अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां हालात तेजी से बदल रहे हैं। वहां अफरा-तफरी का माहौल है। ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फिर संकटमोचक की भूमिका में नजर आ रहे हैं। वे अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और हालात का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने काबुल से एयरलिफ्ट की जानकारी ली और फ्लाइट का भी अपडेट लिया। उन्होंने मंगलवार (17 अगस्त, 2021) को सात लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें उन्हें अफगानिस्तान में पैदा हुई सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति की पूरी जानकारी दी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सभी संबंधित अधिकारियों को अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को न केवल अपने नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए, बल्कि हमें उन सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों को भी शरण देनी चाहिए जो भारत आना चाहते हैं, और हमें हर संभव सहायता भी प्रदान करनी चाहिए। हमारे अफगान भाइयों और बहनों की मदद करें जो सहायता के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश के बाद अफगानिस्तान के हालात और दुनिया की प्रतिक्रियाओं पर भारत पैनी नजर बनाए हुए हैं। इसी बीच करीब 1650 भारतीयों ने वतन वापसी के लिए अप्लाई किया है। इन्हें जल्द निकालने पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। काबुल में मौजूद भारतीय दूतावास अभी भी काम कर रहा है।
रेस्क्यू के लिए बड़े मिशन में जुटी मोदी सरकार
- अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के लिए विशेष हेल्पलाइन जारी की गई है।
- भारत ने काबुल स्थित दूतावास से अपने कर्मचारियों को निकाल लिया है।
- काबुल में फंसे 150 भारतीयों को C-17 ग्लोबमास्टर विमान से भारत लाया गया।
- अप्लाई करने वाले 1650 भारतीयों की वतन वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं।
- भारत में शरण लेने वाले अफगानियों के लिए वीजा नीति में बदलाव किया गया।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने e-Emergency X-Misc Visa कैटेगरी की शुरुआत की।
- अफगानिस्तान संकट को लेकर भारत अपने मित्र राष्ट्रों से लगातार संपर्क में है।