राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की निर्मम हत्या ने पूरे देश को हैरान कर दिया है। दो आतंकियों ने इस्लामिक आतंकवाद का जो विभत्स रूप दिखाया है, उससे हिन्दुओं में खौफ और आक्रोश देखा जा रहा है। दरअसल कन्हैया लाल की हत्या राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार के मुस्लिम तुष्टिकरण का परिणाम है। राजस्थान पुलिस ने मुसलमानों को खुश करने के लिए कन्हैया लाल की गिरफ्तारी में चुस्ती दिखाई, लेकिन मुस्लिम कट्टरपंथियों से मिल रही धमकी के बावजूद उसे सुरक्षा देने में नाकाम रही। यहां तक कि हत्या के बाद कांग्रेस के नेताओं के बयानों में मुस्लिम तुष्टिकरण को स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है।
कन्हैया को सुरक्षा देने में नाकाम रही राजस्थान पुलिस
कन्हैया लाल के पोस्ट को लेकर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उदयपुर पुलिस ने कन्हैया लाल को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई। लेकिन कन्हैया लाल को लगातार धमकी मिलती रही। यहां तक की कन्हैया लाल ने रेकी किए जाने और जान पर खतरा होने को लेकर 15 जून, 2022 को पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। कन्हैयाल लाल की गुहार को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। कन्हैया को गिरफ्तार करने में तेजी दिखाने वाली पुलिस ने धमकी देने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने या गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं समझी।
मुस्लिम तुष्टिकरण ने कन्हैया के हत्यारों का बढ़ाया हौसला
पुलिस की निष्क्रियता और कांग्रेस की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति ने मुस्लिम कट्टरपंथियों के हौसलों को और बढ़ा दिया। इसके बाद दो मुस्लिम आतंकियों ने जिस तरह कन्हैया लाल का सरेआम सिर कलम किया, उससे कांग्रेस सरकार और वहां के प्रशासन पर कई सवाल खड़े किए हैं। जब कन्हैया लाल को इस्लामी कट्टरपंथियों की धमकी मिल रही थी, तब पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया क्यों नहीं कराई? धमकी देने वालों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया? या फिर कार्रवाई नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों पर सरकार ने एक्शन क्यों नहीं लिया? पुलिस ने यदि धमकी देने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया होता तो आज शायद कन्हैया लाल जिंदा होता।
कन्हैया हत्याकांड में बयान देने में मुस्लिम तुष्टिकरण
कन्हैया लाल की हत्या के बाद जिस तरह कांग्रेस के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है, वो भी काफी हैरान करने वाला है। कांग्रेस के नेताओं ने अपने बयान में सीधे मुस्लिम कट्टरपंथ को जिम्मेदार बताने से बचने की कोशिश की है। हालांकि अतित में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिनमें कांग्रेस के नेताओं ने हिंसा के लिए सीधे हिन्दुओं को जिम्मेदार बताया। लेकिन कन्हैया लाल हत्याकांड में कांग्रेस का मुस्लिम प्रेम फिर उजागर हो गया है। आइए देखते हैं किस तरह कांग्रेस नेताओं ने इस हत्याकांड में मुस्लिम तुष्टिकरण का खेल खेला है…
कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टिकरण : मुस्लिम शब्द से बचे गहलोत
उदयपुर में हुई घटना बहुत ही दुःखद है और उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है, बहुत चिंता वाली बात है कि इस प्रकार से मर्डर करना किसी का ये बहुत ही दुःखद भी है, शर्मनाक भी है। मैं समझता हूं कि माहौल ठीक करने की आवश्यकता भी है। पूरे देश के अंदर तनाव का माहौल बन गया है। pic.twitter.com/BOi3zfo1bF
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 28, 2022
कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टिकरण : मुस्लिम शब्द से बचे राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में त्रिपुरा में हुए सांप्रदायिक वारदातों पर लिखा था कि त्रिपुरा में हमारे मुसलमान भाइयों पर क्रूरता हो रही है। हिंदू के नाम पर नफ़रत व हिंसा करने वाले हिंदू नहीं, ढोंगी हैं। सरकार कब तक अंधी-बहरी होने का नाटक करती रहेगी? लेकिन कन्हैया लाल हत्याकांड में राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहीं भी मुस्लिम शब्द का जिक्र नहीं किया।
In fake case in Tripura & other cases , Rahul Gandhi identifies it as “Hindu” terror / Hindu Hate
In Udaipur there is votebank error ?? Secular error? No mention here ? pic.twitter.com/E5qPn9euU4
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) June 28, 2022
कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टिकरण : मुस्लिम शब्द से बचीं प्रियंका वाड्रा
उदयपुर में घटी हिंसक घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
धर्म के नाम पर नफरत, घृणा व हिंसा फैलाने वाले मंसूबे हमारे देश व समाज के लिए घातक हैं।
हमें मिलकर शांति व अहिंसा के प्रयासों को मजबूत करना होगा।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 28, 2022