पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि राष्ट्रपति कार्यालय में आखिरी दिन उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक चिट्ठी मिली जिसने उनका दिल छू लिया। श्री मुखर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी की चिट्ठी ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा है, ‘राष्ट्रपति के तौर पर कार्यालय में मेरे आखिरी दिन मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिट्ठी मिली जिसने मेरा दिल छू लिया! इसे आप सबके साथ साझा कर रहा हूं।’
On my last day in office as the President, I received a letter from PM @narendramodi that touched my heart! Sharing with you all. pic.twitter.com/cAuFnWkbYn
— Pranab Mukherjee (@CitiznMukherjee) August 3, 2017
पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति को ‘प्रिय प्रणब दा’ से संबोधित किया है। प्रधानमंत्री ने लिखा है कि तीन साल पहले जब मैं नई दिल्ली आया तो मैं बाहरी था। मेरे सामने बड़ा और चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। इस दौर में आप मेरे लिए पितृतुल्य और मार्गदर्शक रहे। आपकी मेधा, ज्ञान दिशा-निर्देश और निजी स्नेह से मुझे आत्मविश्वास और शक्ति मिली।
प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न मुद्दों पर पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी की प्रशंसा की है। उन्होंने लिखा है कि ‘आपके अथाह ज्ञान के बारे में सबको पता है। चाहे वो राजनिति हो या अर्थशास्त्र या विदेश नीति या राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे हों, मैं विभिन्न विषयों से जुड़ी आपकी अंतरदृष्टि से सदैव चकित होता रहा हूं।’
पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि ‘हमारी राजनीतिक यात्रा अगल-अलग राजनीतिक दलों से हुई है। कई अवसरों पर हमारी विचारधारा अलग-अलग रही है। हमारे जीवन अनुभव भी अलग हैं। मेरे पास केवल मेरे राज्य का प्रशासनिक अनुभव था जबकि आपके पास कई दशकों का राष्ट्रीय राजनीति और नीति का अनुभव था, फिर भी हम आपसी सामंजस्य के साथ काम कर पाए।’
श्री नरेंद्र मोदी ने यह भी लिखा है कि प्रधानमंत्री के रूप में आपके साथ काम करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। प्रणब मुखर्जी के ट्वीट पर प्रधानमंत्री ने कहा है कि आपके साथ किए गए काम मुझे हमेशा याद रहेंगे।
Pranab Da, I will always cherish working with you. @CitiznMukherjee https://t.co/VHOTXzHtlM
— Narendra Modi (@narendramodi) August 3, 2017
देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हुआ। रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति बने हैं।
पत्र के अंग्रेजी मूलपाठ का हिन्दी अनुवाद इस प्रकार है:
नई दिल्ली
24 जुलाई, 2017
प्रिय प्रणब दा,
अब जबकि आप अपनी एक नयी यात्रा के दौर की शुरुआत कर रहे हैं तो मैं राष्ट्र को समर्पित आपके योगदान खासतौर पर पिछले पांच सालों में देश के राष्ट्रपति के रूप में किये गए आपके योगदान के लिए सराहना और कृतज्ञता का भाव व्यक्त करता हूं। आपकी सरलता, ऊंचे सिद्धांतों और असाधारण नेतृत्व ने हम सबको प्रेरित किया है।
तीन साल पहले मैं एक बाहरी व्यक्ति के तौर पर नई दिल्ली आया था। मेरे सामने विशाल और चुनौतीपूर्ण काम थे। इस दौर में आप हमेशा मेरे लिए एक पितातुल्य मार्गदर्शक रहे। आपकी बुद्धिमत्ता, आपके मार्गदर्शन और व्यक्तिगत स्नेह ने मुझे आत्मविश्वास और शक्ति दी है।
यह सर्वविदित है कि आप ज्ञान का एक भंडार हैं। नीति से राजनीति, आर्थिक मामले से विदेशी मामले, सुरक्षा के विषयों से राष्ट्रीय और वैश्विक महत्व के विषयों सहित विभिन्न मामलों पर आपकी विद्वता से मैं हमेशा आश्चर्यचकित होता रहा हूं| आपके बौद्धिक कौशल ने निरन्तर मेरी सरकार और मेरी मदद की है।
आप मेरे लिए अत्यन्त स्नेही और ध्यान रखने वाले व्यक्ति रहे हैं। दिनभर चलने वाली बैठकों या प्रचार अभियान यात्रा के बाद आपका ऐसा एक फोन कॉल मुझमें ताजगी और ऊर्जा भर देने के लिए पर्याप्त होता था, जिसमें आप कहते थे, ‘मैं आशा करता हूं कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख रहे हैं’।
प्रणब दा, हमारी राजनीतिक यात्राओं ने अलग-अलग दलों में आकार लिये। समय-समय पर हमारी विचारधाराएं भिन्न रही हैं। हमारे अनुभव भी अलग-अलग हैं। मेरा प्रशासनिक अनुभव मेरे राज्य से था जबकि आपने दशकों तक राष्ट्रीय नीति और राजनीति को देखा है। इसके बावजूद, आपकी बौद्धिकता और बुद्धिमत्ता में ऐसी ताकत है कि हम तालमेल के साथ मिलकर काम करने में समर्थ थे।
अपनी राजनीतिक यात्रा और राष्ट्रपति काल के दौरान, आपने राष्ट्र की खुशहाली को अन्य सभी चीजों से ऊपर रखा। आपने उन पहलों और कार्यक्रमों के लिए राष्ट्रपति भवन के दरवाजे खोल दिए, जो नवीन खोजों और भारत के युवाओं की प्रतिभा के लिए महत्वपूर्ण थे।
आप नेताओं की उस पीढ़ी से हैं जिसके लिए राजनीति समाज की नि:स्वार्थ सेवा का एक माध्यम है। भारत की जनता के लिए आप प्रेरणा का एक महान स्रोत हैं। भारत हमेशा आप पर गर्व करेगा कि आप एक ऐसे राष्ट्रपति रहे, जो एक विनम्र जनसेवक और असाधारण नेता भी हैं।
आपकी विरासत हमारा निरंतर मार्गदर्शन करेगी। हम आपके सबको साथ लेकर चलने वाले लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से निरंतर शक्ति प्राप्त करते रहेंगे, जिसे आपने अपने लम्बे और उत्कृष्ट सार्वजनिक जीवन में संजोया है। अब जबकि आप अपने जीवन के एक नये चरण में प्रवेश कर रहे हैं, आपके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी ओर से शुभकामनाएं हैं।
आपके समर्थन, प्रोत्साहन, मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए मैं आपको एक बार फिर धन्यवाद देता हूं। मैं आपके उन अत्यंत प्यारे शब्दों के लिए भी आपको धन्यवाद देता हूं, जो आपने कुछ दिन पूर्व संसद में विदाई कार्यक्रम में मेरे बारे में बोले थे।
राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के रूप में आपके साथ काम करना मेरे लिए एक सम्मान की बात रही है।
जय हिन्द
आपका
(नरेन्द्र मोदी)