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सिविल सेवा के अधिकारियों को जन-सामान्य के जीवन में बदलाव लाने के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए : पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोक सेवा दिवस ‘सिविल सर्विस डे’ के मौके पर देश के प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया। अधिकारियों को उत्कृष्टता पुरस्कारों से पुरस्कृत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश की एकता और अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है और सिविल सेवा के अधिकारियों को आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि देश का निर्माण राष्ट्र प्रथम के मंत्र के साथ हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अधिकारियों को चाहिए कि वे देश को नई उंचाइयों तक ले जाएं। श्री मोदी ने कहा कि प्रशासन में सुधार लाना नौकरशाहाों का लक्ष्य होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों के दौरान सरकारी अभियानों के कारण लोगों के व्यवहार में कई तरह के परिवर्तन आये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में इस साल पहले तीन महीनों में 14 यूनीकॉन स्टार्टअप्स का निर्माण किया है जो देश के लिए एक बडी उपलब्धि है।

बदलती दुनिया में हर क्षण के हिसाब से चलना होगा

पीएम ने कहा कि हम पिछली शताब्दी की सोच और नीति नियमों से अगली शताब्दी की मजबूती का संकल्प नहीं कर सकते। इसलिए हमारी व्यवस्थाओं, नियमों में, परंपराओं में पहले शायद बदलाव लाने में 30-40 साल चले जाते होंगे, तो चलता होगा। लेकिन तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल पल के हिसाब से चलना पड़ेगा। आजादी के अमृत काल, 75 साल की इस यात्रा में भारत को आगे बढ़ाने में सरदार पटेल का सिविल सर्विस का जो तोहफा है। इसके जो ध्वजवाहक लोग रहे हैं, उन्होंने इस देश की प्रगति में कुछ न कुछ योगदान दिया ही है। उन सबका स्मरण करना, उनका सम्मान करना, ये भी आजादी के अमृत काल में सिविल सर्विस को ऑनर करने वाला विषय बन जाएगा।

आठ सालों में कई बड़े स्वभावगत बदलाव वाले काम हुए

पीएम ने कहा कि बीते 8 साल के दौरान देश में अनेक बड़े काम हुए। इनमें से अनेक अभियान ऐसे हैं जिनके मूल में व्यवहारगत परिवर्तन हैं। ये कठिन काम होता है और राजनेता तो कभी इसमें हाथ लगाने की हिम्मत ही नहीं करता। ये जो बिहेविरियल चेंज की मेरी जो कोशिश रही है। ये समाज की मूलभूत चीजों में परिवर्तन लाने का जो प्रयास हुआ है, सामान्य मानवी की जिंदगी में बदलाव लाने की मेरी जो आशा आकांक्षा है उसी का हिस्सा है। लेकिन मैं मूलतः राजनीति के स्वभाव का नहीं हूं, मैं जननीति से जुड़ा हुआ इंसान हूं, जनसामान्य की जिंदगी से जुड़ा हुआ इंसान हूं। देश में सैकड़ों कानून ऐसे थे, जो देश के नागरिकों के लिए बोझ बन गए थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले पांच साल में मैंने 1,500 ऐसे कानून खत्म किए थे। शासन में सुधार एक नित्य और सहज प्रक्रिया एवं प्रयोगशील व्यवस्था होनी चाहिए। अगर प्रयोग सफल नहीं हुआ, तो छोड़ते हुए चले जाने का साहस होना चाहिए।

अमृत महोत्सव के बीच यह कार्यक्रम विशेष

पीएम मोदी ने अधिकारियों से कहा कि आज का यह कार्यक्रम इसलिए विशेष है क्योंकि यह आजादी के अमृत महोत्सव के बीच हो रहा है। उन्होंने कहा कि आप जैसे साथियों से इस प्रकार से संवाद मैं लगभग 20-22 साल से कर रहा हूं। पहले मुख्यमंत्री के रूप में करता था और अब प्रधानमंत्री के रूप में कर रहा हूं। उसके कारण एक प्रकार से कुछ मैं आपसे सीखता हूं और कुछ अपनी बातें आप तक पहुंचा पाता हूं। सिविल सेवा दिवस पर आप सभी कर्मयोगियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज जिन साथियों को ये अवार्ड मिले हैं, उनको, उनकी पूरी टीम को और उस राज्य को भी मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई।

 

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