इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन ने भारत की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुक्रिया कहा है। केविन पीटरसन ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन से प्रभावित अफ्रीकी देशों की मदद पर भारत की तारीफ की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टैग करते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि भारत ने एक बार फिर वो संवेदना दिखाई। सबसे शानदार देश जहां तमाम नेक दिल लोग रहते हैं। थैंक्यू, नरेन्द्र मोदी!
That caring spirit once again shown by India!
The most fabulous country with so many warm hearted people!
Thank you!
cc @narendramodi ?? https://t.co/r05631jNBD— Kevin Pietersen? (@KP24) November 29, 2021
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार उन सभी अफ्रीकी देशों की मदद के लिए तैयार है जो इस समय ओमिक्रोन वेरिएंट से लड़ रहे हैं, इसमें मेड इन इंडिया वैक्सीन की सप्लाई भी शामिल है। असल में अफ्रीकी देशों में इन दिनों कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के सामने आने के बाद कई देशों में यहां आने-जाने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है। ऐसे में भारत ने आगे आकर अफ्रीकी देशों की मदद की है। इसी को लेकर अफ्रीकी मूल के पीटरसन ने भारत और प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की है। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत अफ्रीकी देशों में मेड इन इंडिया वैक्सीन, जरूरी दवाइयां, टेस्ट किट, पीपीई किट्स और वेंटिलेटर सहित दूसरे मेडिकल सामान सप्लाई करने को तैयार है। भारत ने अभी तक अफ्रीका में 41 देशों को 2.5 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की सप्लाई की है। जिसमें करीब 16 देशों को 1 करोड़ डोज मदद के रूप में और 33 देशों को कोवैक्स के जरिए 1.6 करोड़ डोज शामिल है।
केविन पीटरसन ने इसके पहले भी फरवरी, 2021 में अफ्रीका को वैक्सीन भेजने पर भारत की तारीफ करते हुए लिखा कि भारत की उदारता और दयालुता लगातार बढ़ती जा रही है। प्यारा देश।
Indian generosity and kindness grows more and more every single day.
The beloved country! ??— Kevin Pietersen? (@KP24) February 2, 2021
आइए देखते हैं इससे पहले किन व्यक्तियों, संगठनों और देशों ने भारत के कोरोना टीकाकरण अभियान की तारीफ की है…
विश्व बैंक के अध्यक्ष ने की टीकाकरण अभियान की तारीफ
भारत कोरोना टीकाकरण अभियान की तेज रफ्तार से रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल कर रहा है, वहीं कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट आ रही है और तीसरी लहर की आशंका कम करने में कामयाबी मिली है। इसे देखकर वर्ल्ड बैंक तक आश्चर्यचकित है। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने कोरेना महामारी के खिलाफ सफल टीकाकरण अभियान के लिए भारत की जमकर तारीफ की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात में डेविड मालपास ने टीका उत्पादन और वितरण में भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। मालपास ने कहा कि कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान में भारत ने बेहतर काम किया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने की मोदी सरकार के प्रयासों की तारीफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भी कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार के प्रयासों की खूब सराहना की। आईएमएफ ने कहा कि महामारी के खिलाफ जंग में भारत ने तेजी से मजबूत कदम उठाए। साथ ही उसने अपने श्रम सुधारों और निजीकरण की प्रक्रिया को भी जारी रखा। आईएमएफ ने कहा कि महामारी से निपटने का तरीका त्वरित और संतोषजनक था। सरकार ने समाज के संवेदनशील तबकों को वित्तीय समर्थन दिया। मौद्रिक नीति को उदार किया गया, तरलता के प्रावधान किए गए और नियामकीय नीतियों को सरल किया गया।
वैक्सीन भेजने पर बारबाडोस की पीएम ने की पीएम मोदी की तारीफ
बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया मोटली ने कोरोना वैक्सीन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की। मिया मोटली ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वैक्सीन मैत्री के तहत कोविशिल्ड का पहला डोज भेजकर उदारता का वास्तविक प्रदर्शन किया है। आपके कारण बारबाडोस में 40 हजार और अन्य जगहों पर हजारों लोगों का टीकाकरण संभव हो पाया है। धन्यवाद के साथ हम आपके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
PM Modi @narendramodi made it possible for more than 40K persons in Barbados and tens of thousands elsewhere, to receive their 1st dose of COVISHIELD via #VaccineMaitri before receiving his. A genuine demonstration of generosity. Thank you and we wish you continued good health. https://t.co/1z1QGo6xQf
— Mia Amor Mottley (@miaamormottley) March 3, 2021
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा- आपकी वजह से 60 देशों में टीकाकरण
कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भारत की भूमिका को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की। गेब्रेयसस ने प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन इक्विटी को सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि COVAX के प्रति आपकी प्रतिबद्धता और कोरोना वैक्सीन की खुराक को साझा करने से 60 से अधिक देशों को अपने स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य प्राथमिकता समूह का टीकाकरण शुरू करने में मदद मिल रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि बाकी देश भी आपके इस उदाहरण को फॉलो करेंगे।
Thanks ?? & Prime Minister @narendramodi for supporting #VaccinEquity. Your commitment to #COVAX and sharing #COVID19 vaccine doses is helping 60+ countries start vaccinating their #healthworkers and other priority groups. I hope other countries will follow your example.
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) February 25, 2021
यूएन ने भारत को बताया ग्लोबल लीडर
कोरोना संकट काल में दुनिया भर को वैक्सीन उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका निभाने पर संयुक्त राष्ट्र ने भी भारत की जमकर तारीफ की। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि कोरोना संकटकाल में भारत एक ग्लोबल लीडर के तौर पर सामने आया है। भारतीय नेतृत्व के मानवीय दृष्टिकोण और वैक्सीन की सहायता पर आभार जताते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा कि कोरोना की जंग में भारत ने ग्लोबल लीडर की भूमिका निभाई है।
कोरोना वैक्सीन संजीवनी बूटी पाकर धन्य हुए ब्राजील के राष्ट्रपति
भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की 20 लाख खुराक पाकर खुश ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने कोरोना वैक्सीन की तुलना संजीवनी बूटी से की। उन्होंने भगवान हनुमान की संजीवनी बूटी ले जाते हुए तस्वीर को ट्वीट कर इस मुश्किल वक्त की घड़ी में साथ देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। कोरोना वैक्सीन पाकर खुद को धन्य महसूस करते हुए बोलसोनारो ने कहा कि कोरोना की जंग को लड़ने में मदद करने के लिए ब्राजील भारत का आभार व्यक्त करता है। हम भारत का धन्यवाद करते हैं। भारत के प्रति अपना स्नेह जाहिर करते हुए उन्होंने अपने ट्वीट के आखिर में हिंदी में धन्यवाद लिखा।
– Namaskar, Primeiro Ministro @narendramodi
– O Brasil sente-se honrado em ter um grande parceiro para superar um obstáculo global. Obrigado por nos auxiliar com as exportações de vacinas da Índia para o Brasil.
– Dhanyavaad! धनयवाद pic.twitter.com/OalUTnB5p8
— Jair M. Bolsonaro (@jairbolsonaro) January 22, 2021
ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा प्रभु हनुमान की तरह पहुंचाई संजीवनी बूटी
ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने इसके पहले भी प्रधानमंत्री मोदी की तुलना भगवान हनुमान से की करते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को संजीवनी बूटी बताया था। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से दी गई इस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से लोगों के प्राण बचेंगे और इस संकट की घड़ी में भारत और ब्राजील मिलकर कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने लिखा कि जिस तरह हनुमान जी ने हिमालय से पवित्र दवा (संजीवनी बूटी) लाकर भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण की जान बचाई थी, उसी तरह भारत और ब्राजील एक साथ मिलकर इस वैश्विक संकट का सामना कर लोगों के प्राण को बचा सकते हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में उन्हें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए धन्यवाद दिया। दरअसल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने भी प्रधानमंत्री मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर लगे बैन को हटाने का अनुरोध किया था। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से बैन हटाने के भारत के फैसले के बाद बोलसोनारो ने प्रधानमंत्री मोदी का तुलना भगवान हनुमान से कर डाली। भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सबसे बड़ा उत्पादक है।
प्रधानमंत्री मोदी कोरोना संकट काल में भी पूरी दुनिया के लिए संकटमोचक बने हैं। आइए डालते हैं एक नजर-
कोरोना संकट काल में भारत लगातार अपने मित्र देशों की मदद में जुटा है। भारत ने 22 जनवरी, 2021 को कोविशील्ड की 1.417 करोड़ खुराख भूटान, मालदीव, मॉरीसस, बांग्लादेश, नेपाल, म्यामांर ओर सेशेल्स में पहुंचाई। कोरोना काल में भारत ने पहले भी कई देशों को बड़ी संख्या में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, रेमडेसिविर और पेरासिटामोल गोलियों के साथ-साथ डायग्नोस्टिक किट, वेंटिलेटर, मास्क, दस्ताने और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की।
कोरोना से जंग में दुनिया की मदद कर रहे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार न सिर्फ देश में कोरोना महामारी से कुशलतापूर्वक लड़ रही है, बल्कि पूरी दुनिया को इस बीमारी से लड़ने में मदद भी कर रही है। भारत ने दुनिया भर में कोरोना से लड़ने के लिए हाइड्रोकिसीक्लोरोक्वीन दवा समेत जीवन रक्षक दवाएं भेजी हैं। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व मौजूदा कठिन स्थिति को देखते हुए भारत से इसके निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहने के बावजूद इस दवा की यह खेप मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए पहुंचाई गई।
55 से अधिक देशों में की गई दवा की आपूर्ति
कोरोना को मात देने में सक्षम समझी जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) की आपूर्ति को लेकर भारत दुनिया का सबसे अग्रणी देश बन गया। 55 से अधिक देशों में इस दवा की आपूर्ति की गई। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश भारत से इस दवा को खरीद रहे हैं, लेकिन गुआना, डोमिनिक रिपब्लिक, बुर्कीनो फासो जैसे गरीब देश भी हैं, जिन्हें अनुदान के तौर पर इन दवाओं की आपूर्ति की गई। भारत डोमिनिकन रिपब्लिक, जांबिया, युगांडा, बुर्कीना फासो, मेडागास्कर, नाइजर, मिस्र, माली कॉन्गो, अर्मेनिया, कजाखिस्तान, जमैका, इक्वाडोर, यूक्रेन, सीरिया, चाड, फ्रांस, जिंबाब्वे, जॉर्डन, केन्या, नाइजीरिया, नीदरलैंड्स, पेरू और ओमान को दवाएं भेज रहा है। साथ ही, फिलिपींस, रूस, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, स्लोवानिया, उज्बेकिस्तान, कोलंबिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), उरुग्वे, बहामास, अल्जीरिया और यूनाइटेड किंगडम (यूके) को भी मलेरिया रोधी गोलियां भेजा जा चुकी हैं।
भारतीय ही नहीं विदेशियों को भी सुरक्षित निकाला
भारत ने कोरोना काल में राहत और बचाव अभियान के मामले में सबसे अधिक उड़ानें भरी हैं। चीन, ईरान, इटली और जापान जैसे देशों से हजारों भारतीयों को निकाल कर देश वापस लाया गया। कोरोना प्रभावित इलाकों से भारत ने सिर्फ अपने नागरिकों को ही नहीं 10 से भी ज्यादा देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला। इनमें मालदीव, म्यामांर, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मैडागास्कर, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं।
सार्क देशों के प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने की चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 मार्च, 2020 को सार्क देशों के नेताओं के साथ कोरोना वायरस पर रोकथाम संबंधी चर्चा की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सार्क देशों के नेताओं के साथ क्षेत्र में कोविड-19 से मुकाबले के लिए साझा रणनीति बनाने के लिए बातचीत की। सहयोग की भावना के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशों के स्वैच्छिक योगदान के आधार पर कोविड-19 इमरजेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव रखा। साथ ही भारत ने फंड के लिए शुरू में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर भी दिए। प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों के आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कैप्सूलों की व्यवस्था करने और संभावित वायरस वाहकों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में मदद करने के लिए भारत के एकीकृत रोग निगरानी पोर्टल के सॉफ्टवेयर को साझा करने की भी पेशकश की। उन्होंने सुझाव रखा कि सार्क आपदा प्रबंधन केंद्र जैसे मौजूदा तंत्र का इस्तेमाल सबसे अच्छे तरीके से पूल के लिए हो सकता है।