Home चुनावी हलचल वाराणसी की जनता को प्रधानमंत्री मोदी का संदेश- मेरे रोम-रोम में काशी

वाराणसी की जनता को प्रधानमंत्री मोदी का संदेश- मेरे रोम-रोम में काशी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी की जनता के लिए अपना एक वीडियो संदेश जारी किया। पिछले 5 साल में वाराणसी में हुई तरक्की और विकास योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा जीवन काशी के काम आया, इसका मुझे संतोष है। काशी ने मेरा जीवन धन्य कर दिया। जो काशी आया वो काशी का होकर रह गया। मेरे रोम-रोम में काशी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘जो भी काशी की तपोभूमि में आया वो यहीं को होकर रह गया। बीते 5 वर्षों में मैंने भी प्रतिपल इसका अनुभव किया है। मेरे राजनीतिक और अध्यात्मिक जीवन को दिशा देने में, मुझे गढ़ने में काशी का बहुत बड़ा योगदान है। काशी मेरे लिए सिर्फ दो अक्षर नहीं हैं, बल्कि मेरे रोम-रोम में बसे अध्यात्म, धर्म और संस्कृति की एक अविरत प्रेरणा है। मेरा सौभाग्य है कि आपने मुझे एक सेवक रूप में काशी की पवित्र भूमि पर काम करने का अवसर दिया।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिस काशी पर बाबा विश्वनाथ मोहित हों, उसे किसी की क्या आवश्यकता है। पर मेरा जीवन काशी और काशीवासियों के कुछ काम आ सका, इसका मुझे संतोष है। काशी के धार्मिक और ऐतिहासिक महात्म्य में एक ईंट भी जोड़ना बहुत बड़ा सौभाग्य होता है। मेरी काशी के लोगों ने मुझे ये मौका देकर मेरा जीवन धन्य कर दिया। मुझे इस बात का गर्व है कि पिछले पांच वर्षों में जनभागीदारी के साथ वाराणसी शहर विकास की नई राह पर चल पड़ा है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वाराणसी में विकास की गति ने पिछले 5 सालों में जोरदार रफ्तार पकड़ी है। विभिन्न योजनाओं से समाज के सभी वर्गों को लाभ मिला है। उन्होंने कहा, ‘आवास, शौचालय, मुफ्त एलपीजी, बिजली कनेक्शन, वाराणासी ने हर क्षेत्र में आदर्श उदाहरण पेश किए हैं। दीनदयाल हस्त कला संकुल के निर्माण से हस्तशिल्पियों और बुनकरों के परंपरागत हुनर को विश्व के बाजारों में जगह मिली है। दो नए कैंसर अस्पताल काशीवासियों और इस पूरे क्षेत्र के लिए राहत बनकर आए हैं। हमने किसान, उद्यमी, युवा, व्यापारी, गंगा पुत्र यानी मल्लाह भाई-बहनों के विकास के लिए हर प्रयास किए गए हैं। इफ्रास्ट्रक्चर के हर पैमाने पर वाराणसी आमूलचूल परिवर्तन का गवाह रहा है। बाबा विश्वनाथ से मां गंगा के दर्शन हों, काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण हो या काशी के घाटों की रौनक, हर कोई आज काशी के इस रूप से अभिभूत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने काशी के लिए लिखी अपनी कविता का जिक्र भी किया, ‘जब मैंने काशी पर लिखने के लिए अपनी कमल उठाई तो कुछ ही शब्द लिख पाया।
पुरातन, पुनीत, परिमल काशी,
अडिग, अप्रतिम, अविरल काशी।
निरंतर, निविघ्न, निर्मल काशी,
विशिष्ठ, विकसित, विमल काशी।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पिछले पांच वर्षों ने हम सबने मिलकर बहुत कुछ किया है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है और मिल जुलकर करना है। हमारा संकल्प है कि विकास की इस गति को थमने नहीं देना है। आज हर काशीवासी स्वयं में नरेन्द्र मोदी बनकर चुनाव लड़ भी रहा है और चुनाव लड़ा भी रहा है मैं ये कहना चाहता हूं कि आप भी लोकतंत्र के इस उत्सव में जरूर शामिल होना। वोट देने जरूर जाइएगा। अपने आस-पड़ोस में भी सभी को वोट करने के लिए प्रेरित कीजिएगा।’

आप भी सुनिए प्रधानमंत्री मोदी का संदेश-

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