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नवोदय की तर्ज पर अल्पसंख्यकों के लिए खुलेंगे विशेष स्कूल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति को अपने शासन पद्धति का मूल आधार बनाया है। इसी पर बढ़ते हुए मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। केंद्र सरकार अब नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विशेष स्कूल खोलने जा रही है।

छात्राओं को 40 प्रतिशत आरक्षण
अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इससे इन लोगों को बेहतरीन शिक्षा दी जा सकेगी। सरकार इनमें लड़कियों के लिए 40 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखेगी। दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में नवोदय विद्यालय सरकार ने खोल रखे हैं। इनमें मुफ्त भोजन के साथ गुणवत्ता परक शिक्षा दी जा रही है। सरकार इस तर्ज पर 105 स्कूल खोलेगी। इनमें सौ स्कूल नवोदय की तर्ज पर अल्पसंख्यक बहुल्य इलाकों में खोले जाएंगे। जबकि पांच अन्य शैक्षणिक संस्थान इस समुदाय के लोगों के लिए खोलने पर विचार चल रहा है।

MSDP के तहत खुलेंगे स्कूल
दरअसल बहु-क्षेत्रीय विकास योजना (एमएसडीपी) के तहत विभिन्न अल्पसंख्यक क्षेत्रों में 200 से अधिक विद्यालयों की इमारतें हैं, जो अप्रयुक्त हैं। स्कूल यहां से शुरू किए जाने की योजना है। बकौल मंत्री चूंकि यह धर्म आधारित नहीं है, इसलिए इसके लिए संसद में जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इन विद्यालयों के चलने को अंतिम रूप देने के लिए केन्द्रीय विद्यालय संगठन के साथ बातचीत पहले से ही चल रही है। प्रस्तावित स्कूल केन्द्रीय विद्यालय या नवोदय विद्यालय के पैटर्न पर काम कर सकते हैं।

मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के लिए चित्र परिणाम

MAEF ने दिया था सर्वे रिपोर्ट
मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन (एमएईएफ) को सरकार ने सर्वे की जिम्मेदारी दी थी। इसमें अपनी रिपोर्ट में मुस्लिम, बौध, ईसाई, सिख, पारसी व जैन समुदाय के लोगों के बीच शिक्षा के स्तर का पता लगाना था। फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए एक त्रिस्तरीय योजना पर काम करने के जरूरत है। सुझाव मॉडल में 211 स्कूलों, 25 सामुदायिक महाविद्यालयों और पांच संस्थानों को खोलकर प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर शिक्षा प्रदान करने के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण करना शामिल है।

 

यूपी और राजस्थान ने दी सहमति
अल्पसंख्यक मंत्रालय के अनुसार राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए संस्थान खोलने पर सहमति जताई है। उनका कहना है कि इन्हें अगले साल से शुरू किया जा सकता है। एमएसडीपी कार्यक्रम के तहत बनाए गए भवनों में इन्हें खोला जाएगा। इनमें छात्रावास की व्यवस्था भी सरकार उपलब्ध कराएगी।

मोदी मुस्लिम के लिए चित्र परिणाम

EEE से अल्पसंख्यकों का विकास

‘विकास पर सबका हक है’ की मूल सोच के साथ पिछले तीन साल में अल्पसंख्यक मंत्रालय ने समावेशी विकास की कई नीतियां और योजनाएं धरातल पर उतारी हैं। बदलते दौर में अल्पसंख्यक समुदाय विकास की रेस में कहीं पिछड़ न जाएं इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल्पसंख्यकों की बुनियादी विकास की नीतियों को ‘3ई’ के जरिये गति प्रदान की है। एजुकेशन, इम्पलायमेंट एवं इमपावरमेंट- को आधार बनाकर विकास की मुख्यधारा में अल्पसंख्यक समुदायों के गरीबों, पिछड़ों तथा निर्बल वर्गों को शामिल करने की सोच के साथ कई योजनाएं आगे बढ़ रहीं हैं।

सरकार की योजनाएं
‘गरीब नवाज कौशल विकास केन्द्र’, ‘उस्ताद’, ‘नई मंजिल’, ‘नई रोशनी’, ‘सीखो और कमाओ’, ‘पढ़ो प्रदेश’, ‘प्रोग्रेस पंचायत’, ‘हुनर हाट’, बहुउद्देशीय ‘सदभाव मंडप’, ‘प्रधानमंत्री के नये 15 सूत्री कार्यक्रम’, ‘बहु-क्षेत्रवार विकास कार्यक्रम’, लडकियों के लिए ‘बेगम हजरत महल छात्रवृत्ति’।

  • पिछले तीन वर्षों के दौरान 578 करोड़ रुपये के व्यय से विभिन्न रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण योजनाओं के तहत लगभग 40 प्रतिशत महिलाओं समेत 5.2 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया ।
  • 2017-18 में, 2 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार परक ट्रेनिंग देने की योजना है।

प्रधानमंत्री का 15 सूत्रीय कार्यक्रम 

  • अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक विकास और सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री का नया 15-सूत्रीय कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • इस योजना में 11 मंत्रालयों और विभागों की 24 योजनाएं शामिल हैं। विभिन्न मंत्रालय अपने फंड का लगभग 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों के विकास पर खर्च कर रहे हैं।
  • बजट 2017-18 में इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा खर्च किये जाने वाले बजट में लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

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