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कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से आम लोगों को मिल रही है राहत

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आम लोगों के कल्याण में सदैव तत्पर रहती है। कोरोना वायरस लॉकडाउन के समय समाज के कमजोर वर्गों को लगातार बुनियादी सुविधाएं मिलती रहें, यह सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च, 2020 को 1.70 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की घोषणा की। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को मुफ्त में अनाज देने के साथ नकद भुगतान करने की घोषणा की।

पैकेज के तहत 32 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को डीबीटी के तहत 29 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की नकद सहायता उपलब्ध कराई गई है। इसमें से लगभग 15 हजार करोड़ रुपए पीएम किसान स्‍कीम के तहत सीधे सात करोड़ से अधिक किसानों के खातों में भेजे गए। पीएम जनधन योजना के तहत लगभग बीस करोड़ महिलाओं के खातों में करीब दस हजार करोड़ रुपए भेजे गए। भवन और अन्‍य निर्माण कार्यों में लगे दो करोड़ से अधिक कामगारों के खाते में तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि भेजी गयी। केन्‍द्र सरकार ने लगभग तीन करोड़ दिव्‍यांगजनों, वरिष्‍ठ नागरिकों और विधवा महिलाओं के खाते में एक हजार चार सौ करोड़ रुपए से अधिक भेजे है। इस पैकेज के तहत सरकार ने महिलाओं, गरीब वरिष्‍ठ नागरिकों और अन्‍य लोगों को नि:शुल्‍क अनाज तथा अन्‍य लाभ देने की घोषणा की थी।

इकतीस राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों ने अप्रैल के लिए चालीस लाख टन में से बीस लाख 11 हजार टन अनाज उठाया है। 16 राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों में अप्रैल के लिए एक करोड़ 19 लाख राशन कार्ड के तहत पांच करोड़ 29 लाख लाभार्थियों को दो लाख 65 हजार टन अनाज वितरित किया गया है। विभिन्‍न राज्‍यों के लिए तीन हजार नौ सौ 85 टन दाल भी भेजी गयी है। प्रधानमंत्री उज्‍ज्वला योजना के तहत 97 लाख 80 हजार गैस सिलेंडर भेजे गए हैं।

फि‍नटेक और डिजिटल तकनीक का उपयोग लाभार्थियों को तुरंत और सही ढंग से मदद के लिए किया जा रहा है। डीबीटी के माध्यम से यह तय किया जा रहा है कि राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जमा हो जाए, धनराशि के कहीं और न जाने की गुंजाइश ही न रहे और इसकी प्रभावकारिता बेहतर हो जाए। इससे लाभार्थी के खाते में धनराशि को सीधे डालना भी सुनिश्चित हो गया है और इसके लिए लाभार्थी को बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं रहती है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: अब तक की स्थिति-

  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 32 करोड़ से अधिक गरीबों को 29,352 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता
  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्‍न योजना के तहत 5.29 करोड़ लाभार्थियों को खाद्यान्न का मुफ्त राशन
  • 97.8 लाख मुफ्त उज्ज्वला सिलेंडर वितरित
  • पीएम-किसान की पहली किस्त: 14,946 करोड़ रुपये कुल 7.47 करोड़ किसानों को मिले
  • 19.86 करोड़ महिला जन धन खाता धारकों को 9930 करोड़ रुपये दिए गए
  • 2.82 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और दिव्‍यांगजनों को 1400 करोड़ रुपये लगभग दिए गए
  • 2.17 करोड़ भवन और निर्माण श्रमिकों को 3071 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली
  • ईपीएफओ के 2.1 लाख सदस्यों ने ईपीएफओ खाते से 510 करोड़ रुपये ऑनलाइन निकासी का लाभ लिया

मोदी सरकार ने मार्च के आखिर सप्ताह में कोरोना संकट के उबरने के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। डालते हैं एक नजर-

मोदी सरकार ने दिया 1.70 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज, गरीबों-ज़रूरतमंदों के मिलेगी मदद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच अर्थव्यवस्था और गरीबों की मदद के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गरीब कामगारों के लिए पैकेज का एलान किया है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले कामगारों और गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज तैयार किया गया है। हमारी कोशिश होगी कि गांवों और शहरों में रहने वाला कोई भी गरीब भूखा न सोए। इसके तहत गरीबों को हर महीने 10 किलो का मुफ्त अनाज दिया जाएगा और किसानों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही महिलाओं, बुजुर्गों और कर्मचारियों के लिए भी ऐलान किए गए हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
निर्मला सीतारमण ने बताया कि पीएम गरीब कल्याण धन योजना के तहत किसानों, मनरेगा, गरीब विधवा, गरीब पेंशनधारी और दिव्यांगों, और जनधन अकाउंट धारी महिलाओं, उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाएं, स्वंय सेवा समूहों की महिलाओं और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को मदद दी जाएगी।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
अगले तीन महीने के लिए हर गरीब को अब 5 किलो का अतिरिक्त गेहूं और चावल मिलेगा, यानी कुल 10 किलो का गेहूं या चावल उसे मिल सकेगा। साथ ही उन्हें 1 किलो दाल भी मिलेगी, जिसमें क्षेत्र के मुताबिक लोगों के पसंद की दाल दी जाएगी।

हेल्थ वर्कर्स को मेडिकल इंश्योरेंस
कोरोनावायरस से निपटने में देश के हेल्थ वर्कर्स की अहम भूमिका को समझते हुए सरकार ने गरीबों को अगले तीन महीने के लिए 50 लाख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस कवर देने का फैसला किया है।

किसानों, महिलाओं और बुजुर्गों को भी राहत
अप्रैल के पहले हफ्ते में किसानों के खाते में 2000 रुपए की किस्त डाल दी जाएगी। देश के 8 करोड़ 70 लाख किसानों को इसका लाभ होगा। वहीं बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को 1000 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे।

उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिला लाभार्थियों को लाभ मिलेगा।

इसके अतिरिक्त अगले तीन महीने तक महिला जनधन खाताधारकों को प्रति माह 500 रुपए दिए जाएंगे, जिसका लाभ 20 करोड़ महिलाएं उठा पाएंगी। इसके साथ ही दीनदयाल योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख का लोन दिया जाएगा।

ईपीएफ से निकाल सकेंगे 75% फंड
सरकार 3 महीने तक इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों का पूरा योगदान खुद देगी, यानी ईपीएफ में पूरा 24% योगदान सरकार देगी। जमा रकम का 75% या 3 महीने के वेतन में से जो भी कम होगा, उसे निकाल सकेंगे। इससे 4.8 करोड़ कर्मचारियों को फायदा मिलेगा जो ईपीएफओ के सदस्य हैं। इसके लिए पीएफ रेग्युलेशन में संशोधन भी किया जाएगा।

बढ़ेगी मनरेगा की मजदूरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जो लोग ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत मजदूरी करते हैं, इनकी दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है। प्रति मजदूर को करीब दो हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी, जिसका लाभ 5 करोड़ मजदूरों को मिलेगा।

कंस्ट्रक्शन सेक्टर के वर्कर्स को मिलेगी मदद
राष्ट्र निर्माण में भवन और अन्य निर्माण कार्य से जुड़े 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर, जो लॉकडाउन की वजह से आर्थिक दिक्कतें झेल रहे हैं, इनके लिए सरकार द्वारा 31 हजार करोड़ रुपए का फंड दिया गया है।

आइए 10 बिन्दुओं में समझते हैं मोदी सरकार द्वारा दिए गए राहत पैकेज को –

1- अगले तीन महीने के लिए हर गरीब को अब 10 किलो राशन दिया जाएगा।

2- उज्ज्वला योजना के तहत अगले 3 महीनों के लिए 3 मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।

3- बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को 1000 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे।

4- मनरेगा के तहत मजदूरी करने वाले मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ाई गई।

5- अगले तीन महीने तक महिला जनधन खाताधारकों को प्रति माह 500 रुपए दिए जाएंगे।

6- दीनदयाल योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख का लोन दिया जाएगा।

7- सरकार 3 महीने तक इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों का पूरा योगदान खुद देगी।

8- गरीबों को अगले तीन महीने के लिए 50 लाख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस कवर दिया जाएगा।

9- अप्रैल के पहले हफ्ते में किसानों के खाते में 2000 रुपए की किस्त डाल दी जाएगी।

10- 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर्स के लिए 31 हजार करोड़ रुपए का फंड।

इससे पहले भी मोदी सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच आम जनता की सहूलियत के लिए कई एलान किए थे, आइए एक नजर डालते हैं- 

इनकम टैक्स, जीएसटी रिटर्न सहित PAN लिंक करने की सीमा बढ़ी

सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी गई है। इस अवधि में विलंबित इनकम टैक्स पर ब्याज को 12 फीसदि से घटाकर 9 फीसदि कर दिया है।

TDS जमा करने के लिए समयसीमा नहीं बढ़ाई गई लेकिन ब्याज को 18 फीसदि से घटाकर 9 फीसदि किया गया। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा, जीएसटी रिटर्न कराने सहित PAN Card को Aadhaar से लिंक कराने की भी समयसीमा बढ़ाई गई है।

बैंक कस्टमर्स और कारोबारियों के लिए राहत

वित्त मंत्री ने बताया कि अब तीन महीने तक किसी भी एटीएम से पैसे निकालने पर कोई ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं देना होगा। साथ ही तीन महीने तक मिनिमम बैलेंस को मेंटेन करने में भी छूट दी गई है।

साथ ही सरकार ने पांच करोड़ रुपए से कम के टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए मार्च, अप्रैल और मई का GST रिटर्न और कंपोजिशन रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाकर 30 अप्रैल, 2020 करने का फैसला लिया है। 

कंपनियों को 2 तिमाही तक 60 दिनों की रिलीफ

वित्त मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि ‘सबका विश्वास’ स्कीम से जुड़े विवादों को निपटाने की समयसीमा को बढ़ाकर 30 जून, 2020 किया गया, यह सीमा पहले 31 मार्च, 2020 तक थी। इस दौरान पेमेंट करने पर किसी भी तरह का जुर्माना नहीं देना होगा। वहीं सरकार ने बोर्ड बैठक के लिए कंपनियों को 2 तिमाही तक 60 दिनों की रिलीफ देने का फैसला किया है।

इसके साथ ही मत्सय क्षेत्र के लिए राहत का एलान करते हुए उन्होंने बताया कि मत्स्य पालन के लिए संबंधित 15 अप्रैल तक समाप्त हो रही सैनेट्री आयात मंजूरियों की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ाई गई है।

कंपनियों को बिजनेस शुरू करने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय

वित्त मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि नई कंपनियों को बिजनेस शुरू करने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय दिया गया है। वहीं एक करोड़ रुपए के डिफॉल्ट की स्थिति में ही कंपनी को दिवाला प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।

 

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