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यूपी में पीएम मोदी और सीएम योगी ने वो कर दिखाया, जो विपक्षी दलों के शासनकाल में था असंभव

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। जनता राज्य की भावी सरकार के लिए अपना फैसला देने जा रही है। इस दौरान केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार होने से किस तरह यूपी को सीधा फायदा मिला है। इस पर गौर करने की जरूरत है। विकास करने का दावा कमोबेश हर सरकार करती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की डबल इंजन की सरकार में विकास के साथ ही ऐसे अद्भुत और अकल्पनीय काम हुए हैं, जो सपा, बसपा और कांग्रेस के शासन में होना असंभव था। 550 साल से राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष हो रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी की सरकार में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ और इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। इसी तरह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण में अनेक बाधाएं और चुनौतियां थीं। किसी ने सोचा तक नहीं था कि इतनी आसानी से भव्य कॉरिडोर का निर्माण हो पाएगा।

एक गलत फैसला अवसर को बर्बादी में बदल देगा

योगी सरकार ने न सिर्फ़ हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़े हैं, बल्कि तमाम चुनौतियों को भी अवसर में बदल दिया। योगी सरकार ने पांच वर्षों में वो कर दिखाया है, जो पिछले 70 वर्षों में नहीं हुआ। आज उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बन गया है। प्रदेश में एक भी एम्स नहीं था, वहीं रायबरेली और गोरखपुर में एम्स स्थापित किए गए। नोएडा में एशिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी का निर्माण किया जा रहा है। पहली बार प्रदेश में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की संख्या बढ़कर 5 तक पहुंच गई हैं। प्रदेश के सभी 1535 थानों में पहली बार महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। पहली बार प्रदेश के सभी घरों में 24 घंटे बिजली मिल रही है। राज्य को भ्रष्टाचार और दंगा मुक्त सुशासन के साथ सुरक्षा मिली है। इससे प्रदेश विकास के एक्सप्रेसवे पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में एक गलत फैसला प्रदेश और देश के हित में नहीं होगा और पांच साल की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।

यूपी से हटा ‘बीमारू’ राज्य का तमगा

देश में एक समय उत्तर प्रदेश की पहचान एक बीमारू राज्य के तौर पर थी, लेकिन योगी सरकार में प्रदेश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है। 2017 से पहले प्रदेश सरकार का बजट दो लाख करोड़ तक होता था, जो साल 2021 में ढाई गुना बढ़कर 5.50 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। यूपी में पांच साल पहले वैट 49 हजार करोड़ मिलता था, जो अब हजार करोड़ बढ़ गया। एक्साइज 12 हजार करोड़ से 36 हजार करोड़ पहुंच गया है। 4.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। साल 2017 में बेरोजगारी दर 17 प्रतिशत थी, जो कम होकर 4 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

यूपी देश की दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था

2017 में यूपी अर्थव्यस्था के मामले में पांचवे नंबर वाला राज्य था, लेकिन अब तमिलनाडु, और कर्नाटक जैसे राज्य को पीछे छोड़ते हुए दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। यूपी 2015-16 में 10.90 लाख करोड़ की जीडीपी वाला राज्य था, लेकिन अब 21.73 लाख करोड़ की जीडीपी वाला राज्य बन गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में यूपी पहले 14वें स्थान पर था, लेकिन योगी सरकार में नंबर दो पर पहुंच गया। ऐसे ही 2015-16 में प्रति व्यक्ति आय मात्र 47,116 रुपये थी, जबकि 2021 में बढ़कर 94,495 रुपये है। वहीं 44 योजनाओं को लागू करने में यूपी नंबर वन है।

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