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यूपी में विधानसभा चुनाव के बाद अब एमएलसी चुनाव में अखिलेश यादव को लग रहा झटका, मतदान से पहले बीजेपी का 8 सीटों पर कब्जा

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उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद सीएम योगी की दोबारा ताजपोशी होने जा रही है। इसी बीच विधानसभा चुनाव की तरह विधान परिषद चुनाव में भी बीजेपी ने शानदार आगाज किया है। वहीं समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को जोरदार झटका लग रहा है। निकाय क्षेत्र की 36 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस लेने से बीजेपी प्रत्याशियों की निर्विरोध जीत का सिलसिला जारी है। बीजेपी की रणनीति की वजह से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मैदान छोड़ते जा रहे हैं। 

सपा मुखिया अखिलेश यादव को झटका देते हुए गुरुवार को बांदा-हमीरपुर के उम्मीदवार और बुधवार को हरदोई, बदायूं और मिर्जापुर-चित्रकूट सीट पर सपा उम्मीदवारों के नामांकन वापस ले लेने से बीजेपी प्रत्याशियों की निर्विरोध जीत तय हो गयी है। इससे पहले मंगलवार को भी समाजवादी पार्टी के तीन प्रत्याशियों का पर्चा ख़ारिज होने से बीजेपी प्रत्याशियों की जीत तय हो गई थी। दरअसल, तीन एमएलसी सीटों (एटा-मैनपुरी-मथुरा, मथुरा-एटा-मैनपुरी और बुलंदशहर) के समाजवादी पार्टी (सपा) समेत बाकी निर्दलीय प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त हो गया था।

अब तक बीजेपी बिना मतदान के ही 8 सीटों पर कब्जा जमा चुकी है। बांदा-हमीरपुर सीट से जितेंद्र सिंह सेंगर के अलावा एटा-मैनपुरी-मथुरा-1 से आशीष यादव आशु, एटा-मैनपुर-मथुरा-2 से ओम प्रकाश सिंह, बुलंदशहर से नरेंद्र भाटी, अलीगढ़ से ऋषिपाल सिंह, हरदोई से अशोक अग्रवाल, मिर्जापुर से श्याम नारायण उर्फ विनीत सिंह और बदायूं से वागीश पाठक की निर्विरोध जीत तय है।

यूपी विधान परिषद की 36 सीटों के लिए 9 अप्रैल को मतदान होना है। वहीं, नामांकन की प्रकिया 21 मार्च को पूरी हुई थी। जबकि 24 मार्च पर्चा वापस लेने की आखिरी तारीख है। इससे पहले अन्य सीटों पर भी समाजवादी पार्टी को झटका लगने की उम्मीद जतायी जा रही है। यही नहीं, जिन-जिन सीटों पर बीजेपी की निर्विरोध जीत हो चुकी है, उसका ऐलान किया जा सकता है। वैसे स्थानीय निकाय क्षेत्र के चुनाव में सत्तारूढ़ दल का दबदबा रहता है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 100 सदस्यीय विधान परिषद में वर्तमान में बीजेपी के 35 सदस्य, सपा के 17 और बहुजन समाज पार्टी के चार सदस्य हैं। यूपी विधान परिषद में कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य हैं। वहीं, इस बार के चुनाव में बीजेपी ज्‍यादा से ज्‍यादा सीटें जीतने की कोशिश कर रही है, ताकि विधान परिषद में अपनी स्थिति और मजबूत कर सके। 

 

 

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