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किस डर से ममता बनर्जी ने दिया ‘भाजपा भारत छोड़ो’ का नारा ? जानिये…

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भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर जब देश स्वतंत्रता संघर्ष के नायकों को नमन कर रहा था तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘भाजपा भारत छोड़ो’ का नारा लगा रहीं थीं। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को नष्ट करने, धर्मनिरपेक्षता पर खतरे और देश बांटने वाली राजनीति का आरोप लगाया है। दरअसल लोकतांत्रिक राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तो मान्य हैं, लेकिन भाजपा के प्रति आखिर ममता बनर्जी इतना ‘बैर’ क्यों रखती हैं? क्या वो जो कह रही हैं यही कारण है भाजपा विरोध का? क्या वाकई में ममता बनर्जी धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रही हैं, या फिर सच कुछ और है?

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…ताकि भ्रष्टाचारियों पर न आए आंच
ममता बनर्जी के नारे ‘भाजपा भारत छोड़ो’ की मुहिम में कौन-कौन शामिल हो सकते हैं इनके नाम सुनेंगे तो सारा माजरा समझ आ जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि ममता की इस मुहिम में नेशनल हेरल्ड घोटाले में घिरीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, जमीन घोटाले में फंसे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, सजायाफ्ता चारा चोर लालू यादव, आय से अधिक संपत्ति मामले में आयकर विभाग के राडार पर रहीं मायावती, दिल्ली के विवादास्पद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे लोग हिस्सा हो सकते हैं। स्पष्ट है कि ये ऐसे नाम हैं जिनकी राजनीति ही सिर्फ ‘मोदी विरोध’ के नाम पर चल रही है। लेकिन इन्हें आखिर पीएम मोदी से डर क्यों लगता है? जानिये…

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…ताकि घोटालों से न उठे पर्दा
खुद ममता बनर्जी पर कई घोटालों के दाग हैं। नारदा, शारदा और रोजवैली स्कैम में उनपर आम लोगों के सैकड़ों करोड़ रूपये इधर से उधर करने के आरोप हैं। इन सभी मामलों की जांच चल रही है। ये जांच अदालतों की अगुवाई में केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। ममता सरकार के कई पूर्व मंत्री और टीएमसी नेता इन्हीं मामलों में सलाखों के पीछे डाले जा चुके हैं। बस यही मामले ममता की कमजोर कड़ी हैं। वो जानती हैं की पीएम मोदी के रहते भ्रष्टाचार के किसी भी मामले को दबाना नाममुकिन है। उन्हें लगता है कि निष्पक्ष जांच होने पर तो उन्हें भी जेल जाना पड़ सकता है।

…ताकि भतीजे को बचा सकें
ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक पर घोटाले के आरोप हैं। उनकी कंपनी ‘लीप्स ऐंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड’ को राज किशोर मोदी नाम के एक शख्स ने भुगतान किया। बताया जा रहा है कि राज किशोर मोदी जमीन की सौदेबाजी का काम करता है। उसपर जमीन हथियाने और हत्या की कोशिश में शामिल होने जैसे आपराधिक आरोप हैं और उसके खिलाफ जांच भी चल रही है। कागजातों से पता चलता है कि राज किशोर ने लीप्स ऐंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड में डेढ़ करोड़ रुपयों से ज्यादा का निवेश किया। आरोप है कि अभिषेक जब इस कंपनी के डायरेक्टर थे, तब उन्हें कमिशन भी दिया गया था।

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…ताकि बची रहे ममता की साख
अभिषेक बनर्जी के मामले में ममता बनर्जी के लिए कई चीजें परेशानी का कारण बन सकती हैं। अभिषेक की कंपनी के निदेशक, जिनमें अभिषेक की पत्नी भी शामिल हैं, मुख्यमंत्री बनर्जी के आधिकारिक निवास ’30 बी, हरिश चटर्जी रोड, कोलकाता’ में रहते हुए दिखाए गए हैं। बताया गया है कि ये सभी CM आवास में ही रहते हैं। यह कागजात अभिषेक पर लग रहे आरोपों को ममता के करीब ले आया है। अभिषेक 2014 में सांसद बने। इससे पहले तक वह ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री आवास में ही रह रहे थे। सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी ‘लीप्स ऐंड बाउंड्स’ के निदेशक पद से इस्तीफा दिया था।

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…ताकि फर्जी कंपनियों पर न हो कार्रवाई
पश्चिम बंगाल की सबसे अधिक कंपनियां मुखौटा कंपनियों के खिलाफ की जा रही जांच के घेरे में हैं। आयकर विभाग और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआइओ) ने कुल 331 संदिग्ध मुखौटा कंपनियों की सूची भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जांच के लिए भेजी है। इनमें कम से कम 145 कंपनियां कोलकाता में रजिस्टर्ड हैं और 127 कंपनियां गंभीर जांच के घेरे में हैं। कहा जा रहा है कि इन फर्जी कंपनियों में से कई के तार सत्ताधारी दल से जुड़े हैं। बहरहाल पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शेयर बाजारों से इन कंपनियों के कारोबार पर रोक लगाने की सिफारिश की है। विभिन्न विभागों और एजेंसियों द्वारा दस्तावेजों के आधार पर इन कंपनियों के खिलाफ संदेह जताया गया है।

… ताकि भाजपा की न हो बढ़त
पिछले तमाम चुनावों का ग्राफ देखें तो लगता है कि राज्य में बीजेपी का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता जा रहा है। राज्य की जनता ने ममता को जिन वामपंथियों और कांग्रेसियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाला समझा था, वो अब उन्हीं की दोस्त बन गई हैं। जनता की नजरों में चोर-चोर मौसेरे भाई वाली स्थिति बन गई है। इसका परिणाम हुआ है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी ही एकमात्र विपक्ष की तरह दिख रही है। टीएमसी-कांग्रेस-लेफ्ट का अघोषित गठबंधन है, ये बात वहां की जनता भलि-भांति समझ चुकी है। भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण के कारण उनकी राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है इसीलिए वो भाजपा को ही अपना मुख्य विरोधी मानने लगी हैं।

… ताकि रोके न जा सके फर्जीवाड़े
भारत में बीते तीन साल में दो करोड़ 33 लाख फर्जी राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं, जिससे सरकार को हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है। लेकिन हैरत वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा फर्जी राशन कार्ड ममता बनर्जी के ही पश्चिम बंगाल से ही पकड़े गए हैं। 66 लाख 13 हजार 961 फर्जी राशन कार्ड पश्चिम बंगाल में पकड़े गए हैं और वे सभी के सभी अवैध बांग्लादेशियों के नाम पर हैं। अरबों रुपये का ये घोटाला पश्चिम बंगाल में सरकार के नाक के नीचे चल रहा था, या यूं कहिए कि सरकार की शह पर हो रहा था। एक सच यह भी है कि ये सारे फर्जी राशन कार्ड अवैध बांग्लादेशियों के हैं जो फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनवाकर भारत का नागरिक बन गए हैं। जाहिर है अब आप समझ गए होंगे कि ममता के भाजपा विरोध का सच क्या है।

…ताकि होता रहे मुस्लिमों का तुष्टिकरण
एक मुसलमान को तारकेश्वर मंदिर ट्रस्ट का चेयरमैन बनाना, एक फेसबुक पोस्ट के लिए नाबालिग को जेल में डाल देना, हिंदुओं के पर्व-त्योहारों में जुलूस निकालने पर पाबंदी, बशीरहाट में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर खामोशी जैसे तमाम उदाहरण हैं जो ममता को कठघरे में खड़ा करते हैं। इसके साथ ही ममता बनर्जी द्वारा कई मौकों पर हिंदुओं के विरुद्ध किए जाने वाले कार्य साबित करते हैं कि ममता बनर्जी मुस्लिमों का समर्थन करती हैं और हिंदुओं का वे घोर विरोधी हैं। वरना किसी भी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में धर्म के आधार पर भेद नहीं किया जाता है लेकिन ममता भारत के संविधान की आत्मा पर भी आघात करती हैं और बहुसंख्यक आबादी को पश्चिम बंगाल में दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रखा है।

… ताकि चलता रहे अवैध पशु बाजार
पश्चिम बंगाल और बांगलादेश की सीमा से सटे जिलों -उत्तरी 24 परगना, मुर्शीदाबाद और मालदा—में पशुओं को बेचने और खरीदने वाले पांच गैरकानूनी पशु हाट मौजूद हैं। उत्तरी 24 परगना के कटीहाट एवं पंचपोटा के हाट, मुर्शिदाबाद के कृषनपुर व दुलियां के हाट और मालदा का पाकुआ हाट, अंतरराष्ट्रीय सीमा से आठ किलोमीटर की दूरी के अंदर ही मौजूद हैं, जो देश के कानून और स्वयं राज्य सरकार के 2003 के शासनादेश के खिलाफ हैं। ये आठ किलोमीटर का क्षेत्र सीमा सुरक्षा बल की निगरानी क्षेत्र में आता है लेकिन सभी पशु हाट राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
अब जब ममता बनर्जी कानून और नियमों को ताक पर रखते हुए, इन पशु हाटों को हटाने को नहीं तैयार हैं।

… ताकि बढ़ती रहे मुस्लिम आबादी
आंकड़े बताते हैं कि राज्य में हिंदुओं की जनसंख्या घटती जा रही है, जबकि मुस्लिमों की जनसंख्या विस्फोटक रूप से बढ़ती जा रही है।

  • 1947 में हिंदुस्तान के विभाजन के समय, बांग्ला बोलने वाले मुस्लिमों में कुछ भारत के हिस्से में रह गए और बाकी आज के बांग्लादेश के हिस्से में आए।
  • 1947 में पश्चिम बंगाल में 12 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या थी।
  • अभी राज्य में मुस्लिमों की संख्या बढ़कर 27 प्रतिशत के पार पहुंच गई है।
  • 1947 में आज के बांग्लादेश में 27 प्रतिशत हिंदू थे।
  • आज बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसंख्या घटकर 8 प्रतिशत रह गई है।

… ताकि बन जाए एक और बांग्लादेश
ममता बनर्जी के शासनकाल में पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को अपने धार्मिक रीति-रिवाज, पर्व-त्योहार मनाने तक की स्वतंत्रता नहीं रह गई है। हाल के वर्षों में ममता सरकार ने हिंदुओं के खिलाफ कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे लगता है कि अपने ही देश के भीतर बहुसंख्यकों को अपनी पूजा-पद्धति और संस्कार बचाने के लाले पड़ गए हैं। इसका तात्कालिक और सबसे बड़ा उदाहरण कोलकाता में रामनवमी की पूजा के लिए अनुमति नहीं मिलना है। हाल के वर्षों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें देखा गया है कि पश्चिम बंगाल में भारत विरोधी ताकतें बहुत तेजी से सक्रिय हैं। ऐसा नहीं है कि राज्य सरकार को इन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की भनक नहीं है। वो सबकुछ जानते-समझते हुए भी सच्चाई से आंखें मूंदे हुए है।

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