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राहुल गांधी की यात्रा पर ‘अपने’ राज्य में ही ब्रेक! गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने किया ऐलान, आरक्षण सहित लंबित मांगे पूरी नहीं हुई तो राजस्थान में नहीं घुसने देंगे यात्रा और करेंगे पुरजोर विरोध

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राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने इस बार के कार्यकाल में लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं। पार्टी के अंदरखाते विरोध को जगजाहिर पहले से है, अब विभिन्न लोगों और राजनीतिक रूप से सक्रिय जातियों का विरोध भी उनके लिए लगातार चुनौतीभरा बनता जा रहा है। एक तरफ जहां लगातार सचिन समर्थक पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाने की पैरवी में जुटे हैं। वहीं ओबीसी विसंगति के मुद्दे पर जाट समुदाय के रोष के बाद उन्हीं के विधायक सीएम के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करने में लग गए हैं। इसी बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान में ही विरोध से सीएम अशोक गहलोत के लिए एक और बड़ी मुसीबत खड़ी होती दिख रही है। दरअसल जाट समुदाय के बाद अब गुर्जर समाज ने भी अशोक गहलोत की खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में शुरू कर दी है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि अब हम किसी मंच पर बैठकर बात करने की स्थिति नहीं है। गहलोत सरकार में बैठे गुर्जर समाज के नेताओं पर भी तंज कसते हुए कहा कि सरकार में रहकर भी जो नेता समाज का काम नहीं करवा सकते, तो समाज को ऐसे तमगे नहीं चाहिए।

विशेष पिछड़ा वर्ग के लंबित मुद्दों पर गहलोत सरकार ने अब तक कोई काम नहीं किया
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा है कि यदि विशेष पिछड़ा वर्ग  की लंबित मुद्दों को नहीं सुलझाया गया तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को राजस्थान में प्रवेश ही नहीं होने दिया जाएगा। बैंसला ने मीडिया से कहा कि विशेष पिछड़ा वर्ग  के लंबित मुद्दों पर गहलोत सरकार ने अब तक कोई काम नहीं किया, ना तो इस संबंध में कोई समीक्षा की गई है। ऐसे में संघर्ष समिति ने फैसला किया है कि लंबित मुद्दों को नहीं सुलझाने पर राहुल गांधी की यात्रा का राजस्थान में पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा।

कर्नल किरोड़ी बैंसला के दिखाए मार्ग पर चलते हुए उनके सपनों को साकार करने का संकल्प
दरअसल, पिछले माह दौसा जिले के कैलाई स्थित देवनारायण मंदिर पर आयोजित हुई गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार 2019 व 20 के समझौते की पालना करे। ऐसा न करने पर एक माह बाद आंदोलन का सामना करने के लिए तैयार रहे। इसके साथ ही दो शहीद परिवारों को नौकरी व मुआवज़ा देने, रीट 372 व रीट 233, पुष्कर प्रकरण में मुक़दमा वापसी व आरक्षण आंदोलन में लगे मुकदमों का निस्तारण करने की मांग की गई थी। बैठक में सबसे पहले गुर्जर आरक्षण आंदोलन के प्रणेता कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला सहित 75 शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही संकल्प लिया गया कि कर्नल बैंसला के दिखाए मार्ग पर चलते हुए उनके सपनों को साकार किया जाएगा।

समझौते की पालना में बरती जा रही शिथिलता को गुर्जर समाज बर्दाश्त नहीं करेगा
बैठक में वक्ताओं ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि सरकार द्वारा आरक्षण संघर्ष के साथ किए गए समझौते की पालना में जो शिथिलता बरती जा रही है वह समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रक्रियाधीन भर्तियों व समाज पर लगे मुकदमे तथा देवनारायण योजना का उचित क्रियान्वयन हो। आरक्षण आंदोलन में शहीद हुए गुर्जर परिवार के शहीद रूपनारायण झींझण सिकराय तथा जगराम निवासी श्यालूता अलवर के परिजनों को अभी तक नौकरी व मुआवजा तक नहीं दिया गया इससे समाज में रोष है। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य स्तर पर आरक्षण समिति का पुनर्गठन किया जाएगा। यह आरक्षण संघर्ष समिति कर्नल बैंसला के विचारों, आदर्शों, सिद्धांतों तथा समाज के उत्थान के लिए कार्य करेगी।

आश्वासन देकर क्रियान्वयन भूली सरकार, अब राहुल के विरोध से सरकार को जगाएंगे
अब एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बावजूद सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। इससे गुर्जर नेता नाराज हैं। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने रींगस में सीएम अशोक गहलोत खुली चुनौती दे दी है। मीडिया से बातचीत में कांग्रेस सरकार को चेताते हुए बैंसला ने कहा कि गुर्जर समाज की मांगे नहीं मानने पर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में कांग्रेस के लिए सपना रह जाएगी। क्योंकि गुर्जर समाज इसे राजस्थान में प्रवेश ही नहीं करने देगा। गहलोत सरकार यदि जोर-जबर्दस्ती से यात्रा ले भी आई तो राहुल गांधी की यात्रा जिन जिन विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी, वहां उसका खुलकर विरोध किया जाएगा और उसे रोकेंगे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने दो-दो बार सहमति पत्र पर लिखित मंजूरी दी। मांगे मानने का आश्वासन दिया और लेकिन क्रियान्वयन भूल गए।

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति इस बार लड़ेगी आर-पार की लड़ाई, हर विधानसभा में होगा विरोध
बैंसला ने कहा कि हमारी मांगे नहीं मानी तो राहुल गांधी की यात्रा को राजस्थान के बाहर से गुजारना पड़ेगा। राजस्थान में विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) के 75 विधानसभा क्षेत्रों में लोग हैं। इन 75 विधानसभा क्षेत्रों में इस यात्रा का विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर बार पटरी उखाड़ना जरूरी नहीं है। हमें लगता है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। वादे बहुत हुए हमें नतीजे चाहिए। कांग्रेस की सरकार ने गुर्जर आरक्षण के मसले पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के साथ समझौते किए थे। अभी तक उन समझौतों को लागू नहीं किया गया। हमारे बच्चों को नौकरियां नहीं हैं। सरकार के सामने अनेक बार समझौतों को लागू कराने की बातें रख चुका हूं, लेकिन सरकार इस पर साइन करने के बाद भूल गई है। ऐसे में क्या हम उनकी आरती उतारें। हम सरकार से मनुहार करते करते थक चुके हैं। बैंसला ने कहा कि हमारी मांगों के समर्थन में इस बार हम आर-पार की लड़ाई लड़ने से रुकने वाले नहीं हैं। केवल आश्वासन के सहारे सरकार हमें कब तक लॉलीपॉप देती रहेगी, ऐसा अब नहीं होगा।

 

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