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प्रधानमंत्री मोदी कल हैदराबाद में 216 फुट ऊंची स्‍टेच्‍यू ऑफ इक्वेलिटी करेंगे राष्‍ट्र को स‍मर्पित

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कल, 5 फरवरी को हैदराबाद का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री हैदराबाद के निकट पाटनचेरू स्थित अंतरराष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान के स्‍वर्ण जयंती समारोहों का शुभारंभ करने के साथ स्‍टैचू ऑफ इक्वेलिटी राष्‍ट्र को समर्पित करेंगे। 216 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी प्रतिमा 11वीं सदी के भक्ति शाखा के संत श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है।

श्री रामानुजाचार्य ने आस्था, जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया था। यह प्रतिमा ‘पंचलोहा’ से बनी है, जो पांच धातुओं: सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का एक संयोजन है और दुनिया में बैठने की अवस्था में सबसे ऊंची धातु की मूर्तियों में से एक है। यह 54-फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित है, जिसका नाम ‘भद्र वेदी’ है। इसमें वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथ, एक थिएटर, एक शैक्षिक दीर्घा हैं, जो श्री रामानुजाचार्य के कई कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हैं। इस प्रतिमा की परिकल्पना श्री रामानुजाचार्य आश्रम के श्री चिन्ना जीयार स्वामी ने की है।

कार्यक्रम के दौरान श्री रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षा पर थ्रीडी प्रेजेंटेशन मैपिंग का भी प्रदर्शन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 108 दिव्य देशम (सजावटी रूप से नक्काशीदार मंदिर) के समान मनोरंजनों का भी दौरा करेंगे जो स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी के चारों ओर बने हुए हैं। श्री रामानुजाचार्य ने राष्ट्रीयता, लिंग, नस्ल, जाति या पंथ की परवाह किए बिना हर इंसान की भावना के साथ लोगों के उत्थान के लिए अथक प्रयास किया। स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी का उद्घाटन, श्री रामानुजाचार्य की वर्तमान में चल रही 1000 वीं जयंती समारोह यानी 12 दिवसीय श्री रामानुज सहस्रब्दी समारोहम का एक भाग है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी आईसीआरआईएसएटी (International Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics) की 50वीं वर्षगांठ समारोह का शुभारम्भ भी करेंगे। प्रधानमंत्री पौधा संरक्षण पर आईसीआरआईएसएटी के जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केंद्र और आईसीआरआईएसएटी की रैपिड जनरेशन एडवांसमेंट केंद्र का भी उद्घाटन करेंगे। ये दो केन्द्र एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के छोटे किसानों को समर्पित हैं। प्रधानमंत्री आईसीआरआईएसएटी के विशेष रूप से डिजाइन किए गए प्रतीक चिन्ह का भी अनावरण करेंगे और इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी करेंगे।

आईसीआरआईएसएटी एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में विकास के लिए कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान करता है। यह किसानों को बेहतर फसल की किस्में और संकर प्रजाति प्रदान करके मदद करता है और शुष्क भूमि में छोटे किसानों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी मदद करता है।

 

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