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वक्त आ गया है कि फिन-टेक पहलों को फिन-टेक क्रांति में बदल दिया जाए- इनफिनिटी फोरम में प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फिन-टेक पर एक विचारशील नेतृत्वकारी मंच इनफिनिटी फोरम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को साबित कर दिया है कि जब प्रौद्योगिकी को अपनाने या उसके मद्देनजर नवाचार की बात आती है, तो भारत किसी से कम नहीं है। डिजिटल इंडिया के तहत परिवर्तनशील पहलों ने शासन में लागू करने के लिये अभिनव फिन-टेक समाधानों के लिए द्वार खोल दिए हैं। अब वक्त आ गया है कि इन फिन-टेक पहलों को फिन-टेक क्रांति में बदल दिया जाए। उन्होंने कहा, “ऐसी क्रांति जो देश के प्रत्येक नागरिक के वित्तीय अधिकारिता को प्राप्त करने में मददगार हो।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुद्रा का इतिहास बताता है कि इस क्षेत्र में जबरदस्त क्रमिक विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत में पिछले वर्ष पहली बार मोबाइल द्वारा भुगतान ने एटीएम नकद निकासी को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने कहा, “जैसे मानव का क्रमिक विकास हुआ है, उसी तरह हमारे लेन-देन के स्वरूप का भी विकास हुआ है। चीजों की अदला-बदली से लेकर धातु तक, फिर सिक्कों से नोटों तक, फिर चेक से कार्ड तक होते हुए आज हम यहां पहुंच चुके हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में 50 प्रतिशत से कम भारतीयों के पास बैंक खाते थे, लेकिन बैंक खातों को सर्वसुलभ बना दिया गया और पिछले सात वर्षों में 430 मिलियन जन धन खाते खुल गए। उन्होंने तमाम पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले वर्ष 690 मिलियन रूपे कार्डों द्वारा 1.3 अरब लेन-देन हुए, यूपीआई ने पिछले माह ही लगभग 4.2 अरब लेन-देन को संसाधित किया। हर महीने लगभग 300 मिलियन बिलों को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है, महामारी के बावजूद, लगभग 1.5 मिलियन रेलवे टिकट हर दिन ऑनलाइन बुक किए जाते हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वित्तीय समावेश से फिन-टेक क्रांति को गति मिलती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिन-टेक चार स्तंभों पर आधारित हैः आय, निवेश, बीमा और संस्थागत ऋण। उन्होंने कहा, “जब आय बढ़ती है, तो निवेश संभव होता है। बीमा कवरेज से बड़े जोखिम उठाने और निवेश करने की क्षमता बढ़ती है। संस्थागत ऋण से विस्तार को उड़ान मिलती है। और हमने इनमें से हर स्तंभ पर काम किया है। जब ये सारे घटक एक-साथ आते हैं, तो आपको वित्तीय सेक्टर में काम करने वाले इतने सारे लोग अचानक नजर आने लगते हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी कहा कि आम भारतीय ने डिजिटल भुगतान और ऐसी प्रौद्योगिकियों को अपनाकर हमारी फिन-टेक इको-प्रणाली में भारी भरोसा जताया है। उन्होंने कहा, “यह भरोसा एक जिम्मेदारी है। भरोसे का मतलब है कि आप यह सुनिश्चित करें कि लोगों के हित सुरक्षित हैं। फिन-टेक सुरक्षा नवाचार के बिना फिन-टेक नवाचार अधूरा रहेगा।” उन्होंने फिन-टेक क्षेत्र में भारत के अनुभव के विस्तृत उपयुक्तता का हवाला दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया के साथ अनुभवों और विशेषज्ञता को साझा करने तथा दुनिया से सीखने की तरफ भारत का हमेशा रुझान रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे डिजिटल लोक अवसंरचना समाधान दुनिया भर के लोगों के जीवन को सुधार सकते हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि गिफ्ट-सिटी महज एक प्रांगण नहीं है, बल्कि वह भारत का प्रतिनिधित्व करता है। वह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों, मांग, विभिन्न जन-समुदायों और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। विचारों, नवाचार और निवेश के प्रति भारत के खुलेपन का प्रतिनिधित्व करता है। गिफ्ट-सिटी वैश्विक फिन-टेक विश्व के लिये प्रवेशद्वार है।

इस कार्यक्रम की मेजबानी अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) के तत्वावधान में गिफ्ट-सिटी और ब्लूमबर्ग कर रहे हैं। इनफिनिटी-फोरम के जरिए नीति, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व की जानी-मानी प्रतिभाएं एक साथ आएंगी तथा इस बात पर गहन विमर्श करेंगी कि कैसे प्रौद्योगिकी और नवाचार को फिन-टेक उद्योग में इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि समावेशी विकास हो तथा बड़े पैमाने पर सबकी सेवा हो। इस फोरम में 70 से अधिक देश हिस्सा ले रहे हैं।

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