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भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई को उद्योग के खिलाफ सख्ती बताकर दुष्प्रचार किया जा रहा है-पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली में किर्लोस्कर समूह के शताब्दी समारोह को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किर्लोस्कर समूह की सफलता भारतीय उद्यम और भारतीय उद्यमियों की सफलता की भी पहचान है। सिंधु घाटी की सभ्यता से लेकर आज तक भारतीयों के स्प्रिट ऑफ इंटरप्राइज देश के विकास को नई ऊर्जा और नई गति दे रही है। जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तब लक्ष्मण राव किर्लोस्कर और ऐसे अन्य उद्यमियों ने भारत की स्प्रिट और उसके जज्बे को जीवित रखा। किसी भी परिस्थिति में उसे कमजोर नहीं होने दिया। यही वो भावना थी, जिसने स्वतंत्रता के बाद भी देश को आगे बढ़ने में मदद की।

पीएम मोदी ने कहा कि आज के दिन लक्ष्मण राव जी की बायोग्राफी ‘यांत्रिकी यात्रा’ का विमोचन मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मुझे विश्वास है कि उनकी यात्रा के अहम पड़ाव भारत के सामान्य युवा को इनोवेशन और इंटरप्राइज स्प्रिट के लिए प्रेरित करते रहेंगे। जोखिम उठाने और नये-नये क्षेत्रों में विस्तार करने की भावना आज भी हर भारतीय उद्यमी की पहचान है। भारत का उद्यमी देश के विकास के साथ ही अपनी क्षमताओं और सफलताओं के विस्तार के लिए अधीर है। पीएम मोदी ने कहा कि मेरा विश्वास भारत के उद्योग जगत पर है। परिस्थितियों को बदलने और हर चुनौती से पार पाने के लिए जिस इच्छाशक्ति की जरूरत होती है, वह भारतीय उद्योग जगत की रग-रग में समाई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हम नए वर्ष और नए दशक में प्रवेश कर रहे हैं, तो मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यह दशक भारतीय उद्यमियों का होगा। इस दशक में 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य तो एक पड़ाव है। हमारे सपने और भी बड़े है। हमारी उम्मीदें और बढ़ी हैं और हमारे लक्ष्य और बड़े है।

2014 के बाद से देश में ये निरंतर प्रयास हुआ है कि भारत के उद्योग जगत को विस्तार के लिए किसी रूकावट का सामना न करना पड़े। इस दौरान हर फैसले और हर कार्रवाई के पीछे एक ही सोच रही है कि भारत में काम करने वाले हर उद्यमी के सामने रूकावट दूर हो। उसके लिए बिजनेस का बेहतर माहौल बने। देश के लोगों का सही सामर्थ्य तभी सामने आ सकता है, जब सरकार इंडिया, इंडियन और इंडस्ट्रिज के आगे बाधा बनकर नहीं, बल्कि साथी बनकर खड़ी रहे। बीते वर्षों में देश ने यहीं मार्ग अपनाया है।

पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में देश में रिफॉर्म विद इंटेंट, परफॉर्म विद इंटिग्रिटी, ट्रांसफॉर्म विद इंटेंसिटी और प्रोफेशनल गवर्नेंस देने की कोशिश लगातार होती रही है। उद्योग जगत की मुश्किलों को समझा गया है। उन्हें दूर करने का प्रयास किया गया है।

आजकल  Insolvency and Bankruptcy Code (IBC) की काफी चर्चा होती है। कई स्थितियों में धंधे से बाहर निकलना ही समझदारी माना जाता है। ये जरूरी नहीं है कि जो कंपनी सफल नहीं हो रही हो उसके पीछे कोई साजिश ही हो। कोई गलत इरादा हो। आगे चलकर यह अध्ययन होगा कि IBC ने कितने उद्यमियों का भविष्य बचाया। उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए बर्बाद होने से रोका।

भारत के टैक्स सिस्टम में पहले काफी कमियां थीं। जिसने भारतीय उद्योग जगत की स्पिड पर ब्रेक लगा दिया था। इस ब्रेक को हटाया जा चुका है। हमारे टैक्स सिस्टम में ट्रांसपरेंसी आए, एफिसिएंसी आए और एकाउंटिबलिटी बढ़े। टैक्स पेयर और टैक्स डिपार्टमेंट के बीच ह्यूमन इंटरफेस समाप्त हो। इसके लिए एक नई व्यवस्था का निर्माण किया जा रहा है। आज कॉर्पोरेट टैक्स सबसे कम है। इतने कम कभी नहीं रहे। भारतीय उद्योग की हर रूकावटें दूर करने की कोशिश की गई हैं।

कुछ लोग सरकार की यह छवि बनाने में अपनी ऊर्जा लगाते हैं कि भारत सरकार उद्यमियों के पीछे डंडा लेकर चल रही है। कुछ लोग बेइमान और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई को भारतीय उद्योग पर सख्ती का रूप दे रहे हैं। एक बहुत बड़ा दुष्प्रचार है। भारतीय उद्योग पारदर्शी माहौल में भय के बिना, बाधा के बिना आगे बढ़े। देश और खुद के लिए धन अर्जित करें। यहीं हम सभी का प्रयास रहा है। यह निरंतर प्रयास रहा है कि भारतीय उद्योग जगत को कानूनों के जाल से मुक्ति मिले। इसी के तहत डेढ़ हजार से ज्यादा बेकार कानून खत्म कर दिए गए हैं।

तत्कालिक और दीर्घकालिक समाधान पर एक साथ काम किया जा रहा है। जिसका फायदा श्रमिक और उद्यमी दोनों को मिलेगा। देश में ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं, जिनसे न सिर्फ वर्तमान, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी फायदा मिलेगा। तेज गति से काम करने का नतीजा है कि पिछले पांच साल में ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में 79 रैंक का सुधार हुआ। ग्लोबल इनोवेशन रैंक में 20 रैंक का सुधार आया है। लगातार कई सालों से एफडीआई के मामले में दुनिया के दस शीर्ष देशों में भारत का शामिल रहना एक बड़ी उपलब्धि है।

बीते कुछ वर्षों में युवा उद्यमियों की संख्या में बहुत महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। आज देश के नए उद्यमी नये आइडियाज और नए बिजनेस मॉडल लेकर सामने आ रहे हैं। हमारे आज के युवा नए सेक्टर को भी विस्तार दे रहे हैं। ये युवा छोटे से छोटे शहरों से निकलकर बड़ी से बड़ी मंजिलें हासिल कर रहे हैं।

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