक-दूसरे पर मुक्कों और कुर्सियों की बौछार शुरू हो जाती है। ऐसा ही नजारा मंगलवार (12 जनवरी) को भी देखने को मिला जब कांग्रेस पार्टी की बिहार इकाई ने अपने नये प्रभारी का  हंगामेदार स्वागत किया और दो गुट आपस में ही भिड़ गए। दोनों तरफ से लात-घूसे के साथ कुर्सियां तक फेंक कर हमला किया गया। आप भी देखिए वीडियो…

दरअसल बिहार के नवनियुक्त प्रभारी भक्त चरण दास की मौजूदगी में बैठक के दौरान पार्टी के दो गुटों के नेताओं के बीच एक बार फिर मारपीट की नौबत आ गयी। बागी नेताओं में शामिल किसान नेता राजकुमार राजन ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर मनमानी करने और विधानसभा चुनावों में टिकटों की खरीद बिक्री करने को लेकर आरोप लगाने शुरू कर दिए। उन्होंने अभी बोलना शुरू ही किया था कि प्रदेश नेतृत्व के कई नेताओं ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद कांग्रेसियों ने बैठक में जमकर बवाल काटा। एक-दूसरे पर कुर्सियां फेंकी और धक्‍का-मुक्‍की भी खूब हुई।

इस बीच मंच पर मौजूद भक्त चरण दास, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, अजीत शर्मा जैसे नेता लगातार नेताओं को शांत कराने की कोशिश करते नजर आए। मगर नेता शांत होने का नाम नहीं ले रहे थे। बीच-बचाव में कई और नेता कूदे तब जाकर बागी शांत हुए। इसके बाद बैठक की कार्यवाही आगे बढ़ सकी। यह पहला मौका नहीं जब कांग्रेस के दो गुट आपस मे भिड़े हैं। एक दिन पहले भी सोमवार को बागी खेमे ने प्रभारी की मौजूदगी में हंगामा किया था।

कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्तचरण दास कांग्रेस के साथ भी धक्का-मुक्की की गयी। हालांकि उन्हें किसी तरह से बाहर निकाल लिया गया। भक्तचरण दास ने हंगामे पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि बाहरी तत्वों ने हंगामा किया। ये तत्व बैठक में व्यवधान उत्पन्न करना चाह रहे थे। हंगामें शामिल लोगा किसान संगठन के सदस्य नहीं थे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में ये सब बाते कॉमन है। पार्टी में कौन लोग अनुशासित नहीं है। इस बारे में पहचान की जा रही है, पहचान होने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

 

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