अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब वहां सरकार बनाने की कवायद चल रही है। ऐसे में बॉलीवुड फिल्म समीक्षक कमाल राशिद खान उर्फ केआरके ने कहा है कि अगर तालिबानियों को अफ़ग़ानिस्तान में उपराष्ट्रपति पद के लिये कोई योग्य व्यक्ति ना मिल पा रहा हो, तो वो इंडिया से हामिद अंसारी साहब को ले जा सकते हैं। इन्हें दस साल तक उपराष्ट्रपति पद पर रहने का अनुभव है! मजेदार बात यह है, कि इन्हें भारत में डर भी लगता है!
अगर तालिबानियों को अफ़ग़ानिस्तान में उपराष्ट्रपति पद के लिये कोई योग्य व्यक्ति ना मिल पा रहा हो, तो वो India से “हामिद अंसारी” साहब को ले जा सकते हैं।
इन्हें दस साल तक उपराष्ट्रपति पद पर रहने का अनुभव है! मजेदार बात यह है, कि इन्हें भारत में डर भी लगता है!— KRK (@kamaalrkhan) August 17, 2021
केआरके इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोग इसी पर चर्चा कर रहे हैं और कथित सेकुलर, लिबरल और भारत में डर लगने की बात करने वालों को निशाने पर ले रहे हैं। आप भी देखिए सोशल मीडिया पर लोग किस तरह से मजे ले रहे हैं।
राहुल गांधी और हामीद अंसारी उसके लिए सबसे योग्य उमीदवार है pic.twitter.com/N0mAWaUJFC
— Ranjeet (@ranjeetShekhawt) August 18, 2021
“हामिद अंसारी” और “आमिर खान” सरफली सलमान खान शारुख खान स्वरा भास्कर दीपिका पादुकोण खान करीना को अफगानिस्तान” जाना चाहिये टिकट मैं बुक करवा दूंगा.!!
— GD, BAKSHI (@BAKSHIFAN) August 18, 2021
और तो जाए भाड़ में,
हामिद अंसारी किस बिल में है। https://t.co/d1E6PgE6YT— Sanjay Mishra (@iamSajay803) August 16, 2021
काश हामिद अंसारी और नशीरूदिन शाह अफगानिस्तान के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति बनाये जाते,, क्योंकि इन लोगों को भारत में डर लगता है।।
— त्रिशा पांडेय ?? (Nationalist) (@Tris_0580) August 17, 2021
हामिद अंसारी और आमिर खान को इस समय अफगानिस्तान जाना चाहिये ,
उनको पता तो चले के डर क्या होता है।।— ठाकुर हर्ष राजपूत ?? (@hrajput159) August 16, 2021
आज भारत के डरे हुए मुसलमान
अफ़ग़ानिस्तान पर चुप क्यूँ है
कहां छुपे है …आमिर खान, जावेद अख़्तर, नशरुद्दीन, शबाना आज़मी, हामिद अंसारी…— MANOJ SINGH (@manojkumarobra) August 18, 2021
“हामिद अंसारी” और “आमिर खान” सरफली सलमान खान शारुख खान स्वरा भास्कर दीपिका पादुकोण खान करीना को अफगानिस्तान” जाना चाहिये टिकट मैं बुक करवा दूंगा.!!
— Pushpendra Kulshrestha (@Real_Pushpender) August 18, 2021
कुछ लोग हुआ करते थे (नसीरुद्दीन शाह, हामिद अंसारी) जिन्हें भारत में रहना असुरक्षित लगता था उन्हें डर लगता था,
डर किसे कहते है देखना है तो अफ़ग़ानिस्तान को देख लो….मुस्लिम देश से मुस्लिम ही भाग रहे है, इसे कहते है ख़ौफ़।— नवनीत उपाध्याय (@Nav_u7) August 18, 2021
मेरा भारत सरकार से निवेदन है कि जो विमान भारतीय नागरिकों एवं शरणार्थियों को लेने काबुल खाली जा रहे हैं , इन विमानों में उन लोगों को बैठा दें जिन्हें भारत असुरक्षित लगता है ।
— Varun Puri (@varunpuri1984) August 17, 2021
भारतीय विमान जो अफगानिस्तान भारतियों को लेकर आने के लिए खाली जा रही है उसमें नसीरुद्दीन शाह से लेकर हामिद अंसारी तक सभी गद्दारों को अफगानिस्तान भेज दिया जाए। ???
— संयोगिता सिन्हा. #जय_श्री राम (@SanyogeetaSinha) August 17, 2021
अफगानिस्तानी चाहे तो हामिद अंसारी को राष्ट्रपति बनाने बारे में विचार कर सकते है…. वैसे भी उन्हें 10 साल उप-राष्ट्रपति पद का अनुभव है… और सबसे खास बात तो ये है कि उन्हें भारत मे डर भी लगता है। उनकी बीबी से वैसे भी तालिबानी डर जाएंगे. pic.twitter.com/Yu401p9izG
— Piyush Kumar #प्रशासक_समिति (@PiyushK02802812) August 18, 2021
हामिद अंसारी भारत में डरे हुए हैं अभी अफगानिस्तान में उपराष्ट्रपति की कुर्सी खाली है। हामिद अंसारी के लिए एक अच्छा अवसर है?#TalibanSympathisers#AfganistanBurning
— Gajendra Singh Tomar (@GajendraSTomar) August 18, 2021
उपराष्ट्रपति पद से विदाई के बाद से हामिद अंसारी लगातार अपने बयानों के कारण विवादों में बने हुए हैं। राष्ट्रवाद को ‘जहर’ बताना हो या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर का मामला हो, तीन तलाक के कानून का विरोध हो या देश के हर जिले में शरिया अदालतें स्थापित करने का ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रस्ताव हो, सभी मामलों में हामिद अंसारी ने विवादित बयान दिया है।
20 नवंबर, 2020 को हामिद अंसारी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की किताब ‘The Battle of Belonging’ के डिजिटल विमोचन के मौके पर कहा कि देश कोरोना से पहले ही दो महामारी का शिकार हो चुका है। ये हैं- धार्मिक कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद। अंसारी के मुताबिक इनके मुकाबले देशप्रेम अधिक सकारात्मक अवधारणा है, क्योंकि यह सैन्य और सांस्कृतिक रूप से रक्षात्मक है।
हामिद अंसारी ने कहा कि धार्मिक अवधारणा को धर्म के आधार पर किए जाने वाले ढोंग के रूप में परिभाषित किया जा रहा है और आक्रामक राष्ट्रवाद के बारे में पहले ही बहुत कुछ लिखा जा चुका है। यह विचारधारा के लिहाज़ से ‘जहर’ जैसा है जो किसी संकोच के बिना लोगों के व्यक्तिगत अधिकारों पर अतिक्रमण करता है और अधिकारों को क्षीण करता है। हामिद अंसारी के मुताबिक आक्रामक राष्ट्रवाद कई बार नफ़रत का रूप ले लेता है और एक ऐसी घुट्टी के रूप में काम करता है जो प्रतिशोध के लिए उकसाता है।
विवादों में रहे हैं हामिद अंसारी
पूर्व उपराष्ट्रपति का यह बयान कोई हैरान करने वाला नहीं है। इससे पहले भी उदारता और छद्म धर्मनिरपेक्षता की आड़ में मुस्लिम परस्त और देश विरोधी बयान देते रहे हैं। जिनसे उनके वास्तविक चरित्र का परिचय मिलता है। जब बालाकोट एयर स्ट्राइक हुआ तब हामिद अंसारी ने सबूत मांग जाने का समर्थन किया। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि देश के लोगों को बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाने का पूरा हक है। अब देश के बाहर विश्व स्तर पर इतने सारे साक्ष्य उपलब्ध हैं कि आप सच को छिपा नहीं सकते। यह पूछे जाने पर कि ऐसी चर्चा है कि भारत ने पाकिस्तान के एफ-16 विमान को ढेर नहीं किया तो उन्होंने कहा कि अगर मैं कह दूं कि मैंने किसी शेर को मारा है तो मुझे उस शेर को दिखाना भी होगा।
विभाजन के लिए सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं भारत भी जिम्मेदार
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि 1947 में हुए विभाजन के लिए सिर्फ पाकिस्तान ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि भारत भी इसमें जिम्मेदार था। अंसारी ने कहा कि, ‘हम ये मानने को तैयार नहीं है कि विभाजन के लिए हम भी बराबर के जिम्मेदार हैं।’ पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा कि देश के बंटवारे के लिए सियासी वजहों से मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया गया। अंसारी ने कहा कि, ‘जहां भी किसी ने गलत काम किया तो मुल्जिम एक ही… आप सब जानते हैं।’ उन्होंने कहा कि, ‘आजादी के चार दिन पहले सरदार पटेल ने दिल्ली में कहा था कि अगर देश को एक रखना है तो विभाजन जरूरी है। लेकिन सियासत ने जो रुख पलटा तो किसी को जिम्मेदार बनाना था। तो उन्होंने कहा कि जिम्मेदार बना दो, किसे, मुसलमानों को बना दो। यह सबने मान लिया कि मुसलमानों को जिम्मेदार बनाना चाहिए।’
मुस्लिमों में घबराहट का भाव- हामिद अंसारी
दस साल तक उप-राष्ट्रपति रहने वाले हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन ही कहा था कि देश के मुसलमानों में घबराहट का भाव है और वो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मुस्लिमों की कथित मॉब लिंचिंग और घर वापसी के मामले को फिर से तूल देकर देश की कथित चिंताजनक परिस्थिति का रोना रोया।
सिर्फ मुसलमानों के प्रतिनिधि थे अंसारी ?
दरअसल हामिद अंसारी को उपराष्ट्रपति के तौर पर विदाई लेना चाहिए था, लेकिन जाते-जाते जो मुद्दा उठाया उसे देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि उन्होंने कभी 125 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व किया ही नहीं। वो तो सिर्फ मुसलमान के प्रतिनिधि बनकर ही आये थे।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में की शिरकत
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पिछले साल केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एक कार्यक्रम में ये जानते हुए भी शिरकत की थी कि इस संगठन पर आतंकियों के समर्थन का आरोप है। 23 सितंबर, 2017 को कोझिकोड में महिलाओं से संबंधित विषय पर इस सम्मेलन को नई दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ ऑब्जेक्टिव स्टडीज ने नेशनल वूमेन फ्रंट (NWF) के साथ मिलकर आयोजित किया था। NWF, PFI की महिला शाखा है। PFI पर युवाओं को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में भर्ती करने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में देश के किसी संवैधानिक पद पर लंबे समय तक रहे किसी शख्स का PFI से संबंधित कार्यक्रम का हिस्सा बनना कई सवाल छोड़ता है।
‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना को भी नहीं समझे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र के साथ ही सभी योजनाओं और परियोजनाओं पर काम किया है। देश गवाह है कि मोदी सरकार ने किसी योजना पर अमल करने में कभी भेदभाव का सहारा नहीं लिया है। लेकिन हामिद अंसारी को ‘सबका साथ, सबका विकास’ जैसे प्रधानमंत्री के मंत्र पर भी भरोसा नहीं किया। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिये इंटरव्यू में उन्होंने नारे को तो अच्छा बताया, लेकिन उसमें ‘सबका विकास’ जैसे शब्द पर संदेह जताने की भी कोशिश की।
रॉ के पूर्व अधिकारी ने हामिद अंसारी को दोहरे चरित्र का व्यक्ति बताया–रॉ के पूर्व अधिकारी आर के यादव ने 14 जुलाई को हामिद अंसारी के चरित्र का पर्दाफाश किया और कहा कि यह व्यक्ति दो चेहरे वाला है।
हामिद अंसारी के चरित्र के बारे में रॉ के अधिकारी आर के यादव ने यह बात लंबी जांच पड़ताल और अनुभव के आधार पर कही है। अपने अनुभवों के आधार पर लिखी गई किताब Mission R&AW में हामिद अंसारी के दोहरे चरित्र पर एक पूरा अध्याय- Bizarre R&AW Incidents- ही लिखा है।
हामिद अंसारी ने ईरान में कश्मीर आंदोलनकारियों का साथ दिया- आर के यादव – Bizarre R&AW Incidents में लिखते हैं कि रॉ के अधिकारी डी बी माथुर, तेहरान के करीब कौम में कश्मीर के युवकों के लिए चल रहे ट्रेनिंग कैंप पर नियमित रुप से दिल्ली को रिपोर्ट भेजते रहते थे। ये सभी रिपोर्ट्स राजदूत हामिद अंसारी के पास से होकर गुजरती थीं, इनमें से कई रिपोर्ट्स को लेकर हामिद अंसारी काफी विरोध में रहते थे। इसी दौरान, एक सुबह डी बी माथुर को ईरान की गुप्तचर संस्था ने अगवा कर लिया, लेकिन हामिद अंसारी ने ईरान की सरकार से इस बारे में कोई बात नहीं की और बहुत ही साधारण रिपोर्ट दिल्ली भेज कर शांत हो गए। दो दिनों तक डी बी माथुर के बारे में कोई जानकारी न मिलने पर भारतीय दूतावास के करीब 30 अधिकारियों की पत्नियों ने हामिद अंसारी के चैम्बर में जबरदस्ती घुसकर विरोध भी दर्ज कराया था।
यह बात तेहरान में रॉ के एक अन्य अधिकारी एन के सूद ने दिल्ली में रॉ के अधिकारी आर के यादव को बताई थी। दूसरे दिन ही आर के यादव, विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी से मिले और पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव से बात की। पी वी नरसिम्हा राव ने तुरंत कार्रवाई की और ईरान को कुछ ही घंटों में डी बी माथुर को रिहा करना पड़ा। इसके बाद माथुर को 72 घंटों के अंदर वापस दिल्ली बुला लिया गया था।
नहीं कराया विरोध दर्ज- रॉ के अधिकारी Bizarre R&AW Incidents में आगे लिखते हैं कि ईरान में भारतीय दूतावास के सुरक्षा अधिकारी मोहम्मद उमर से खुफिया जानकारी लेने के उद्देश्य से ईरानी गुप्तचर एजेंसी ने संपर्क किया, लोकिन मोहम्मद उमर ने ऐसा करने से मना कर दिया। इस घटना की जानकारी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हामिद अंसारी को भी उमर ने बताई।
कुछ हफ्तों के बाद मोहम्मद उमर को ईरान की खुफिया एजेंसी वाले उठाकर ले गए और बुरी तरह से पिटाई करके सड़क पर अधमरा छोड़ दिया। हामिद अंसारी ने इस मुद्दे को लेकर ईरान सरकार के समक्ष कोई विरोध दर्ज नहीं कराया बल्कि मोहम्मद उमर को चुप रहने के लिए कहा।
पहचान को किया उजागर– विभिन्न देशों में भारत के राजदूत रह चुके हामिद अंसारी ने ऐसे काम किए हैं, जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की पहचान दूसरे देशों के सामने आ गई। हामिद अंसारी ने ऐसा एक बार नहीं कई बार किया।