प्रधानमंत्र नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार ने अग्निपथ योजना को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। इसके तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल की भर्ती में ‘अग्निवीरों’ को वरीयता दी जाएगी और उनके लिए 10 प्रतिशत रिक्तियों को आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा दोनों बलों में भर्ती के लिए अग्निवीरों को ऊपरी आयु सीमा से 3 वर्ष की छूट दी गई है। अग्निवीर के पहले बैच के लिए आयु में अधिकतम आयु सीमा से 5 वर्ष की छूट होगी। गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी है।
गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) June 18, 2022
अग्निपथ योजना के तहत तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गई है। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पिछले दो वर्षों के दौरान कोरोना महामारी की वजह से भर्ती करना संभव नहीं हुआ, सरकार ने फैसला किया है कि 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती प्रक्रिया के लिए एकबारगी (आयु सीमा में) छूट दी जाएगी।’उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत 2022 की भर्ती प्रक्रिया के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय सशत्त्र पुलिस बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। सीएपीएफ का काम आतंकवादियों, विद्रोहियों और नक्सलियों से मुकाबला करने और चुनावों को सुचारू रूप से संचालन में भूमिका निभाता है। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को विशेष रूप से सीमाओं पर आतंकियों और विद्रोहियों से निपटने का काम सौंपा गया है। सीएपीएफ के अंतर्गत पांच सुरक्षा बल BSF, CRPF, CISF, और SSB आते हैं।
असम राइफल्स को देश का सबसे पुराना पुलिस बल माना जाता है। इसका गठन साल 1835 में किया गया था। पहले इसका नाम कछार लेवी था। इसे जनजातीय लोगों से ब्रिटिश बस्तियों और चाय बगानों की सुरक्षा के लिए गठित किया गया था। कछार लेवी के नाम से शुरुआत में गठन करने के बाद साल 1971 में इसका नाम असम राइफल्स कर दिया गया था। इसका मुख्यालय शिलांग में है। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की आंतरिक सुरक्षा के साथ भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा की भी दोहरी जिम्मेदारी निभाता है।