Home समाचार राजस्थान का ‘जलियांवाला’ यानी मानगढ़ धाम बन सकता है राष्ट्रीय स्मारक, आदिवासियों...

राजस्थान का ‘जलियांवाला’ यानी मानगढ़ धाम बन सकता है राष्ट्रीय स्मारक, आदिवासियों के हितैषी PM Modi इस धाम में कल देंगे सौगात, मानगढ़ के गुजरात वाले हिस्से में पहले ही कराए हैं कई काम

SHARE

देश-दुनिया में जलियांवाला बाग और उसमें हुए नरसंहार को कौन नहीं जानता! लेकिन क्या आप राजस्थान के ‘जलियांवाला नरसंहार’ के बारे में जानते हैं ? इसमें अमृतसर के जलियांवाला बाग से भी पहले जालिम अंग्रेजों ने एक हजार से भी ज्यादा आदिवासियों का कत्लेआम किया था। आदिवासी गोविंद गुरू की इस पावन भूमि को मानगढ़ के नाम से जानते हैं। इसी मानगढ़ में आदिवासियों और जनजातीय समुदाय के हितैषी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक नवंबर को आ रहे हैं, जहां करीब एक लाख आदिवासियों के जुटने की उम्मीद है। पीएम मोदी राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर सकते हैं। बीजेपी ने पीएम से मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की मांग रखी है। मानगढ़ को राजस्थान का जलियांवाला बाग कहा जाता है।मानगढ़ धाम राष्ट्रीय गौरव, इसे देश की धरोहर के रूप में पहचान दिलाएंगे पीएम मोदी
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल और राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया मोदी के इस राजस्थान दौरे और जनसभा को बड़े रूप में करने की तैयारियों में जुटे हैं। ताकि यहां से बड़ा पॉलिटिकल मैसेज भी राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश समेत देशभर के आदिवासी समाज को दिया जा सके। तीनों राज्यों के मुख्यमंत्री और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष इस कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए हैं। राजस्थान बीजेपी भी मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग पीएम से कर चुकी है। इसके बाद पीएम मोदी का यह दौरा होने जा रहा है। बीजेपी का मानना है कि यह राष्ट्रीय गौरव का विषय है। यह राष्ट्रीय सम्पदा रहे और देश की धरोहर के रूप में इसे पहचान मिले, इसके प्रयास हैं। अब तक इसे जो दर्जा मिलना चाहिए था, नहीं मिला। उस भूल को सुधार कर इस राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने पर सच्ची श्रद्धांजलि होगी।संत गोविंद गुरु के नेतृत्व में करीब 1500 आदिवासियों ने अपने प्राणों की आहुति दी
काबिले जिक्र है कि ब्रिटिश सेना द्वारा 1913 में आदिवासी-भीलों पर की गई जुल्म की इंतेहा और सामूहिक नरसंहार मानगढ़ धाम जाना जाता है। इसमें संत गोविंद गुरु के नेतृत्व में लगभग 1500 आदिवासियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन पर आजादी का आंदोलन चलाने का आरोप लगाया गया था। यहां तक कि यज्ञ और पूजा-अनुष्ठान से रोकने की कोशिश की गई थी। गोविंद गुरू भक्ति आंदोलन के जरिए आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे। राजस्थान में बीजेपी की पिछली सरकार ने मानगढ़ धाम को पैनोरमा बनाया था। लेकिन मौजूदा गहलोत सरकार सिर्फ दिखावा रही है। गहलोत अब पीएम को पत्र लिखकर इसे राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।पीएम मोदी ने मानगढ़ को लेकर राजस्थान-गुजरात के सीएस से कर चुके हैं कांफ्रेंसिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को राजस्थान और गुजरात के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मानगढ़ धाम को लेकर बैठक भी की है। बीजेपी एसटी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र मीणा के मुताबिक मानगढ़ धाम के स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब जलियांवाला बाग से पहले यहां हुए 1500 आदिवासियों के हत्याकांड और बलिदान के स्थल को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए। राष्ट्रीय स्मारक की डिमांड बीजेपी की पहले से रही है। बीजेपी ही नहीं हर हिन्दुस्तानी को मानगढ़ स्मारक स्थल पर गर्व है। लेकिन इसमें राजनीति नहीं राष्ट्रनीति होनी चाहिए। यहां राष्ट्रीय स्मारक घोषित होने से काफी डवलपमेंट हो जाएगा। भारत में एजुकेशन कोर्स में मानगढ़ में आदिवासियों की शाहदत और आजादी के आंदोलन में उनका योगदान चैप्टर शामिल हो जाएगा।पीएम जब गुजरात के सीएम थे, तब से ही मानगढ़ के लिए उनका विशेष लगाव
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा- पीएम नरेंद्र मोदी का 1 नवम्बर को मानगढ़ में संस्कृति मंत्रालय की ओर से सरकारी कार्यक्रम है। मानगढ़ ऐसी धरती है जहां 1913 में बड़ी संख्या में गोविंद गुरू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आदिवासियों की शाहदत हुई थी। पीएम जब गुजरात के सीएम थे तब से ही इस जगह के लिए उनका विशेष लगाव है। उनकी इच्छा रहती है आजादी के ऐसे अनसंग हीरो हैं, जिन्हें इतिहास में मजबूती से पढ़ाया,दिखाया और सिखाया नहीं गया, ऐसे स्मारकों को वो ज्यादा महिमामंडन करें। ताकि नई पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सकें।जनजाति के प्रति प्रधानमंत्री की आस्था द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति में भी दिखती है
यह सर्वविदित तथ्य है कि पीएम मोदी आदिवासियों के उत्थान (अपलिफ्टमेंट) के लिए कटिबद्ध हैं। स्वाभाविक तौर पर जनजाति के लोगों के लिए उनकी आस्था द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति के तौर पर निर्वाचन से प्रकट होती है। जितनी लोककल्याण की योजनाएं हैं उज्जवला, आयुष्मान, आवास, जनधन की नीतियां गरीब और जनजाति के लोगों के घरों को रोशन करती हैं। जल-जंगल-जमीन के लिए खास तौर पर मोदी सरकार ने जो नीतियां बनाईं, वो माइलस्टोन बनी हैं। उस समुदाय के अपलिफ्टमेंट के लिए लगातार पीएम मोदी लगातार काम कर रहे हैं। उनका नारा है सबका साथ, सबका विकास,सबका विश्वास और सबका प्रयास है। जनजाति के जितने भी प्रतिनिधि और बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ता हैं वो उस कार्यक्रम को सुनने और पीएम को देखने जाएंगे।पीएम मोदी की सभा से तीन राज्यों की 99 आदिवासी सीट, देशभर में मैसेज जाएगा
राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश से करीब 1 लाख आदिवासी समाज के लोग पीएम मोदी को सुनने पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री तीनों राज्यों की 99 आदिवासी सीटों को जनसभा और सम्मेलन से साधेंगे। राजस्थान विधानसभा में 25, गुजरात विधानसभा में 27, मध्य प्रदेश विधानसभा में 47 सीट एसटी के लिए रिजर्व हैं। राजस्थान में 33 विधायक एसटी से हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और एक एनजीओ मिलकर कार्यक्रम करवाएंगे। इसमें तीनों राज्यों के सीएम और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष को आमंत्रित किया गया है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी कार्यक्रम में आमंत्रित हैं।राजस्थान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, गुजरात के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल, मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी मोदी की सभा में शामिल होंगे।

 

 

 

Leave a Reply