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प्रधानमंत्री मोदी ने हेल्थ स्कीमों के लाभार्थियों से किया संवाद, कहा हर सफलता और समृद्धि का आधार है स्वास्थ्य

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को एप के माध्यम से केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों से संवाद किया। संवाद के दौरान तमाम राज्यों में मौजूद प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना, सस्ते स्टेंट, घुटना प्रत्यारोपण, मुफ्त डायलिसिस योजना के लाभार्थियों ने अनुभव साझा किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बीमारी सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं है, इसका सामाजिक और आर्थिक पक्ष भी बहुत महत्वपूर्ण है। बीमारी का संबंध सिर्फ बीमार व्यक्ति से नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार से होता है। उन्होंने कहा कि कई रिसर्च में सामने आया है कि भारत में गरीब, मध्यमवर्ग के परिवार के लोग जब भी क्षमता से अधिक खर्च करता है तो उसकी सबसे बड़ी वजह बीमारी होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हर सफलता और समृद्धि का आधार है स्वास्थ्य, फिर वो प्रगति चाहे एक व्यक्ति से जुड़ी हो, परिवार या समाज से जुड़ी हो या पूरे राष्ट्र से जुड़ी हो, उसकी बुनियाद स्वास्थ्य पर ही टिकी होती है।”

पीएम मोदी ने बताया कि हमारी सरकार ने चार सालों में एक के बाद एक कदम उठाए, ताकि गरीब का बीमारी के इलाज में जो खर्च होता है, उसे कैसे कम किया जाए। सरकार ने इसके लिए सही दिशा पकड़ी है, नीतियां सही बनाई हैं, रास्ते सही खोजे हैं, योजना सही बनाई है और सौभाग्य से वो नीचे पहुंच भी रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने एक व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़े जितने भी पहलू हैं, उन सब पर मिशन मोड में काम किया है।”

सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध है सरकार
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अच्छी व सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं गरीब से गरीब व्यक्ति तक की पहुंच में लाने के साथ सरकार ने जनऔषधि केंद्र, अच्छे अस्पतालों का निर्माण, डॉक्टरों की सीटें बढ़ाना, इलाजा का सारा खर्च इंश्योरेंस में कवर हो इस लक्ष्य के साथ विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ केयर स्कीम आयुष्मान भारत की घोषणा की है।

इतना ही नहीं, व्यक्ति बीमार नहीं हो यानि बीमारियां पनपे ही नहीं, इसके लिए प्रिवेंटिव हेल्थ केयर के लक्ष्य के साथ स्वच्छता अभियान, टीकाकरण अभियान और योग समेत अनेक पहलुओं पर सरकार योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है।

जनऔषधि केंद्रों पर 50 से 90 फीसदी कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध
प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि किसी भी बीमारी में गरीब की सबसे बड़ी चिंता दवाई होती है। सरकार ने प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत सुनिश्चित किया है कि जनता को दवाइयां कम से कम कीमत पर मिल सकें। इसके लिए देश भर में 3,600 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों पर 700 से ज्यादा अलग-अलग जैनरिक दावइयां कम कीमत पर उपलब्ध हैं। इन केंद्रों पर दवाईयां 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत कम कीमत पर मिल रही हैं। पीएम मोदी ने बताया की सरकार इन औषधि केंद्रों की संख्या 5,000 करने की तरफ आगे बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के दौरान कटक के सुभाष मोहंती ने बताया कि पहले उन्हें डायबिटीज और बीपी की दवाओं पर हर महीने 3 हजार रुपये खर्च करने पड़ते थे, लेकिन अब जनऔषधि केंद्रों पर यही दवाएं 400 से 500 रुपये में मिल जाती है। इसी प्रकार हैदराबाद की श्रीमती माला ने भी कहा कि उन्हें जनऔषधि केंद्रों से काफी सस्ती कीमत पर दवाएं मिल रही हैं। झारखंड के रामगढ़ में जनऔषदि केंद्र संचालित करने वाला अंजन प्रकाश ने बताया कि उनके पास दूरदराज से गरीब लोग सस्ती दवाएं लेने आते हैं और सरकार की इस योजना के गरीब व मध्यमवर्ग के लोगों को खासा फायदा पहुंच रहा है।

स्टेंट की कीमत 85 प्रतिशत तक कम की गईं
हृदयरोग की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमित आय वाले लोगों के घर में अगर किसी को दिल का दौरा पड़ जाए तो इसका इलाज इतना खर्चीला है कि सिर्फ मरीज को ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के सपनों को दिल का दौरा पड़ जाता है। अब ऐसा नहीं होता है, क्योंकि सरकार ने स्टेंट की कीमत 85 प्रतिशत तक कम कर दी है। पहले जहां एक स्टेंट 1.5 से 2 लाख रुपये में मिलता था अब वो 25 से 30 हजार रुपये में मिलता है। लखनऊ के अलीगंज निवासी वीरभान ने प्रधानमंत्री को बताया कि कैसे उन्हें हार्ट में ब्लॉकेज होने पर सिर्फ 55 हजार रुपये के खर्चे में स्टेंट पड़ गया, जबकि उनके भाई को दिल्ली के निजी अस्पताल में स्टेंट लगवाने के लिए 3.5 लाख रुपये खर्च करने पड़े।

घुटना प्रत्यारोपण का खर्च हुआ 70 प्रतिशत से कम
प्रधानमंत्री मोदी ने घुटना प्रत्यारोपण का खर्चा कम करने को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए कहा कि पहले घुटना प्रत्यारोपण पर 2.5 से 3 लाख रुपये का खर्च आता था। आज घुटना प्रत्यारोपण का खर्च 60 से 70 प्रतिशत का कम हुआ है, अब इसके लिए 60 से 70 हजार रुपये ही खर्च करने पड़ते हैं। पीएम मोदी ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक देश में हर वर्ष एक से डेढ़ लाख घुटना प्रत्यारोपण की सर्जरी होती हैं और कीमत कम होने से गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के करीब 1,500 करोड़ रुपये की बजत हुई है।

राजस्थान के अलवर की श्रीमती लक्ष्मी देवी ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि वह घुटने खराब होने की वजह से चार वर्षों तक घिसट कर चलती रहीं, लेकिन 4 लाख का खर्चा आने की वजह से घुटना प्रत्यारोपण नहीं कराया। मोदी सरकार की योजना के बाद उन्होंने दोनों घुटने बदलवाए और आज वो पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। लक्ष्मी देवी ने इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद कहा और आशीर्वाद भी दिया।

राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम से लाखों मरीजों को लाभ
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि किडनी के मरीजों की सुविधा के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत कम खर्च में 2.25 लाख मरीजों के 22 लाख से ज्यादा डायलिसिस के सैशन हो चुके हैं। देश के 500 से अधिक जिलों में ये कार्यक्रम चल रहा है और 400 जन स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों में ये सेवाएं चल रही हैं।

सरकार ने इसके लिए तीन हजार से अधिक डायलिसिस की मशीनें लगाई हैं। प्रधानमंत्री मोदी से संवाद के दौरान आंध्र प्रदेश के विजयबाबू गारू और गुजरात के छोटा उदयपुर की रुखसाना बहन ने बताया कि किस तरह इस कार्यक्रम से उनका हर महीने 30 से 40 हजार रुपये का खर्च बचा है।

2025 तक देश की टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि सरकार लोगों लोगों के स्वास्थ्य को लेकर सचेत है। पूरी दुनिया 2030 तक टीबी से निजात पाने में लगी है, लेकिन भारत ने 2025 तक टीबी से मुक्ति पाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। श्री मोदी ने बताया की मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है। चार चरणों में देश के 528 जिलों में 3.15 करोड़ बच्चों और 80 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। सरकार ने 2020 तक सभी बच्चों को टीका लगाने का संकल्प लिया है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए देश के विभिन्न राज्यों में एम्स खोले जा रहे है, आयुर्वेद विज्ञान संस्थान खोले जा रहे हैं, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर इलाज मिले इसके लिए 92 मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं और 15,000 से अधिक एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गई हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने आयुष्मान भारत योजना, स्वच्छ भारत मिशन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आगामी 21 जून के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का जिक्र करते हुए देशवासियों से योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जब 125 करोड़ देशवासी स्वस्थ रहेंगे तभी देश स्वस्थ रहेगा। पीएम मोदी ने लाभार्थियों से सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने की भी अपील की।

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