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LED से रोशन होंगे सभी रेलवे स्टेशन

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार लोगों को सस्ता और सुलभ बिजली उपलब्ध कराने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में सरकार ने 31 मार्च, 2018 तक सभी रेलवे स्टेशनों को पूरी तरह से एलईडी से रोशन करने की योजना बनाई है। यह कम बिजली खपत वाली बिजली व्‍यवस्‍था प्रदान करने की दिशा में एक प्रमुख पहल है, जिससे आगे चलकर पर्यावरण संरक्षण में भी काफी मदद मिलेगी।

LED से होगी बिजली और धन की बचत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिजली और धन की बचत के लिए एलईडी लाइटों के इस्तेमाल पर जोर देते रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे मंत्रालय ने भी 31 मार्च, 2018 तक सभी रेलवे स्टेशनों को पूरी तरह से एलईडी लाइटोंं से रोशन करने की योजना बनाई है। इससे कुल ऊर्जा के लगभग 10 प्रतिशत की खपत कम हो जाएगी। साथ ही लगभग 240 मिलियन यूनिट बिजली की बचत होगी, जिससे रेलवे को हर साल लगभग 180 करोड़ रुपये की बचत होगी।

रेलवे मंत्रालय के अनुसार नवम्‍बर, 2017 तक लगभग 3500 रेलवे स्‍टेशनों पर एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी हैं और बाकी बचे सभी रेलवे स्‍टेशनों तथा रेलवे की विभिन्‍न इमारतों पर भी एलईडी लाइटें लगाने का काम चालू वित्‍त वर्ष में पूरा हो जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत अब तक विभिन्‍न जोनल रेलवे के स्‍टेशनों पर लगभग 20 लाख एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी हैं।

सड़कें हो रही हैं उजाला
प्रधानमंत्री मोदी ने 5 जनवरी, 2015 को 100 शहरों में पारंपरिक स्ट्रीट और घरेलू लाइट के स्थान पर LED लाइट लगाने के कार्यक्रम की शुरूआत की थी। इस राष्ट्रीय स्ट्रीट लाइटिंग कार्यक्रम (NSLP) का उद्देश्य 1.34 करोड़ स्ट्रीट लाइट के स्थान पर LED लाइट लगाना है। अब तक देशभर में पुरानी लाइट्स बदलकर 21 लाख नए LED लाइट लगाई जा चुकी हैं। इससे 29.5 करोड़ इकाई KWH बिजली की बचत हुई है। यही नहीं भारी मात्रा में LED बल्बों की खरीद होने के चलते उसकी कीमत भी 135 रुपये के बजाय 80 रुपये प्रति बल्ब बैठ रही है।

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना

1 अप्रैल, 2015 की स्थिति के अनुसार देश के 18,452 गांवों में बिजली नहीं थी, लेकिन मई 2017 तक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत 13,511 गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है। इस योजना के तहत गांवों में बिजली की आपूर्ति दो फीडरों के माध्यम से होती है, जिसमें एक फीडर कृषि के लिए और दूसरी फीडर गाँव के घरों के लिए होती है।

सौभाग्य योजना: देश का हर घर होगा रोशन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2017 को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ‘सौभाग्य’ की शुरुआत की। इसके तहत मार्च 2019 तक सभी घरों को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना का फायदा उन लोगों को मिलेगा जो पैसों की कमी के चलते अभी तक बिजली कनेक्शन हासिल नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत हर घर को रोशनी में समेट कर प्रगति के पथ पर ले जाना है। इस योजना पर 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा। यह उन चार करोड़ परिवारों के घर में नयी रोशनी लाने के लिए है जिनके घरों में आजादी के 70 साल के बाद भी अंधेरा है।

UDAY से देश का भाग्योदय

देश की बिजली वितरण कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति में सुधार करके उनको पटरी पर लाने के लिए Ujwal DISCOM Assurance Yojana (UDAY) लागू किया गया। सभी घरों को 24 घंटे किफायती एवं सुविधाजनक बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना ही इस योजना का मूल उद्देश्य है। यह योजना 20 नवंबर, 2015 से शुरू की गई । इससे विरासत में मिली 4.3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की समस्या का मोदी सरकार ने स्थायी समाधान निकाल लिया। आज देश के सभी राज्य इस योजना से जुड़ चुके हैं।

जनवरी 2017 में UDAY वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन की शुरुआत भी की गई। इसे विभिन्न राज्यों के DISCOM में हो रहे कार्यों और वित्तीय स्थिति पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है। इसका काम डाटा को राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर में एकीकृत करके रखना है। इससे केन्द्रीय मंत्रालय स्तर पर DISCOM के काम पर निगरानी रखना आसान हो गया है। जिससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिला है, और गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।

ऊर्जा क्षेत्र की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने कई योजनाएं लागू की, जिसका फायदा अब देश को मिल रहा है। आज एलईडी लाइटें ऊर्जा बचत का प्रमुख माध्यम बन चुकी है। सरकार भी इसके उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी दे रही है, जिसके कारण लोगों में इसके प्रति आकर्षण बढ़ा है। 

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