भारत-चीन सीमा विवाद मामले में जवाहरलाल नेहरू की नासमझी और उसके बाद कांग्रेस सरकारों की अनदेखी ने भारत के सामने चुनौती खड़ी की, वैसी ही नासमझी और गलती कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी कर रहे हैं। लद्दाख में सीमा पर भारत-चीन के बीच जारी टकराव पर राहुल गांधी ने जो ट्वीट और बयान दिया है, उसकी रिटायर्ड आर्मी ऑफिसरों ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने राहुल के बयानों को गलत सोच से प्रभावित और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया है।
राहुल गांधी की अज्ञानता पर उठे सवाल
पूर्व आर्मी ऑफिसरों ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद पर कांग्रेस नेता के ट्वीट और बयान उनकी अज्ञानता प्रकट करते हैं या फिर पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जमाने में हुई ऐतिहासिक भूलों को नजरअंदाज करने की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नितिन कोहली, लेफ्टिनेंट जनरल आरएन सिंह और मेजर जनरल एम श्रीवास्तव समेत 9 पूर्व आर्मी अफसरों ने एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया, ‘हम सीनियर आर्म्ड फोर्सेज वेटरंस के समूह के तौर पर गलत सोच से प्रभावित और गलत वक्त में दिए गए राहुल गांधी के बयानों और उनके ट्वीट्स की कड़ी निंदा करते हैं जिनके जरिए राहुल ने भारत-चीन सीमा विवाद से निपटने को लेकर हमारी सेना और सरकार पर सवाल उठाए हैं।’
राहुल को नेहरू की बड़ी गलतियों की दिलाई याद
पूर्व आर्मी ऑफिसरों ने अपने बयान में कहा, ‘उनके (राहुल के) बयान हमारे राष्ट्रीय हितों के लिए काफी नुकसानदायक हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने अतीत में भी भारतीय सशस्त्र बलों के ग्राउंड और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाया था।’ उन्होंने पूछा, ‘क्या राहुल गांधी नहीं जानते हैं कि नेहरू ने तिब्बत को प्लेट में सजाकर चीन को सौंप दिया था और चीन ने अक्साई चीन में सड़कें बना लीं, बाद में इस पर तब कब्जा कर लिया जब नेहरू प्रधानमंत्री थे?‘
सीमा पर आधारभूत ढांचे की कमी के लिए कांग्रेस जिम्मेदार
रिटायर्ड आर्मी अफसरों ने सीमाई इलाकों में आधारभूत सैन्य ढांचे के अभाव के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जिस पार्टी ने भारत पर सबसे लंबे समय तक शासन किया, वही बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को नजरअंदाज करने की सीधा-सीधा दोषी है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दों पर संवेदनशील और सहयोग की भावना दिखाने की दरकार है।
मोदी सरकार के प्रयासों की तारीफ
पूर्व सैन्य अफसरों ने कहा कि विपक्ष को चीन के साथ सीमा विवाद का हल निकालने में सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए। इसके उलट किसी भी तरह की कोशिश माफी के लायक नहीं होगी क्योंकि ऐसी कोशिशें राष्ट्रीय हितों के खिलाफ हैं। रिटायर्ड आर्मी अफसरों के इस समूह ने इस बात के लिए सरकार की सराहना की कि वो बॉर्डर एरियाज में तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने को प्रतिबद्ध दिख रही है जो 1962 के चीन युद्ध के बाद से नहीं हुआ जबकि युद्ध के बाद भारत को अपनी ताकत बढ़ाने की दरकार थी। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार बहुत चतुर कूटनीतिक पहल का सहारा ले रही है, साथ ही सीमा की सुरक्षा में लगे हमारे सशस्त्र बलों का भी मनोबल बढ़ा रही है।’
राहुल ने पूछा, क्या लद्दाख में चीन ने हड़प ली हमारी जमीन?
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर सवाल उठाया था। शाह ने कहा था कि पूरी दुनिया मानती है कि अमेरिका और इजरायल के बाद भारत ही ऐसा देश है जो अपनी सीमा की सुरक्षा को लेकर सक्षम है। उन्होंने कहा था कि भारत की रक्षा नीति को वैश्विक स्वीकार्यता मिली है। इस पर राहुल गांधी ने शायराना अंदाज में सवाल कर डाला। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शायराना अंदाज में ही कटाक्ष किया तो राहुल ने रक्षा मंत्री से यह पूछ डाला कि क्या लद्दाख में चीन ने भारत की जमीन हड़प ली है?
Once RM is done commenting on the hand symbol, can he answer:
Have the Chinese occupied Indian territory in Ladakh?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 9, 2020