प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 नवंबर को प्रगति के 39वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की। प्रगति- प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्पलीमेंटेशन (सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन) के लिए आईसीटी आधारित मल्टी-मॉडल प्लेटफॉर्म है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें शामिल हैं। बैठक में आठ परियोजनाओं और एक योजना सहित नौ एजेंडा विषयों की समीक्षा की गई। आठ परियोजनाओं में, तीन परियोजनाएं रेल मंत्रालय की थीं, दो परियोजनाएं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और बिजली मंत्रालय की थीं और एक परियोजना पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की थी।
इन आठ परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये हैं। ये योजनाओं सात राज्यों- बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अधिक लागत से बचने के लिए परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान पोषण अभियान की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान को सरकार के पूर्ण दृष्टिकोण के साथ प्रत्येक राज्य में मिशन मोड में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने जमीनी स्तर पर बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और अन्य स्थानीय संगठनों की भागीदारी के बारे में भी बात की। एसएचजी इस अभियान के विस्तार और उसे आगे ले जाने में मदद करेगा।
प्रगति बैठकों के 38 संस्करणों तक 14.64 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 303 परियोजनाओं की समीक्षा की जा चुकी है।