निधन के बाद भी विपक्षी नेता पूर्व रक्षामंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर को लेकर झूठी बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे। इससे परेशाान होकर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने शरद पवार को एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उत्पल पर्रिकर ने लिखा है कि राजनीतिक लाभ के लिए मेरे पिता का नाम लेकर झूठ मत बोलिए।
बता दें कि शरद पवार ने कहा था कि मनोहर पर्रिकर राफेल डील से सहमत नहीं थे, इसलिए उन्होंने रक्षामंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। पवार को नसीहत देते हुए उत्पल पर्रिकर ने खत में लिखा है, ‘यह मेरे पिता के नाम का इस्तेमाल करके झूठ फैलाकर राजनीतिक लाभ लेने की एक और दुर्भाग्यपूर्ण कोशिश है। आपसे निवेदन है कि ऐसा आचरण बंद करें।’
Former Goa CM Manohar Parrikar’s son Utpal Parrikar writes to NCP’s Sharad Pawar over his remark on Manohar Parrikar, states, “This is yet another unfortunate attempt to invoke my father’s name to push blatant falsehoods for political gains. Urge you to desist from such conduct.” pic.twitter.com/7fH68VOZur
— ANI (@ANI) April 15, 2019
शरद पवार ने कोल्हापुर में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा था, ‘मनोहर पर्रिकर को राफेल सौदा स्वीकार नहीं था। इसलिए उन्होंने रक्षा मंत्री का पद छोड़ दिया और गोवा लौट गए।’ उल्लेखनीय है कि विपक्षी पार्टियां विशेषकर कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार पर राफेल डील में गड़बड़ी के आरोप लगा रही है।
कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दावा किया था कि पर्रिकर ने उनसे मुलाकात के दौरान कहा था कि राफेल डील के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और वह उस प्रक्रिया में शामिल नहीं किए गए थे। हालांकि, अगले दिन पर्रिकर ने चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी के इस बयान को पूरी तरह से खारिज कर दिया था और कहा था कि एक बीमार इंसान से मुलाकात के बहाने वह राजनीतिक हित साधने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले शनिवार को उत्पल ने कहा कि उनके पिता के बारे में बुरा कहना फैशन बन गया है और उनकी विचारधारा को लेकर हवा में बातें कही जा रही हैं। उत्पल गोवा सुरक्षा मंच के संस्थापक सुभाष वेलिन्गकर उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि पर्रिकर भद्र पुरूष तो थे लेकिन राजनीतिक व्यक्ति नहीं थे.
नवंबर, 2014 में रक्षा मंत्री पद संभालने वाले परिकर 2017 में दोबारा गोवा लौटे थे और 14 मार्च को चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री पद पर शपथ ली थी। करीब एक साल तक पेंक्रियाज कैंसर से लड़ने के बाद परिकर का इस साल 17 मार्च को निधन हो गया था।