इंडियन साइंस कांग्रेस-2019 का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘जय अनुसंधान’ का नारा दिया। उन्होंने कहा, ‘जय जवान जय किसान लाल बहादुर शास्त्री का है और अगर अटल जी का जोड़ दिया जाए तो बनता है जय जवान-जय किसान और जय विज्ञान, पर अगर मेरा जोड़ा जाए तो बनेगा जय जवान-जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के जालंधर के लवली प्रफेशनल यूनिवर्सिटी (एपीयू) में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 106वें सत्र का उद्घाटन किया। यहां उनका भव्य स्वागत किया गया। 5 दिवसीय विशाल इंडियन साइंस कांग्रेस-2019 में भारत और अन्य देशों के टॉप शैक्षणिक संस्थानों, इंडस्ट्री और साइंस समुदाय के क्षेत्रों से 15,000 प्रतिनिधि और अन्य लोग शिरकत कर रहे हैं। इनमें कई नोबल पदक विजेता वैज्ञानिक भी शामिल हुए हैं।
पीएम मोदी ने यहां छात्रों को किसान हित के लिए अनुसंधान करने का मंत्र दिया। मोदी ने कहा कि किसानों पर अनुसंधान करने की जरूरत है। ड्रोन सेंसर आर्टिफिश्यल इंटेलिजेंस सैटेलाइट का पैकेज बनाकर किसानों के लिए रिसर्च होनी चाहिए कि इसके उपयोग से किसान कैसे कम जमीन पर अधिक खेती कर मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में कई ऐसे किसान हैं जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है। उनको कम श्रम से अधिक पैदावार के लिए उन्नत टेक्नॉलजी की जरूरत है। हमने कृषि विज्ञान में काफी तरक्की कर ली है, पैदावार और गुणवत्ता भी बढ़ी है लेकिन न्यू इंडिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। बिग डेटा, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन से जुड़ी तमाम टेक्नोलॉजी का कम कीमत में कारगर इस्तेमाल खेती में कैसे हो, इस पर हमारा फोकस होना चाहिए।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘जिस तरह हम ईज ऑफ डूइंग बिजनस में आगे बढ़ रहे हैं, उसी तरह सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए ईज ऑफ लिविंग पर भी काम करना होगा।’ उन्होंने कहा कि अपने देश के कम बारिश वाले इलाके में बेहतर ढंग से सूखा प्रबंधन करने पर ध्यान देना होगा। इससे किसान के साथ अनेक जिंदगियां बचेंगी। इसी के साथ बच्चों में कुपोषण रोकने के लिए, चिकुनगुनिया और इंसेफ्लाइटिस मुक्त करने के लिए इलाज ढूंढना होगा।
Speaking on ‘Future India: Science and Technology’ at the 106th Indian Science Congress. Watch. https://t.co/AVFfXT18xd
— Narendra Modi (@narendramodi) January 3, 2019
उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा, आप बेहतर इलाज करने की तरीका साइंस एवं टेक्नोलॉजी में ढूंढ सकते हैं और बेहतर स्वास्थ्य के लिए अधिक प्रभावी तकनीक विकसित कर सकते हैं। पीने के पानी की समस्या से निबटने के लिए रिसायकल एवं कंजर्वेशन से जुड़ी नई तकनीक विकसित कर सकते हैं। यह बड़ी चुनौती हे कि क्या हम कोई ऐसा सिस्टम बना सकते हैं जिससे हमारे संवेदनशील संस्थानों को ऐसी साइबर सुरक्षा मिल सके कि उसे भेदना नामुमकिन हो जाए।
2018 की उपलब्धियां गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2018 भारतीय विज्ञान के लिए अच्छा साल रहा है। इसमें प्रॉडक्शन ऑफ ऐविएशन ग्रेड बाओफ्यूल, दृष्टिबाधित लोगों के लिए दिव्य नयन मशीन, सर्वाइकल कैंसर, टीबी और डेंगू के डायग्नोसिस के लिए सस्सी डिवाइस और रियल टाइम लैंडस्लाइड वार्निंग सिस्टम शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘क्या हम सौर ऊर्जा के क्षेत्र में से समाधान कर सकते हैं, जो बहुत ही कम कीमत पर गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए भी उपलब्ध हो सके। हमें इन सवालों के जवाब खोजने होंगे और साइंस को सामान्य मानवीय के जीवन से जोड़ना है। हमें दुनिया में लीडरशिप लेनी है और अपने संकल्पों को पूरा करके दिखाना है। हमें समय के अनुरूप समस्याओं का समाधान करने होंगे, वह भी समय सीमा के अंदर।‘
किसी भी देश की Intellectual Creativity और Identity उसके इतिहास, कला, भाषा और संस्कृति से बनती है।
ऐसे में हमें विधाओं के बंधन से मुक्त होकर शोध करना होगा।
अब ऐसी रीसर्च की जरुरत है जिसमें Arts और Humanities, सोशल साइंस, साइंस और टेक्नोल़ॉजी के Innovation का Fusion हो: PM
— PMO India (@PMOIndia) January 3, 2019
उन्होंने कहा, ‘हमें दुनिया में प्रतिस्पर्धा नहीं करनी है, श्रेष्ठता दिखानी है। हमें देश को उस स्तर पर ले जाना है जिससे दुनिया भारत के पीछे चल पड़े। इसके लिए रिसर्च का इकोसिस्टम बनाना है। हमें आने वाले समय में नॉलेज वर्ल्ड सोसायटी के लाइन में खड़े होना है।‘
मोदी ने कहा, हमें विधाओं के बंधन से मुक्त होकर शोध करना है। ऐसी रिसर्च की जरूरत है कि हम आज सोशल साइंस टेक्नोलॉजी का विकास हो। हमारा प्राचीन ज्ञान शोध पर ही आधारित रहा है। हमारे पूर्वजों ने विज्ञान से लेकर कला से संस्कृति और चिकित्सा के क्षेत्र में खोज व शोध से दुनिया को प्रकाशित किया है। अब समय आ गया है कि भारत दुनिया में उसी स्थान को फिर से हासिल करें। यह तभी संभव है जब दुनिया की तीन सबसे अर्थव्यवस्था में एक बनकर दुनिया को दिशा दे।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम की चर्चा की।
कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में विज्ञान का आम लोगों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सरकार विज्ञान के माध्यम से देश के गरीबों, किसानों और आम लोगों की समस्या के हल और उत्थान एवं कल्याण के लिए काम रही है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न मिशन शुरू किए हैं। इससे करोड़ों भारतीयों को लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत ही नहीं, पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ी है। प्रधानमंत्री ने ‘जय अनुसंधान’ मिशन शुरू किया है।