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पुरातन परंपरा को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के हिसाब से ढालने और परिष्कृत करने की जरूरत है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में छह घंटे से अधिक समय तक प्रवास किया। इस दौरान उन्होंने वाराणसी को तीस से अधिक योजनाओं की सौगात दी। सबसे पहले जंगमबाड़ी मठ में आयोजित समारोह में शामिल होने के बाद चंदौली के पड़ाव में पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया। अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम ‘काशी एक, रुप अनेक’ में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दीनदयाल हस्तकला संकुल में हस्त शिल्प उत्पादकों से जुड़े दो दिवसीय कार्यक्रम में विभिन्न देशों से आने वाले खरीरदारों और कारीगरों से संवाद किया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां भांति-भांति के कलाकार, शिल्पकार एक ही छत के नीचे हैं। एक-एक धागे को जोड़कर, मिट्टी के एक-एक कण को घटकर, बेहतरीन निर्माण करने वालों के साथ, दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को चलाने वाले, एक ही छत के नीचे बैठे हैं। सच में, काशी एक है, लेकिन उसके रूप अनेक हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की हमेशा से ही ये शक्ति रही है कि यहां के हर क्षेत्र, हर जिले की पहचान से कोई ना कोई विशेष कला, विशेष आर्ट और विशेष उत्पाद जुड़ा रहा है। सदियों से परंपरा रही है और कारोबारियों ने इसका प्रचार दुनिया में किया है। मसाले और शिल्प से भंडार भरा है। हर प्रोडक्ट की अपनी विशेषता और कहानी है। आदिवासी अंचलों में आर्टिस्टिक प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं। उद्योग हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ रहे हैं और यह ओडीओपी की प्रेरणा हैं। भारत को पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में यही सामर्थ्य है। संसाधन और कौशल की कमी नहीं रही है। व्यापक सोच से काम करने की जरूरत है। इसके दुनिया तक पहुंचने की जरूरत है। बताया गया कि यूपी आइडी द्वारा दो वर्षों में तीस जिलों में 3500 से अधिक लोगों को डिजाइन में सहायता दी गई। सुधार के लिए 1000 कलाकारों को सुविधा दी गई। टूल किट देकर वर्कशॉप करके यूपीआइडी ने हजारों कलाकारों को कारोबार में नयापन और बढ़ाने में मदद की है।

दुनिया में क्राफ्ट शिल्प में जो चल रहा है उसमें यूपी आइडी प्लेटफार्म बन रहा है। ओडीओपी से बनी एक प्रदर्शनी को देखकर आया हूं। इसको आप भी बारीकी से देखिए। शानदार कलेक्शन है। दोना पत्तल वालों को मशीन दी गई है। उनका आत्मविश्वास देखते बन रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प खोजा जा रहा है। पूरी दुनिया के साथ इसे साझा किया जा सकता है। पुरातन परंपरा को 21 वीं सदी की आवश्यकताओं के हिसाब से ढालने और परिष्कृत करने की जरूरत है। तभी संभव है जब परंपरा के साथ संस्थागत सपोर्ट चाहिए। बदलते समय और मांग के अनुसार इन उत्पादों में बदलाव करना होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि पारंपरिक उद्योगों को मार्केट और तकनीक देने की जरूरत है। यही प्रयास कर रहे हैं। सोलर चरखा, लूम, चाक उदाहरण हैं। इस संकुल में भी सरकार के प्रयास का परिणाम है।  2014 से पहले बनारस का सामान्य बुनकर और निर्यातक ऑनलाइन संवाद नहीं कर सकता था, क्योंकि मंच नहीं था। सरकारों के पास पैसा या समझ नहीं थी नहीं कह सकता। हर व्यक्ति को सशक्त और स्वावलंबी बनाने की जरूरत है। पूरे देश में अनेक केंद्र बनाए गए हैं जहां सामान्य हस्तशिल्पी उत्पाद प्रदर्शित कर सकें। यूपी में ओडीओपी में केंद्र को यूपी विजन दे रही है।

इस वर्ष के बजट में डिफेंस कारीडोर के लिए 3700 करोड का प्रावधान है। लखनऊ में डिफेंस कंपनियां आई थीं और समझौते हुए इसका लाभ छोटे उद्योगों को मिलेगा। न्यू इंडिया की पहचान और सम्मान भी है। कोशिश की जा रही है कि सामान्य कारोबारी को कागजों से मुक्त किया जाए। योजना रास्ता दिखाने वाली हो। एमएसएमई के साथियों को शिकायत रहती है कि एक करोड़ टर्न ओवर पर कागजों में उलझना पड़ता था। कितना अनावश्यक खर्च और समय की बर्बादी थी। अब बजट में मुक्ति मिली है। अब आडिट पांच करोड़ से अधिक वालों के लिए रखा गया है। अलग विभागों में लंबी प्रक्रिया से छोटे लोगों को कैश की दिक्कत आई है। अब आपके सामान के बिल इन्वाइस के आधार पर लोन मिलेगा। सुविधा आसान करने के लिए मोबाइल आधारित लोन की तैयारी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार अब एमएसएमई के लिए नई योजनाएं बन रही है। सरकारी खरीद से लॉजिस्टिक तक का लाभ छोटे कारोबारी को मिलेगा। जेम के बनने से सामान बेचने में छोटे उद्यमियों को लाभ मिलेगा। इस सिस्टम को आसान बनाने के लिए नई घोषणा की गई है। छोटे कारोबारियों को एक प्लेटफार्म से जोडा गया है। डिजिटल व्यवस्था से निर्यातकों को रिफंड की सुविधा मिलेगी।

जीएसटी से लॉजिस्टिक में बदलाव हुआ है। देश में नेशनल लॉजिस्टिक की तैयारी की जा रही है। रोजगार में भी मदद मिलेगी। ऐसे उत्पादों का आयात कम होगा जिनका निर्माण भारत में हो रहा है। टैक्स को लेकर व्यापक लाभ आपको देश के हर साथी को होगा। वेल्थ क्रिएटर को परेशानी न हो उसके लिए टैक्सपेयर चार्टर बनाया जा रहा है। इससे टैक्स पेयर के अधिकार तय होंगे। टैक्स कलेक्शन को फेसलेस किया जा रहा है। निर्माण के लिए टैक्स15 फीसद किया गया है। दुनिया के उन कम देशों में है जहां कॉर्पोरेट दरें कम हैं। क्लियरेंस की सुविधा ऑनलाइन होगी। तमाम कदम हर भारतीय के लिए, निवेशक के लिए, उद्यमी के हित में, 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लिए जो कदम होंगे आगे उठाए जाएंगे। छोटे उद्यमियों के हित में फैसले लिए जाएंगे। हमारी तरफ से कोई कसर नहीं रहेगी। भारत को निर्माण पावर हाउस बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काशी एक है लेकिन इसके रुप अनेक हैं। बीते दो वर्षों में यूपी से बढ़ोतरी हो रही है। एमएसएमई के कारण संभव हो पा रहा है। ई कामर्स पोर्टल मदद करेगा। बजट ने प्राथमिकता तय कर दी है। छोटे और मझले उद्योग का खाका खींचा है। निर्माण और ईज आफ ग्रोइंग बिजनेस रोजगार निर्माण के माध्यम है। पूरा क्षेत्र बुनकर और कालीन वालों का केंद्र है। लाखों का जीवन कपड़ा और कालीन पर चलता है। इसी को मदद का प्रयास बजट में किया है।

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