कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है, लेकिन वह हकीकत से मुंह चुराने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जारी मुद्रा योजना, कौशल विकास योजना, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप जैसी योजनाओं से युवाओं को रोजगार के हजारों उपलब्ध हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से रोजगार सृजन के लिए, आसानी से उद्योग लगाने से लेकर व्यवसाय करने के लिए योजनाएं बन रही है। उसे बृहद स्तर लागू भी किया जा रहा है। नरेन्द्र मोदी सरकार देश में पहली बार एक राष्ट्रीय रोजगार नीति बना रही है। आगामी केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। रोजगार नीति आने से देश में प्रत्येक साल एक करोड़ रोजगार सृजन का रास्ता साफ हो जाएगा। इस नीति में सभी सेक्टरों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। नौकरी के सृजन के लिए समग्रता के साथ सरकार एक रोडमैप भी बना रही है।
केंद्र की इस राष्ट्रीय रोजगार नीति के माध्यम से नियोक्ताओं को और अधिक रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा तो नौकरियों को आकर्षक बनाने के लिए सेक्टरों के अनुसार उद्यम से जुड़े नियमों और नीतियों में सुधार किया जाएगा। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि छोटे और मध्यम स्कैल के उद्योग रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये सबसे महत्वपूर्ण रोजगार प्रदाता हैं। वर्तमान समय में देश में 40 करोड़ लोग नौकरी करते हैं, लेकिन केवल 10 प्रतिशत लोग ही संगठित क्षेत्र से जुड़े हैं।
रोजगार नीति के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को संगठित क्षेत्र से जोड़ना है ताकि उन्हें न्यूनतम मजदूरी और पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा मिल सके। इसके लिए सरकार आर्थिक, सामाजिक और श्रमिक नीतियों में संशोधन भी करेगी। राष्ट्रीय रोजगार नीति के तहत सभी सेक्टरों में रोजगार की संभावना तलाशी जाएगी। सेक्टर वाइज रोजगार के लिए एक टारगेट तय किया जाएगा। टारगेट पांच साल के लिए तय किया जाएगा, जिसे एक समय अंतराल पर मॉनीटर किया जाएगा।
रोजगार सृजन की दृष्टि से मोदी सरकार की योजनाओं पर एक झलक
मेक इन इंडिया
सितंबर, 2014 में मेक इन इंडिया लॉन्च हुआ था। तब से एफडीआई इक्विटी इन्फ्लो में बढ़ोतरी हुई। 46 प्रतिशत बढ़कर 61.58 करोड़ डॉलर (करीब 4 खरब रुपये) तक पहुंच गया। पहली बार देश में मेक इन इंडिया के तहत भारतीय कंपनी पुंज लॉयड, इजराइली वेपन कंपनी के साथ मिलकर सेना के लिए घातक राइफल बनाने जा रही है।
Future-Ready.
By 2022, 37% of India’s workforce will be employed in new job roles; employment in the organised manufacturing & services sector expected to increase from the current 38 mn to 46-48 mn: EY-FICCI-NASSCOM Report #MakeInIndia @CimGOI https://t.co/UsPicOctMf— Make in India (@makeinindia) December 15, 2017
स्टार्टअप इंडिया
यह योजना उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लोग अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं। इसके तहत कारोबार शुरू करने की इच्छा रखने वाले लोगों को आर्थिक मदद दी जाती है और साथ ही उन्हें टैक्स में छूट भी मिलती है। इस योजना के तहत अब तक 1,81,119 मोड्यूल का पंजीकरण हो चुका है। इसकी शर्तों में ये भी शामिल किया जा रहा है कि कितने लोगों को रोजगार मिलेगा।
डिजिटल इंडिया
डिजिटल इंडिया की योजना से युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा हुए। सरकार के हर क्षेत्र में ई- क्रांति के कदम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में गांवों और गैर महानगरीय शहरों को नये उत्पाद और सेवा देने वाले युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे है। इसी तरह पर्यटन के क्षेत्र में भी डिजिटल क्रांति ने नये बाजार खोलकर युवाओं को रोजगार के काफी अवसर दिये हैं।
मुद्रा योजना
इस योजना के तहत छोटे कारोबारियों को उनके कारोबार में मदद दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। इस योजना के तहत तीन तरह के लोन दिए जाते हैं। इनके नाम हैं शिशु, किशोर और तरुण। शिशु योजना के तहत 50 हजार रुपये तक के लोन दिए जाते हैं, किशोर योजना के तहत 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। जबकि तरुण योजना के तहत 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। मुद्रा बैंक से देश के करीब 5 करोड़ 77 लाख छोटे कारोबारियों को फायदा हुआ है। छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और दुकानदारों को इससे लोन मिलता है। इसके साथ ही सब्जी वालों, सैलून, खोमचे वालों को भी इस योजना के तहत लोन दिए जाने का प्रावधान है। इससे रोजगार सृजन करने और देने वालों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
कौशल विकास योजना
इसके लिए 21 मंत्रालयों और 50 विभागों में फैले कौशल विकास कार्य को एक ही मंत्रालय के अधीन लाया गया है। अगले चार साल में एक करोड़ युवकों को प्रशिक्षित करने के लिए 12,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना प्रारंभ की गयी है। इस योजना में 20 लाख से अधिक युवक पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं। इसके तहत देशभर में फैले हुए 978 रोजगार कार्यालय राष्ट्रीय कॅरियर सेवा पोर्टल में एकीकृत किये गये हैं।
15 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार– देश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कृत-संकल्प हैं। इस संकल्प की सिद्धि के लिए किसी भी प्रकार के कदम उठाने में वह पीछे नहीं हटे हैं और लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिनसे सभी को रोजगार के अवसर मिलें और सबका विकास सुनिश्चित हो सके। इसी को ध्यान में रखते हुए, 83 हजार किलोमीटर के राजमार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण की योजना को लागू करने के लिए 7 लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के लागू होने से 15 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार युवाओं को मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनने के बाद से देश में राजमार्गों के निर्माण कार्यों में तेजी आई है। 2016-17 के दौरान प्रतिदिन अब तक की सबसे तेज गति से राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। प्रति दिन 22 किमी. राजमार्गों का निर्माण हुआ, जो 2015-16 में 16 किमी. प्रतिदिन था, वहीं यूपीए सरकार के दौरान साल 2014-15 में 12 किमी. और 2013-14 में 11 किमी. रहा था।
मीडिया और मनोरंजन उद्योग में 7-8 लाख रोजगार
Confederation of Indian Industries (CII) और ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी Boston Consulting Group (BCG) की रिपोर्ट से यह अनुमान सामने आया है कि आने वाले पांच वर्षों में भारत की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सात से आठ लाख नौकरियां निकलने जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में मीडिया और मनोरंजन की सामग्रियों को लेकर रुझान काफी बढ़ा है जिसके चलते इस सेक्टर में रोजगार के अवसर काफी बढ़ने वाले हैं। CII के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा: “डिजिटल प्लेटफॉर्म का काफी विस्तार हो रहा है और इस सेक्टर में इतने अवसर बनने जा रहे हैं जितने पहले कभी नहीं बने। विशेष रूप से रचनाकार, कथाकार और टेक्नोलॉजी मुहैया कराने वालों के लिए बहुत सारे मौके उभरेंगे।”
सेक्टर में मांग के अनुरूप आपूर्ति की चुनौती
भारत में आपने ऐसी तस्वीर कब और कितनी देखी है कि रोजगार के किसी क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की जितनी मांग हो उतनी आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा हो। CII-BCG रिपोर्ट में कहा गया है कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग में प्रतिभा और कौशल की मांग आपूर्ति से ज्यादा रहेगी। इसलिए 2020 तक मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को नये सिरे से एक ऐसी व्यावसायिक रणनीति बनानी होगी जिससे प्रशिक्षित पेशेवरों की कमी ना पड़े। रिपोर्ट बताती है कि नई टेक्नोलॉजी को अपनाने से 2022 तक डिजिटल मीडिया में भारी संख्या में वैकेंसी होगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था की भी बढ़ेगी ताकत
वर्तमान में मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान 1.35 लाख करोड़ रुपये का है। अनुमानों के मुताबिक अगले 5 साल में यह योगदान बढ़कर 4.5 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। इतना ही नहीं भारत की जीडीपी में इसका योगदान 2.8 फीसदी हो जाएगा। यह क्षेत्र अभी करीब 10 लाख लोगों को रोजगार दे रहा है। यानी वह समय ज्यादा दूर नहीं जब यह आंकड़ा 20 लाख की संख्या को छूने लगेगा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से देखें तो अगले पांच सालों में इस इंडस्ट्री से करीब 40 लाख लोग लाभान्वित हो रहे होंगे।
स्किल्ड युवाओं के लिए होगी बंपर वैकेंसी
प्रधानमंत्री मोदी की स्किल डेवलपमेंट योजना का फोकस ही इस पर रहा है कि युवा अपनी दिलचस्पी और आवश्यकता के अनुरूप किसी कौशल में पारंगत बनें। अब अलग-अलग सेक्टर के लिए ट्रेन्ड लोगों की जरूरत में तेजी आने वाली है। CII-BCG की रिपोर्ट बताती है कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग को अगले पांच वर्षों के दौरान हर वर्ष 1.4 लाख से 1.6 लाख के बीच प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत पड़ेगी। चंद्रजीत बनर्जी कहते हैं: ‘’चूंकि रोजगार के बड़े मौके निकलेंगे इसलिए मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लिए इस क्षेत्र में आने वाले युवाओं को प्रशिक्षित करने की एक बड़ी चुनौती रहेगी।‘’