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गुरु नानकदेव जी ने पूरे राष्ट्र को अंधकार से निकालकर प्रकाश की राह दिखाई, सिख परंपरा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की जीवंत परंपरा है-प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में और आजादी के बाद भी सिख समाज का देश के लिए जो योगदान है, उसके लिए पूरा भारत कृतज्ञता अनुभव करता है। हमारे गुरुओं ने पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण पूरे भारत की यात्राएं कीं, हर कहीं उनकी निशानियां हैं, उनकी प्रेरणाएं हैं, उनके लिए आस्था है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय डायस्पोरा को हमेशा से भारत का राष्ट्रदूत मानता रहा हूं। आप सभी भारत से बाहर, मां भारती की बुलंद आवाज हैं, बुलंद पहचान हैं। भारत की प्रगति देखकर आपका भी सीना चौड़ा होता है, आपका भी सिर गर्व से ऊंचा होता है। उन्होंने कहा कि गुरु नानकदेव जी ने पूरे राष्ट्र की चेतना को जगाया था। पूरे राष्ट्र को अंधकार से निकालकर प्रकाश की राह दिखाई थी।

हमारे गुरुओं ने साहस और सेवा की सीख दी है, अब यह भारत की स्पिरिट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सिख प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में कहा कि महाराजा रणजीत सिंह का योगदान हो, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई हो या जलियांवाला बाग हो। इनके बिना न भारत का इतिहास पूरा होता है और न हिंदुस्तान पूरा होता है। पीएम मोदी ने सिखों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुद्वारों में जाना, सेवा में समय देना, लंगर पाना, सिख परिवारों के घरों पर रहना, ये मेरे जीवन का एक बहुत बड़ा स्वाभाविक हिस्सा रहा है। हमारे गुरुओं ने हमें साहस और सेवा की सीख दी है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बिना किसी संसाधन के हमारे भारत के लोग गए और अपने श्रम से सफलता के मुकाम हासिल किए। यही स्पिरिट आज नए भारत की स्पिरिट बन गई है।

हमें आत्मनिर्भर बनकर बेहतर बनाना है गरीब से गरीब का जीवन
उन्होंने कहा कि लंगर को टैक्स फ्री करने से लेकर, हरमिंदर साहिब को FCRA की अनुमति तक, गुरुद्वारों के आसपास स्वच्छता बढ़ाने से लेकर उन्हें बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने तक, देश आज हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी कालखंड में करतारपुर साहिब कॉरिडॉर का निर्माण भी हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे गुरुओं ने हमें आत्मसम्मान और मानव जीवन के गौरव का जो पाठ पढ़ाया, उसका भी प्रभाव हमें हर सिख के जीवन में दिखता है। आजादी के अमृत काल में आज यही देश का भी संकल्प है। हमें आत्मनिर्भर बनना है, गरीब से गरीब व्यक्ति का जीवन बेहतर करना है।हमारे प्रवासी भारत के बाहर मां भारती की बुलंद आवाज हैं और बुलंद पहचान
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे पास ऐसे कई अनुभव हैं, जो बताते हैं कि कैसे हमारा सिख समाज भारत और दूसरे देशों के बीच रिश्तों की एक अहम कड़ी बना है। मैं भारतीय Diaspora को हमेशा से भारत का राष्ट्रदूत मानता रहा हूं। आप सभी भारत के बाहर मां भारती की बुलंद आवाज हैं और बुलंद पहचान हैं। हम दुनिया में कहीं भी रहें, India first, राष्ट्र प्रथम हमारी पहली आस्था होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे गुरुओं ने पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक पूरे भारत की यात्राएं कीं। हर जगह उनकी निशानियां और प्रेरणाएं हैं। सिख परंपरा वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की जीवंत परंपरा है।दस गुरुओं ने राष्ट्र को सबसे ऊपर रखकर भारत को एक सूत्र में पिरोया
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सभी दस गुरुओं ने राष्ट्र को सबसे ऊपर रखकर भारत को एक सूत्र में पिरोया था। गुरु नानकदेव जी ने पूरे राष्ट्र की चेतना को जगाया था, पूरे राष्ट्र को अंधकार से निकालकर प्रकाश की राह दिखाई थी। पंजाब में गुरुदवारा हरमंदिर साहिब जी से लेकर उत्तराखंड में गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब तक, महाराष्ट्र में गुरुद्वारा हुजूर साहिब से लेकर हिमाचल में गुरुदावारा पोंटा साहिब तक, बिहार में तख्त श्री पटना साहिब से लेकर गुजरात के कच्छ में गुरुद्वारा लखपत साहिब तक, हमारे गुरुओं ने लोगों को प्रेरणा दी, अपनी चरण रज से इस भूमि को पवित्र किया।

यह गर्व की बात कि 99 प्रतिशत वैक्सीनेशन हमारी मेड इन इंडिया वैक्सीन्स से हुआ
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में पुरानी सोच वाले लोग भारत को लेकर चिंताएं जाहिर कर रहे थे। लेकिन, अब लोग भारत का उदाहरण दे रहे हैं। पहले कहा जा रहा था कि भारत की इतनी बड़ी आबादी, भारत को कहां से वैक्सीन मिलेगी, कैसे लोगों का जीवन बचेगा? लेकिन आज भारत वैक्सीन का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच तैयार करने वाला देश बनकर उभरा है। करोड़ों वैक्सीन डोज़ हमारे देश में लगाई जा चुकी हैं। आपको भी सुनकर ये गर्व होगा कि इसमें भी 99 प्रतिशत वैक्सीनेशन हमारी अपनी मेड इन इंडिया वैक्सीन्स से हुआ है।आज़ादी का अमृत महोत्सव हमारी संस्कृति और विरासत को सेलिब्रेट करने का अवसर
पीएम ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव हमारे स्वतन्त्रता संग्राम के साथ-साथ हमारी संस्कृति और विरासत को celebrate करने का भी अवसर है। क्योंकि, आजादी के लिए भारत का संघर्ष केवल एक सीमित कालखंड की घटना नहीं है। इसके पीछे हजारों सालों की चेतना और आदर्श जुड़ी थी। इसीलिए, आज देश जब एक तरफ आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाता है, तो साथ ही लालकिले पर गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व भी मनाता है। पीएम मोदी ने कहा कि इससे पहले हमने गुरु नानकदेव जी का 550वां प्रकाश पर्व भी पूरी श्रद्धा के साथ राष्ट्रीय स्तर पर मनाया था। गुरु गोबिन्द सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व का सौभाग्य भी हमें मिला था। बीते 7-8 वर्षों में हमें सिख समाज की निरंतर सेवा का अवसर मिल रहा है।

 

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