प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजकोट में महात्मा गांधी संग्रहालय राजकोट में आईवे प्रोजेक्ट फेज-2 के तहत सीसीटीवी लगाने के कार्य का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने सवा छह सौ से अधिक आवास का का भी लोकार्पण किया और आवास योजना के कई लाभार्थियों से संवाद भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ”बापू ने हमेशा कहा कि कतार में सबसे गरीब व्यक्ति, सबसे गरीब व्यक्ति के बारे में सोचें, और वंचित लोगों की सेवा करें। इस आदर्श से प्रेरित हम गरीबों की सेवा कर रहे हैं। हमारी पहल के माध्यम से हम अपने जीवन को बदलना चाहते हैं। हम गरीबों के लिए घर बनाना चाहते हैं।”
Bapu always said that think of the last person in the queue, the poorest person, and serve the underprivileged.
Inspired by this ideal we are serving the poor. Through our initiatives we want to transform their lives. We want to build homes for the poor: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 30, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा कि कि पूज्य बापू लोक संग्राहक थे। लोगों से जुड़ जाना और उन्हें जोड़ लेना बापू की विशेषता थी, यह उनके स्वभाव में था। यह उनके व्यक्तित्व की सबसे अनूठी विशेषता के रूप में हर किसी ने अनुभव किया है। उन्होंने कहा, ”गांधी जी जैसे इतिहास पुरुषों के जीवन की सभी समस्याओं और दुविधाओं का समधान है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में बाल्यकाल का बड़ा महत्व है और राजकोट से महात्मा गांधी का बचपन जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि सच्चाई ये है कि राजकोट की धरती ने ही गांधी जी के जीवन को आकार दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी से जुड़ी हर घटना हमारे लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि भारत की युवा पीढ़ी में इतिहास रचने का सामर्थ्य है और ये प्रेरणा हमें इतिहास पुरुषों से मिलती है।
पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात की धरती गौरवान्वित है कि सुदर्शनधारी मोहन और चरखाधारी मोहन ने युगों पर प्रभाव पैदा किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर को मोहन दास करमचंद गांधी के रूप में एक युग ने जन्म लिया था।
उन्होंने कहा कि आज से सौ वर्ष पहले ही महात्मा गांधी ने प्रकृति की रक्षा, प्रेम और सहजीवन के महत्व को बताया था। ये देश पर्यावरण की रक्षा के नाते पूरे विश्व को जो राह दिखा रहा है, ये रास्ता पूज्य बापू ने दिखाया था।
प्रधानमंत्री ने बताया कि दो अक्टूबर को पूज्य बापू को 150वीं जयंती समारोह आरंभ हो रहा है। पूज्य बापू के जीवन में स्वच्छता का बहुत महत्व था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को आजादी और स्वच्छता में कुछ चुनने को कहा जाता तो वे स्वच्छता चुनते। पीएम मोदी ने कहा, ”स्वतंत्रता के बाद से सत्तर वर्षों से अधिक हो गया है लेकिन स्वच्छ भारत का बापू का सपना पूरा नहीं हुआ है। हमें इस सपने को पूरा करना होगा।”
It’s been over seventy years since Independence but Bapu’s dream of a Swachh Bharat remains unfulfilled. Together, we have to fulfil this dream.
In the last four years we have covered significant ground in Swachh Bharat Mission but we must continue to do more: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 30, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हमारे महापुरुषों की इच्छा है कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर हम पूरे देश को स्वच्छता की सौगात दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि WHO की रिपोर्ट कहती है कि स्वच्छता से तीन लाख बच्चों का जीवन बचने की संभावना है।
आपको बता दें कि गांधी जी ने बचपन में जिस स्कूल में अध्ययन किया, उस अल्फ्रेड हाईस्कूल को सरकार ने 26 करोड़ की लागत से म्यूजियम में बदल दिया है। स्वदेश दर्शन प्रोजेक्ट के तहत गांधीजी की बचपन की अल्फ्रेड स्कूल को 26 करोड की लागत से म्यूंजियम का रुप दिया गया है। इसमें राजकोट से जुड़ी गांधीजी की यादें, मल्टीमीडिया मिनी थिएटर, मोशन ग्राफिक्स, थ्रीडी प्रोजेक्शन एवं गांधीजी के जीवन पर बनी मेपिंग फिल्म के जरिए गांधी दर्शन, गांधी लाईब्रेरी के अलावा डिजिटल तकनीक के जरिए गांधी जी के जीवन पर प्रकाश डाला गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी की तरह ही सरदार पटेल के जीवन ने भी गुजरात की भूमि में ही आकार लिया। 31 अक्टूबर को उनकी जयंती है और इस दिन विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा देश को समर्पित की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि सरदार साहब के बारे में दुनिया जाने और पूरे देश की श्रद्धा के प्रतीक बने। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की प्रतिमा में हिंदुस्तान के छह लाख गांवों का माटी, पानी और लोहे लगे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ सबका विकास मंत्र को चरितार्थ करने के लिए पुरुषार्थ चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में एक साथ दो महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। एक तरफ गरीबों के सशक्तिकरण का काम दूसरी ओर देश की आर्थिक उन्नति के लिए सफल प्रयोग। मुद्रा योजना के तहत 13 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं।