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राम मंदिर का विरोध करने वाले मणिशंकर अय्यर ‘मुगल प्रेम’ में इतने अंधे हुए कि उनके अत्याचारों को भी खारिज कर दिया

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अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का पाकिस्तान प्रेम तो जगजाहिर है। अब उनका ‘मुगल प्रेम’ भी सामने आ चुका है। वे कांग्रेस के कार्यक्रम में मुगलों की तारीफ में कसीदे पढ़ते नजर आ रहे हैं। उन पर मुगल प्रेम इतना हावी हो चुका है कि रविवार (14 नवंबर, 2021) को नेहरू जयंती पर कांग्रेस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुगल शासन में हुए अत्याचारों की बातों को भी खारिज कर दिया। साथ ही मुगलों को देशप्रेमी बता दिया। उन्होंने दावा किया कि मुगलों ने कभी देश में धर्म के नाम पर अत्याचार नहीं किया। उन्होंने इस देश को बनाया।

“मुगलों को अपना समझते हैं, गैर नहीं” 

मणिशंकर अय्यर ने बाबर की तारीफ कहते हुए कहा कि बाबर ने अपने बेटे हूमायूं को चिट्ठी लिखी थी जिसमें हिंदुस्तान के लोगों के धर्म में किसी तरह का दखल ना देने की बात कही थी। यही वजह है कि अकबर के शासन में धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं होता था। वो आगे कहते हैं, “अकबर ने इस देश में पचास साल तक राज किया। दिल्ली में एक सड़क है, जहां कांग्रेस दफ्तर है, वह अकबर रोड पर है। हमें अकबर रोड से कोई ऐतराज नहीं। हम अकबर को अपना समझते हैं और हम उन्हें गैर नहीं समझते थे।”

धर्मांतरण के दावे को नकारा

मणिशंकर अय्यर ने कहा कि1872 में अग्रेजों ने पहली जनगणना करवाई। उससे पता लगा कि 666 साल राज करने के बाद, मुसलमानों का तादात भारत में 24 प्रतिशत थी। हिंदुओं की आबादी 72 प्रतिशत थी। कहते हैं कि मुगलों ने मारपीट की, लड़कियों का बलात्कार किया। धर्म परिवर्तन कराया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर मुगल धर्मपरिवर्तन करवाते तो आंकडे उल्टे होने चाहिए थे। 24 प्रतिशत हिंदू होते और 72 प्रतिशत मुसलमान।

‘जिन्ना जी’ कह कर किया संबोधित

आजकल देश में जिन्ना प्रेमियों की तादाद बढ़ती जा रही है। इसमें मणिशंकर यय्यर के रूप में एक और जिन्ना प्रेमी की बढ़ोतरी हो गई। जिन्ना को आदर देते हुए मणिशंकर ने कहा कि पाकिस्तान बनने से पहले जिन्ना जी की एक ही मांग थी कि मुसलमानों को संसद में 30 प्रतिशत आरक्षण दीजिए, लेकिन तब यह कहते हुए आरक्षण देने से इनकार कर दिया गया कि मुसलमानों की तादाद 26 प्रतिशत है।

हिन्दू धर्म और हिन्दुत्व में अंतर का समर्थन

अय्यर ने कहा कि राहुल जी ने हाल में दो-तीन दिन पहले ये कहा कि हिन्दू धर्म और हिन्दुत्व में अंतर है। मैं उसके साथ जोड़ना चाहता हूं कि अंतर ये है कि हम जो हिन्दू धर्म पर विश्वास करते हैं। हम 100 प्रतिशत भारतीय हैं। हम सारे जो इस देश के बाशिंदे हैं, हम उनको भारतीय समझते हैं और चंद लोग हैं हमारे बीच में जो आज के दिन सत्ता में हैं, जिनका कहना है कि नहीं, 80 प्रतिशत भारतीय, जो कि 80 हिन्दू धर्म को मानते हैं, वही हैं असली भारतीय।

यह पहला मौका नहीं था, जब मणिशंकर अय्यर का मुस्लिम प्रेम सर चढ़कर बोल रहा था, बल्कि इससे पहले कई बार इस प्रेम का सार्वजनिक तौर पर इजहार कर चुके हैं। आइए देखते हैं मणिशंकर अय्यर ने कब-कब मुस्लिम परस्ती, हिन्दू और मोदी विरोधी होने का सबूत दिया है…

मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम पर उठाया सवाल 

दिल्ली में जनवरी 2019 में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मणिशंकर अय्यर ने राम जन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर बनाने के प्रयास के खिलाफ बयान दिया था और भगवान राम पर सवाल उठाया था। उन्होंंने कहा था, ‘हम कहते हैं अगर आप चाहते हैं तो अयोध्या में राम मंदिर जरूर बनाइए। लेकिन आप यह कैसे कह सकते हैं कि मंदिर वहीं बनाएंगे। मंदिर वहीं बनाएंगे का क्या मतलब है। दशरथ एक बहुत बड़े महाराजा थे। कहा जाता है कि उनके महल में 10 हजार कमरे थे। कौन जानता है कि कौनसा कमरा कहां था? इसलिए यह कहना कि हम सोचते हैं कि भगवान राम यहीं पैदा हुए थे, इसलिए यहीं मंदिर बनाना है। क्योंकि यहां एक मस्जिद है, पहले इसे हम तोड़ेंगे और इसकी जगह हम मंदिर बनाएंगे। क्या एक हिन्दुस्तानी के लिए अल्लाह में भरोसा रखना गलत चीज है।’

आईएसआईएस का समर्थन करने वाले मंच से भगवान राम पर उठाया सवाल  

मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम की जन्मस्थली पर सवाल उठाने के लिए जिस SDPI के मंच को चुना, वो खुलेआम आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का समर्थन करता है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया विवादास्पद संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का राजनीतिक संगठन है। इसी ने एक शाम, बाबरी मस्जिद के नाम कार्यक्रम आयोजित किया था। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया केरल में खुलकर ना केवल लव जिहाद को समर्थन देता है बल्कि उसका नाम दक्षिण भारत में आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या की साजिश रचने में भी आया है। इसकी हरकतों को देखते हुए एनआईए ने इसके खिलाफ जांच भी की। इससे समझ में आ जाता है कि मणिशंकर और कांग्रेस किस तरह हिन्दू विरोधियों का साथ दे रहे हैं। 

अय्यर ने फिर दिया था पीएम मोदी के खिलाफ बयान

मणिशंकर अय्यर ने दोबारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ टिप्‍पणी की थी। अय्यर ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि मैंने नहीं सोचा था कि 2014 से एक सीएम जो मुसलमानों को पिल्ला समझता है, वह प्रधानमंत्री बनेगा। जब उनसे पूछा गया कि आपको उस घटना का दुख है तो उन्होंने कहा था कि एक पिल्ला भी गाड़ी के नीचे आ जाए तो दिल में चोट लगती है। मैंने सोचा कि जिस आदमी ने ऐसा कहा, जो दंगों के 24 दिन तक मुस्लिमों के कैंप में नहीं गया। अहमदाबाद मस्जिद उस दिन पहुंचा जब पीएम वाजपेयी आए। उस दिन जाना मजबूरी थी। मैंने सोचा ही नहीं था कि ऐसा व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।

मणिशंकर अय्यर के बिगड़े बोल

*2017 में मणिशंकर अय्यर ने कहा कि हथियार उठाकर गलत नहीं करते कश्मीरी युवक, भाजपा के लोग उन्हें मजबूर करते हैं।

*2015 में अय्यर ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को मजबूत करने के लिए मोदी को हटाना होगा, नहीं तो वार्ता आगे नहीं बढ़ेगी।

*2014 में अय्यर ने कहा कि मैं आपसे वादा करता हूं कि 21वीं सदी में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री कभी नहीं बन पाएंगे, लेकिन अगर वो यहां आकर चाय बेचना चाहते हैं, तो हम उन्हें इसके लिए जगह दिला सकते हैं।

* मार्च 2013 को जब नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी को ‘दीमक’ बुलाया तो अय्यर ने कहा, मोदी ने हमें दीमक बुलाया है, तो मैं तो कहता हूं कि वो एक सांप हैं, बिच्छू हैं।

* दिसंबर 2013 में अय्यर ने नरेंद्र मोदी को ‘जोकर’ बताया और कहा, चार-पांच भाषण देकर उन्होंने बता दिया है कि कितने गंदे-गंदे शब्द उनके मुंह में हैं।

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