प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं से आजादी दिलाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी। इसके तहत गरीब परिवार की महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है। साल 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद से पिछले नौ साल में देश में रिकॉर्ड 17 करोड़ नए एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। इसके साथ ही देश में रसोई गैस ग्राहकों की संख्या दोगुना होकर 31.26 करोड़ हो गई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार अप्रैल, 2014 में देश में एलपीजी कनेक्शन की संख्या 14.52 करोड़ थी, जो मार्च, 2023 में बढ़कर 31.36 हो गई। 30 जनवरी, 2023 तक इस योजना के तहत कुल 9.58 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए थे। इसके साथ ही उज्ज्वला योजना के चलते गैस कनेक्शन का दायरा जो 2016 के 62 प्रतिशत था वो 2022 में बढ़कर 104.1 प्रतिशत हो गया। उज्ज्वला योजना के कारण गैस सिलेंडर का इंतडार भी कम हुआ है। पहले जो गैस सिलेंडर सात से महीना दिन में मिलता था, अब यह मांग के आधार पर 24 घंटे में रिफिल हो जाती है।
उज्ज्वला ने जीवन को आसान बनाकर किया खुशियों से रोशन- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में देश की गरीब माताओं और बहनों के जीवन पर उज्ज्वला योजना के प्रभाव की सराहना की है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से गरीब महिलाओं को किस प्रकार लाभ होता है, इस बारे में एक वीडियो शेयर को करते हुए कहा, ‘उज्ज्वला ने जिस प्रकार हमारी गरीब माताओं और बहनों के जीवन को आसान बनाकर खुशियों से रोशन किया है, वो बहुत उत्साहित करने वाला है।’ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की तारीफ करते हुए वीडियो में कहा गया है- तुम जादूगर तो नहीं लेकिन मेरी रसोई से धुंआ गायब किया है…तुम डॉक्टर तो नहीं लेकिन तुमने मेरे फेफड़ों को बीमार होने से बचाया है…तुम मां तो नहीं लेकिन तुमने मुझे जंगल में जाने से रोका है… तुम्हारे कारण ही मेरा समय बचने लगा है और तुम्हारे वजह से ही मैं पैसा कमाने लगी हूं… तुम केवल उज्ज्वला गैस ही नहीं तुम अच्छे जीवन की ज्योति हो। स्वच्छ ईंधन से सेहत के साथ आओ बनाएं आत्मनिर्भर भारत…
देखिए वीडियो-
अब हर उज्ज्वला सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी
मोदी सरकार ने पिछले दिनों देश की 9.59 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को बड़ी खुशखबरी देते हुए उज्ज्वला योजना के तहत प्रति एलपीजी सिलेंडर 200 रुपये सब्सिडी को एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया। मोदी सरकार के इस फैसले से 9.59 करोड़ परिवार को फायदा मिलेगा। प्रति सिलेंडर 200 रुपये की यह सब्सिडी उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को साल में 14.2 किलो के 12 एलपीजी सिलेंडर के लिए दी जाएगी। 200 रुपये की यह सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है। सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम 22 मई, 2022 से यह सब्सिडी दे रही हैं, जिसे एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। सरकार को इसपर 2022-23 में 6,100 करोड़ रुपये और 2023-24 में 7,680 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। मोदी सरकार की कोशिश है कि देश की ज्यादा से ज्यादा महिलाएं पूरी तरह से खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करें। उज्ज्वला योजना उपभोक्ताओं की 2019-20 में औसत एलपीजी खपत 3.01 रिफिल थी जो 2021-22 में बढ़कर 3.68 रिफिल हो गई।
क्या है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
भारत में आजादी के बाद से महिलाओं के कल्याण को लेकर सैकड़ों स्कीमें बनीं, लेकिन इसके बावजूद देश के हजारों गांवों में करोड़ों महिलाओं को दिन के तीनों पहर चूल्हे के सामने बैठकर खाना पकाना पड़ता था। प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं से आजादी दिलाने और उनके बेहतर स्वास्थ्य को ध्यान में रख कर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी। इस योजना की शुरुआत 1 मई, 2016 को की गई। इस योजना ने जहां महिलाओं को चूल्हे के धुएं से मुक्ति प्रदान की वही उज्ज्वला स्कीम मोदी सरकार की लोकप्रिय योजनाओं में शुमार की गई। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से देश की 18 वर्ष से अधिक उम्र की एपीएल, बीपीएल तथा राशन कार्ड धारक महिलाओं को रसोई गैस उपलब्ध करवाई जाती है। इसके तहत महिलाओं को रसोई गैस सिलेंडर के साथ फ्री गैस चूल्हा दिया जाता है जिसके अंतर्गत लाभार्थियों को रिफिल एवं हॉट प्लेट, एलपीजी गैस कनेक्शन के साथ निशुल्क प्रदान की जाती है। लाभार्थियों को गैस स्टोव खरीदने के लिए ब्याज मुक्त लोन भी मुहैया करवाया जाता है। आज बड़ी संख्या में महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं।
आइए एक नजर डालते हैं महिलाओं के उत्थान के लिए उठाए गए मोदी सरकार की कदमों पर-
मोदी राज में महिला सशक्तिकरण: सुकन्या समृद्धि ने बनाया नया रिकॉर्ड, सिर्फ दो दिन में खुले 10.90 लाख नए खाते
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हर स्तर पर महिलाओं के सम्पूर्ण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। मोदी सरकार महिलाओं को उनका हक दिलाने के साथ उनके भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाने का काम कर रही है। मोदी सरकार की नीतियो और योजनाओं के कारण इंडिया पोस्ट ने सिर्फ दो दिन में सुकन्या समृद्धि योजना के 10.90 लाख नए खाते खोले हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 1 से 8 फरवरी के बीच देश भर में 7.50 लाख सुकन्या समृद्धि अकाउंट खोलने के लिए विशेष जागरुकता अभियान चलाया गया। डाक विभाग का यह जागरुकता अभियान काफी सफल रहा। अभियान के बाद 9 और 10 फरवरी को देश भर के एक लाख से अधिक डाकघरों में करीब 10.90 लाख नए सुकन्या समृद्धि अकाउंट खोले गए। डाक विभाग ने लक्ष्य तो 7.50 लाख नए खाते का रखा, मगर इसमें 3.40 लाख खाते अधिक खुले। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत पिछले आठ साल में 2.70 करोड़ से ज्यादा अकाउंट खोले गए हैं।
बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाए सुकन्या समृद्धि योजना
मोदी सरकार ने बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए 22 जनवरी, 2015 को सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी। योजना के अंतर्गत 0-10 साल की कन्याओं के खाते डाकघर में खोले जाएंगे। वर्तमान में इन खातों में जमा राशि पर 7.6 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज दिया जा रहा है। बेटियों के भविष्य के लिए पैसा जोड़ने को यह एक बेहतरीन योजना है। कोई भी व्यक्ति अपनी 10 साल तक की बेटी के लिए यह खाता खुलवा सकता है। बेटी के 21 साल के होने पर अकाउंट मैच्योर हो जाता है। बालिकाओं के सुनहरे और सुरक्षित भविष्य के लिए बनाई गई इस योजना के तहत उन्हें पूरी शिक्षा और 18 साल की होने पर शादी के खर्च की व्यवस्था सुनिश्चित होती है। सुकन्या समृद्धि योजना में सालाना कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा किया जा सकता है। इसमें जमा की जाने वाली राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कटौती का लाभ मिलता है।
मोदी राज में महिलाओं का हुआ सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री मोदी के समृद्ध भारत के विजन के तहत देश की महिलाओं के लिए कई योजनाएं लाई गईं जिससे वे भी आत्मनिर्भर बन सकें और उनका सशक्तिकरण हो सके। यही वजह है कि मोदी सरकार ने पिछले आठ साल में महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए कई सौगात दिए हैं। जन धन योजना से लेकर उज्जवला योजना तक, मुद्रा योजना से लेकर वोकल फॉर लोकल तक पीएम मोदी ऐसी योजनाएं लाईं ऐसा आह्वान किया कि आज महिलाओं का जीवन तो आसान हुआ ही है साथ ही वे अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। मोदी सरकार ने तीन तलाक खत्म कर महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाए, जिससे आज महिलाएं शिक्षा, सुरक्षा, बेहतर स्वास्थ्य समेत हर सुविधा पा रहीं हैं।
आत्मनिर्भर बनकर अपने सपनों को पूरा कर रहीं महिलाएं
आज महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपने सपनों को पूरा कर रहीं हैं। देश के आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब लोगों का सपना होता है कि अपनी जमीन और अपना घर हो। प्रधानमंत्री मोदी उनको वित्तीय सहायता देकर उनके सपने को पूरा कर रहे हैं। मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की, जो गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर आर्थिक रूप से कमजोर लोग जमीन और घर का मालिक बन रहे हैं। इन योजनाओं के लाभार्थियों में ज्यादातर महिलाएं हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना या स्वामित्व योजना से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है। इन योजनाओं के तहत महिलाएं होम लोन लेने में पहली बार बड़ी तादाद में आगे आई हैं। आंकड़ों के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है कि 16 प्रतिशत महिलाओं ने होम लोन लिया है। यहीं नहीं देश के कुछ जिलों में तो होम लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या 80 प्रतिशत को पार कर गई है।
पीएम मोदी की पहल से महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू हुईं
पीएम मोदी की पहल से उज्जवला योजना, नल जल योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना, मातृत्व वंदना योजना, महिला शक्ति केंद्र योजना आदि योजनाएं शुरू की गई जिससे महिलाएं लाभान्वित हुई। मोदी सरकार ने महिलाओं को सशक्त करने के लिए मातृत्व अवकाश को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्ते किया, वर्क प्लेस पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए। बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों पर फांसी जैसी सजा का प्रावधान किया। सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले की शुरुआत हुई। पीएम मोदी की पहल से पहली बार देश को महिला आदिवासी राष्ट्रपति मिली है।
बजट 2023 में मोदी सरकार ने दिया तोहफा, महिला सम्मान बचत पत्र में मिलेगा 7.5 प्रतिशत ब्याज
मोदी सरकार ने बजट 2023 में महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि आजादी के अमृत मोहत्सव के अवसर पर सरकार महिलाओं के सम्मान में एक नई सेविंग स्कीम महिला सम्मान बचत पत्र पेश कर रही है। इसके तहत महिला या लड़की के नाम पर दो लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकेगा और इस बचत पर 7.5 प्रतिशत का निश्चित ब्याज मिलेगा। ये योजना मार्च 2025 तक लागू रहेगी। यह एक वन टाइम न्यू सेविंग स्कीम है। कोई भी महिला या लड़की 31 मार्च 2025 तक इसका अकाउंट खुलवा सकती है और ज्यादा ब्याज दर का फायदा उठा सकती है। सर्टिफिकेट की मेच्योरिटी अवधि पूरी होने पर, आपकी कुल जमा और ब्याज को मिलाकर, पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। कोई जरूरत पड़ने पर इस अकाउंट से कुछ पैसे निकालने की भी छूट रहेगी। सुकन्या समृद्धि खाता सिर्फ 10 साल से कम उम्र की बच्चियों के लिए खुलवाया जा सकता है। जबकि महिला सम्मान बचत पत्र का फायदा किसी भी उम्र की महिला को मिल सकता है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
वर्ष 2011 की जनगणना में कन्या लिंगानुपात में कमी को ध्यान में रखते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को की गई थी। केंद्र सरकार का उद्देश्य इस योजना द्वारा बेटियों के प्रति समाज में होने वाले नकारात्मक रवैये के प्रति जागरूकता फैलाना और विभिन्न योजनाओं के जरिए उनका कल्याण करना है। इसके अलावा बच्चियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित कर महिला सशक्तिकरण की ओर अग्रसर करना भी इस योजना का मकसद है। यह योजना उन महिलाओं की काफी मदद करती है, जो घरेलू या किसी भी तरह की हिंसा से पीड़ित हैं। इसमें महिलाओं को यह सुविधा दी गई है कि मदद के समय वे कभी भी पुलिस, कानून और चिकित्सा जैसी सुविधाएं ले सकती हैं। इसके लिए महिलाओं को टोल फ्री नंबर 181 पर फोन करना होगा। जिसके बाद उन्हें सभी तरह की मदद प्रदान कराई जाएगी।
फ्री सिलाई मशीन योजना
फ्री सिलाई मशीन योजना का शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश की महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए किया गया है। देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और उनके इरादों को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मुफ्त सिलाई मशीन योजना चलाई है जिसके तहत महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीन दी जा रही है। सरकार का यह प्रयास है कि देश की महिलाओं को सशक्त बनाया जाए। प्रधानमंत्री ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुफ्त सिलाई मशीन परियोजना शुरू की है। जिन महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई के काम में रुचि है और इसको अपना प्रोफेशन बनाना चाहती हैं। उनके लिए यह योजना काफी फायदेमंद है। इस फ्री सिलाई मशीन योजना से महिलाएं सिलाई मशीन प्राप्त करके घर बैठे अपना काम शुरू कर सकती हैं और अच्छी आमदनी अर्जित कर सकती हैं। इस योजना का लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रो की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं उठा सकती हैं। 20 साल से 40 साल तक की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। मोदी सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश में भी 50 हजार से ज्यादा महिलाओं को फ्री में सिलाई मशीनें दी जा रही हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
देश भर में गर्भवती महिलाओं को व्यापक एवं गुणवत्तापूर्ण प्रसव-पूर्व जांच सुनिश्चित करने के लिये ही प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को 2016 में शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित नौ तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है। इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के चार महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा। इसके तहत चिकित्सकों व विशेषज्ञों द्वारा दूसरी या तीसरी तिमाही की सभी गर्भवती महिलाओं को कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) देश में तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना को केंद्र सरकार द्वारा 10 अक्टूबर 2019 को आरंभ किया गया था। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला तथा उनके शिशु को विभिन्न प्रकार की निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है जिससे कि गर्भवती महिलाएं एवं उनके बच्चों की मृत्यु दर में गिरावट लाई जा सके। सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना के तहत वह परिवार जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपने परिवार की गर्भवती महिला की सही से देखभाल नहीं कर पाते या जिनके परिवार वाले हॉस्पिटल्स का खर्चा तक नहीं उठा पाते हैं उन महिलाओं को इस योजना के अंतर्गत पूरी देखभाल की जाएगी, जिसमे महिला के गर्भवती होने के 6 महीने से लेकर बच्चे के जन्म के 6 महीने तक मुफ्त इलाज, दवाइयां और स्वास्थ्य से सम्बंधित अन्य सेवाएं सरकार द्वारा प्रदान की जाएंगी और इसके अलावा महिला की डिलीवरी के समय घर से हॉस्पिटल तक ले जाने का खर्चा भी मुफ्त में होगा। इस योजना के तहत प्रसव से पहले गर्भवती महिला चार बार अपना फ्री में चेकअप करवा सकती हैं जिससे उन्हें अपने होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में पता चलता रहेगा। योजना का लाभ देश की सभी गर्भवती महिला ले सकेंगी इसके लिए उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आवेदन फॉर्म व इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करनी होगी।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना
प्रधानमंत्री गर्भावस्था सहायता योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 6000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। गर्भवस्था सहायता योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 1 जनवरी 2017 को की गयी थी। प्रधानमंत्री गर्भावस्था सहायता योजना 2021 के अंतर्गत पहली बार गर्भधारण करने वाली तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओ को यह आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। गर्भावस्था सहायता योजना को Matritva Vandana Yojana 2022 के नाम से भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत महिलाओं को बच्चे का जन्म होने पर 6000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। यदि परिवार में दूसरी बेटी जन्म लेती है तो उस स्थिति में भी अब सरकार 6000 रुपए की राशि प्रदान करेगी। सरकार द्वारा पहले यह राशि 3 किस्तों में प्रदान की जाती थी अब इसे 2 किस्तों में प्रदान की जाएगी। यह योजना देश की महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार करने में कारगर साबित हो रही है, इसके अलावा महिलाओं के जीवन स्तर में भी सुधार आया है।
मातृत्व अवकाश, मातृत्व लाभ
वर्तमान सरकार ने नया मातृत्व लाभ संशोधित कानून एक अप्रैल 2017 से लागू कर दिया है। संशोधित कानून के तहत सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए वैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह कर दी है। इसके तहत 50 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान में एक तय दूरी पर क्रेच सुविधा मुहैया कराना अनिवार्य है। महिलाओं को मातृत्व अवकाश के समय घर से भी काम करने की छूट है। मातृत्व लाभ कार्यक्रम के 1 जनवरी 2017 से लागू है। योजना के अंतर्गत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले दो जीवित शिशुओं के जन्म के लिए तीन किस्तों में 6000 रुपये का नकद प्रोत्साहन दिया जाता है।
तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति
प्रधानमंत्री मोदी आधी आबादी के हक की लड़ाई में हमेशा सबसे आगे रहे हैं। 2014 में जब पीएम मोदी ने पहली बार देश की बागडोर संभाली थी, तभी से महिला सशक्तिकरण, महिलाओं को समाज में सम्मान दिलाना, महिलाओं की आर्थिक उन्नति, महिलाओं की शिक्षा उनके एजेंडे की प्राथमिकता में रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के कारण देश के करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को 1400 साल पुरानी तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति मिली है। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के दलदल से निकालने वाले बिल को लेकर हर बार राज्यसभा में हार का सामना करना पड़ता था, लेकिन पीएम मोदी ने कभी हार नहीं मानी। मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पीएम मोदी हमेशा आगे रहे और इस बार आखिर उन्हें कामयाबी मिल ही गई। आज देशभर की करोड़ों मुस्लिम महिलाएं खुशी में झूम रही हैं, उन्हें तीन तलाक की बेड़ियों से आजादी मिल चुकी है।
हज के लिए ‘महरम’ की अनिवार्यता खत्म
पीएम मोदी के प्रयास से भारतीय मुस्लिम महिलाएं बिना ‘महरम’ के हज यात्रा पर जा सकती हैं। गौरतलब है कि आजादी के 70 वर्षों बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर भारत की मुस्लिम महिलाओं को अकेले भी हज यात्रा पर जाने का हक मिला है।
51 हजार रुपये का ‘शादी शगुन’
केंद्र सरकार उन अल्पसंख्यक लड़कियों को 51,000 रूपये की राशि बतौर ‘शादी शगुन’ दे रही है जो स्नातक की पढ़ाई पूरी करेंगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था ‘मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन’ (एमएईएफ) ने मुस्लिम लड़कियों की मदद के लिए यह कदम उठाने का फैसला किया।
10वीं, 12वीं की लड़कियों को स्कॉलरशिप
नौंवी और 10वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम बच्चियों को 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। पहले 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाली मुस्लिम लड़कियों को 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिल रही थी। यह योजना केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन के तहत शुरू की गई।
बालिका शिक्षा की योजनाएं
उड़ान (UDAAN) योजना बालिका शिक्षा के प्रति समर्पित है, ताकि छात्राओं के प्रवेश को बढ़ावा दिया जा सके। इसका मकसद पूर्वोत्तर राज्यों के चुनिंदा स्कूली विद्यार्थियों और इंजीनियरिंग छात्रों को उनकी छुट्टियों के दौरान आईआईटी,एनआईटी और आईआईएसईआर से जोड़ना है। यूएसटीटीएडी ने परंपरागत कला और शिल्पकारी में कौशल और प्रशिक्षण को बेहतर बनाने की मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य परंपरागत कारीगरों की क्षमता को बढ़ाना, परंपरागत कला और शिल्प का मानकीकरण, उनका दस्तावेजीकरण और उन्हें बाजार से जोड़ना है। प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी पोर्टल से सरकारी छात्रवृत्ति व बैंकों द्वारा दिए जाने वाले शिक्षा ऋण के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त होती है। इससे छात्राओं को विशेष लाभ मिला है।
महिला हेल्पलाइन
यह योजना हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए 24 घंटे तत्काल और आपातकालीन सहायता प्रदान करने के लिए है। ये योजना विशेष रूप से परिवार, समुदाय, कार्यस्थल निजी और सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा की शिकार सभी महिलाओं के लिए है।
मोबाइल फोन में पैनिक बटन और जीपीएस
केंद्र सरकार की ओर से सभी फीचर और स्मार्ट मोबाइल फोन में पैनिक बटन की सुविधा सुनिश्चित की गई है। मोबाइल फोन में 5 और 9 नंबर का बटन इसके लिए निर्धारित है, स्मार्ट फोन में ऑन-ऑफ बटन को तीन बार हल्के से प्रेस करना होता है। सरकार ने यह तय कर दिया है कि 1 जनवरी 2018 से सभी मोबाइल फोन में जीपीएस की सुविधा देना अनिवार्य होगा। पैनिक बटन सीधे 112 नंबर से जुड़कर सहायता उपलब्ध कराएगा।
महिला शक्ति केंद्र
महिला शक्ति केंद्र अलग-अलग स्तर पर काम कर रही है। इसके तहत केंद्रीय स्तर पर नॉलेज सपोर्ट और राज्य स्तर पर महिलाओं को संसाधन सहयोग मुहैया किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार, जिले और ब्लॉक स्तर पर भी महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर महिला शक्ति केंद्र को सहयोग दिए जाने का प्रावधान है। महिला शक्ति केंद्र को दूरदूराज के इलाकों में बढ़ावा देने के लिए छात्रों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। महिला शक्ति केंद्र और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर जागरूकता फैलाने वाले छात्रों को समाज सेवा के लिए प्रमाणपत्र भी दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
कामकाजी महिला छात्रावास
कामकाजी महिलाओं को जरूरी सहयोग मुहैया करने के लिए कामकाजी महिलाओं के होस्टेल खोले जा रहे हैं। इन होस्टल में 19 हजार से ज्यादा महिलाएं रह सकेंगी। इसके अलावा कई और सुधार गृह भी बनाए जा रहे हैं। इन सुधार गृहों में 26000 लाभार्थिंयों को फायदा मिलेगा।
वन स्टॉप सेंटर
हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के लिए ‘वन स्टॉप सेंटर्स’ भी खोले जा रहे हैं। 150 से भी ज्यादा जिलों में इनकी स्थापना किया जाना है। इन केंद्रों को महिला हेल्पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा और ये 24 घंटे आपातकालीन सेवा मुहैया कराएंगे। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की तरफ से महिला पुलिस स्वयंसेवियों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
महिलाओं के लिए पुलिस फ़ोर्स में 33% आरक्षण
महिला सशक्तिकरण की दिशा में पुलिस भर्ती में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का एक बड़ा निर्णय किया गया है। यह राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अभी से ही अलग-अलग स्तर पर पुलिस बालों में महला आरक्षण लागू कर दिया गया है।
नारी शक्ति पुरस्कार
विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए महिलाओं और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है। सम्मानित की जाने वाली महिलाएं समाज सुधार, विज्ञान, बिजनेस, खेल, मनोरंजन और कला जगत जैसे अलग-अलग क्षेत्रों से संबंध रखती हैं।
ऑनलाइन शिकायत की सुविधा- She Box
कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने और ऐसी महिलाओं की मदद के लिए ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान की गई है। अब चाहे सरकारी क्षेत्र की महिला कर्मचारी हों या निजी क्षेत्र की, वह बिना की डर के ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
एसिड अटैक की पीड़िताओं को दिव्यांगों जैसी मदद
देश में एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए कोई योजना नहीं थी, पहले की किसी भी सरकार ने इसके बारे में नहीं सोचा। मोदी सरकार ने एसिट अटैक से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए The Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 में परिवर्तन कर एसिड अटैक को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया है। अब एसिड अटैक से पीड़ित महिलाएं को दिव्यांगों को मिलने वाली आर्थिक और दूसरी मदद जी जा सकती है।
मृत्यु प्रमाणपत्र में विधवा का नाम दर्ज करना जरूरी
पति की मृत्यु होने पर पत्नी का नाम विधवा के रूप में मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। देखने में यह बहुत छोटी सी बात लगती है, लेकिन महिलाओं को अपने अधिकार पाने के लिए इससे बहुत मदद मिलेगी। अक्सर देखा जाता है कि पति की मृत्यु होने के बाद महिलाओं को अपने अधिकार पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, इस बदलाव के बाद महिलाओं को मदद मिलेगी।
स्वाधार गृह
समाजिक और आर्थिक सहयोग नहीं मिलने से परेशानी में रहने वाली महिलाओं को आश्रय, भोजन, कपड़ा, चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए देश भर में स्वाधार गृह स्थापित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के वृंदावन में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से एक Widow Home का निर्माण कराया गया है, जिसकी क्षमता एक हजार महिलाओं को आश्रय देने की है।
महिलाओं के लिए पासपोर्ट नियमों में बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस हमेशा महिलाओं को दैनिक जीवन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने और उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करने पर रहा है। पिछले वर्ष मोदी सरकार ने महिलाओं पासपोर्ट में शादी के पूर्व का उपनाम रखने की छूट प्रदान की। यानी अब महिलाओं को शादी के बाद पासपोर्ट में अपना सरनेम नहीं बदलना पड़ता है। इसके साथ ही एकल महिलाओं के लिए भी पासपोर्ट के नियम में बदलाव किया गया है। अब पासपोर्ट फार्म में या तो मां या फिर पिता का नाम लिखना जरूरी है। इसके साथ ही पासपोर्ट आवेदन के समय मैरिज सर्टिफिकेट या फिर तलाक का प्रमाण देने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इससे महिलाओं को सम्मानजनक पहचान मिली है।
महिला जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायतों की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की क्षमता, शासन संचालन और उनका कौशल बढ़ाना है, ताकि वो गांवों का प्रशासन बेहतर तरीके से चला सकें। पंचायती संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को कई बार काम में मुश्किलें पेश आती हैं। इसलिए महिला सरपंचों तथा निचले स्तर पर महिला प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने के लिए देशव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका सीधा लाभ शासन-प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी के रूप में मिल रहा है।
‘नारी’ से मिलेगी महिलाओं को शक्ति
महिलाओं को सशक्त बनाने की ऐतिहासिक पहल के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल ‘नारी’ का शुभारंभ किया गया। इस पोर्टल को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विकसित किया है। इस पोर्टल के माध्यम से महिलाएं सरकारी योजनाओं और पहलों की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगी।
केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाएं अब एक पोर्टल पर
महिलाओं को समान अधिकार, आर्थिक अवसर, सामाजिक सहयोग, कानूनी सहायता, आवास आदि उपलब्ध कराने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों ने विभिन्न योजनाएं लागू की हैं, परंतु इनके प्रति जागरूकता का अभाव है। महिला केंद्रित योजनाओं की जानकारी विभिन्न वेबसाइट पर बिखरी हुई हैं। इन सारी सूचनाओं को एक स्थान पर सुलभ कराने के उद्देश्य से ‘नारी’ पोर्टल में महिलाओं के कल्याण के लिए 350 सरकारी योजनाओं से संबंधित व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। पोर्टल में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए महत्वपूर्ण लिंक दिए गए हैं। ‘नारी’ पोर्टल में महिलाओं के जीवन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी उपलब्ध कराई गई है। पोषण, स्वास्थ्य जांच, बीमारी, नौकरी, साक्षात्कार, निवेश और बचत सलाह, महिलाओं के खिलाफ अपराध, कानूनी सहायता उपलब्ध कराने वालों के नम्बर, गोद लेने की सरल प्रक्रिया आदि विषयों पर टिप्स दिए गए हैं। यह पोर्टल महिलाओं को जानकारियों की शक्ति प्रदान करेगा। मंत्रालय से एनजीओ और सिविल सोसायटी के संवाद के लिए एक ई-संवाद पोर्टल भी विकसित किया गया है।